नयी दिल्ली: लम्बी बीमारी के बाद दिल्ली लौटे रईस खान पठान (सदस्य सेंट्रल वक़्फ़ कौंसिल) ने आज पहली बार मीडिया से बात चीत की. वतन समाचार से बात चीत में उन्हों ने 65% युवा आबादी वाले देश वासिओं से अपील की कि वह दूसरों को हारने के लिए नहीं बल्कि खुद को आगे ले जाने के लिए काम करें.
उन्हों ने कहा कि हमारी यह मानसिकता बन चुकी है कि हम उसी वक़्त जीत सकते हैं जब हम दूसरों को हारने में सफल हो जाएँ. उन्हों ने कहा कि हमारी यह मानसिकता बन चुकी है कि हम उसी वक़्त कामिया होंगे जब हमारा साथी हार जाये, जो कि बिलकुल गलत है. उन्हों ने कहा कि हमारी कोशिश होनी चाहिए कि हम भी जीतें और हमारा साथी भी जीते तभी हम कामियाब होंगे और हमारा साथी भी कामियाब होगा.
पठान ने कहा कि हम लोगों को यह बात अच्छी तरह समझ लेनी चाहिए कि हम किसी का बुरा करके अपना भला नहीं कर सकते. उन्हों ने कहा कि हम को इतिहास में झांकना होगा.
रईस खान पठान ने कहा कि भारत एक ऐसा देश है जिस में युवाओं की आधी से ज़्यादा आबादी है. उन्हों ने कहा हमारी युवाओं से अपील है कि वह इस वक़्त इस बात पर ध्यान दें कि कैसे देश को मेनुफेक्चरिंग हब बनाया जाये. उन्हों ने कहा कि हम लोगों को इस बात पर ध्यान देना होगा कि हमारे यहाँ चीन अपना तिरंगा तक बेच रहा है, दिवाली पर अपने खिलौने वह हम को बेचता है, जो कि हमारे लिए शर्म की बात है. हम लोगों को इस बात पर ध्यान देना होगा.
पठान ने कहा कि जब तक हमारे युवा देश को आगे ले जाने के लिये आगे नहीं आएंगे और अपने साथ अपने लोगों को जिताने के लिए काम नहीं करेंगे तब तक देश तरक़्क़ी नहीं कर सकता.
ज्ञात रही कि रईस खान पठान लम्बी बीमारी के बाद आज दिल्ली पहुंचे और उन्हों ने पत्रकारों से बात चीत की. रईस खान पठान पिछले काफी समय से बीमार थी और मुंबई में अपना इलाज करा रहे थे. अब वह पूरी तरह ठीक हैं, और दिल्ली में उन्हों ने पहले की तरह लगों की सेवा करनी शुरू कर दी है. पठान भारत सरकार में शायद अकेले ऐसे इंसान हैं जो रोज़ 100 से ज़्यादा पत्र देश और विभिन्न प्रदेश की सरकारों को लगों के काम काज के लिए लिखते हैं. हर रोज़ उन से 200 लोग मिलने आते हैं और पठान किसी को मायूस नहीं होने देते हैं.
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