सऊदी अरब में 12000 साल पुराना ऊँट सामने आया है. आपने यह कहावत तो सुनी ही होगी कि ऊँट के मुंह में जीरा, लेकिन अगर आपको कोई 12000 साल पुराना ऊँट दिखाए तो शायद आप को यकीन ना आये और आप हयरत में पड़ जाएं और आप अपने आप पर कभी यक़ीन ना कर पायें, लेकिन यह सच है की, सऊदी अरब में में 12,000 साल पुराना ऊँट सामने आया है, और इस की खोज मारूफ टूरिस्ट मोहम्मद अल्शावी ने की है.
नक्काशी और मुसव्वेरी के जरिए चट्टानों पर बनी एक ऐसी तस्वीर सामने आई है जो 12000 साल पुरानी तारीख का पता देती है. इन चट्टानों पर ऊँट की तस्वीर बनी हुई है. इतिहासकारों की मानें तो यह तस्वीर 12000 साल पुरानी है.
दरअसल सऊदी अरब समेत पूरे खित्ते में ऊँट एक सवारी के तौर पर इस्तेमाल होता था और कई बार तो ऐसा देखने में आया है, कि अरब मेहमान नवाजी यानी उनके यहां आने वाले लोगों की खातिर करने में इस क़दर कुशादा दिल थे कि वह अपनी सवारी के ऊँट भी मेहमान की खातिर करने में कुर्बान कर देते थे.
दरअसल इस इलाके में ऊँट की अहमियत इसलिए है क्योंकि यह तिजारत/कारोबार के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता था, और इसीलिए इसे शोहरत भी हासिल हुई बिल्कुल उसी तरह जिस तरह चीन के लोग कश्तियों का इस्तेमाल करते थे, और वह उनके लिए मशहूर हुई.
अल अरबिया डॉट नेट उर्दू की रिपोर्ट के अनुसार मशहूर टूरिस्ट मोहम्मद अल्शावी ने अपने ट्विटर अकाउंट और इंस्टाग्राम पर 2 तस्वीरें शेयर की हैं, जिनसे पता चलता है कि इन 2 तस्वीरों में से एक तस्वीर सऊदी अरब के इलाके नजरान की है और दूसरी सऊदी अरब के उत्तर-पश्चिम इलाके की है. ज्ञात रहे कि इन दोनों जगहों के दरमियान तकरीबन 1400 किलोमीटर का फासला है, लेकिन इन चट्टानों पर बनी हुई तस्वीर बहुत कुछ कह रही है.
इतिहासकारों की मानें तो यह तस्वीर 12,000 साल पुरानी है. यह नक्काशी इस बात का पता देती है कि अपनी सवारी के लिए इस्तेमाल होने वाले ऊँट से अरब किस क़दर मोहब्बत करते थे. और उस की चीजों को किस तरह से संभाल संभाल कर रखते थे. शावी का कहना है कि उन्होंने ऐसी सैकड़ों तस्वीरें अरब के सहराओं और चट्टानों से ली है जो बहुत कुछ कहती है, जिन में बहुत पैगाम है.
इस संबंध में किंग सऊद यूनिवेर्सिटी के Department of Archaeology एसोसिएट प्रोफेसर अहमद अल-अबूदी का कहना है कि सऊदी अरब में चट्टानों पर बनाई गई तस्वीर की तादाद अनगिनत है और बहुत सी ऐसी तस्वीर है जिनके बारे में अभी तक पता नहीं चला है. उनका कहना है कि इन नक्काशी और इन मुसव्वेरी की उम्र 3000 साल से लेकर 12000 साल के दरमियान है.