तब्लीगी जमात से जुड़े लोगों के लिए अच्छी खबर है। तब्लीगी जमात से जुड़े 17 विदेशी नागरिक झारखंड हाईकोर्ट से बेल मिलने के छठे दिन मंगलवार को होटवार जेल से बाहर निकले। इससे पहले रांची सिविल कोर्ट में सभी 17 जमातियों की ओर से 10-10 हजार का दो बेल बाउंड भरा गया। कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद देर शाम में सभी जेल से रिहा हुए। इनमें लंदन का जाहिद कबीर, शिपहान हुसैन खान, यूके का महासीन अहमद, काजी दिलावर हुसैन, हॉलैंड का मो. सैफुल इस्लाम, त्रिनिदाद का नदीम खान, जांबिया का मूसा जालाब, फरमिंग सेसे, मलेशिया का सिति आयशा बिनती दाऊद, नूर रशीदा बिनती टोमेडी , नूर हयाती बिनती अहमद, नूर कमरूजामा, महाजीर बीन खामीस, मो. शफीक , मो. अजीम और वेस्टइंडीज का फारुक अल्बर्ट खान शामिल हैं। आठ जून को न्यायायुक्त नवनीत कुमार की अदालत से बेल याचिका खारिज होने के बाद इनके ओर से हाईकोर्ट में अपील की गई थी। मामले में 15 जुलाई को हाईकोर्ट ने जमानत दी थी। हालांकि, जबतक केस समाप्त नहीं हो जाता तब तक काेई भी विदेशी भारत छोड़कर नहीं जा सकते हैं। 17 विदेशियों में से मलेशिया की एक 22 वर्षीय महिला कोरोना संक्रमित पाई गई थी। झारखंड में कोरोना संक्रमण का यह पहला मामला था। तब्लीगी जमात से जुड़े 17 विदेशी नागरिकों को हिंदपीढ़ी के बड़ी मस्जिद और मदीना मस्जिद से गिरफ्तार किया गया था। छानबीन के बाद नौ अप्रैल को भादवि की धारा 188, 269, 270, 271 ''द फॉरेनर्स एक्ट 1946'' की धारा 13 14 (बी)(सी) और ''द नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट'' की धारा 51 के प्राथमिकी दर्ज की थी। इसके अलावा हिंदीपढ़ी के हाजी मेराज को भी आरोपित बनाया गया था। इन पर वीजा नियमों का उल्लंघन करने, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत महामारी नियमों का उल्लंघन, लॉक डाउन के नियमों का पालन नहीं करने , टूरिस्ट वीजा पर आकर धर्म का प्रचार प्रसार करने आदि का आरोप लगाया गया था।
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