बेटियां है रोशनी घर की‘ तथा ‘तालीम से ही होगी तरक्की‘ जैसी मुहिम से जुड़ने का लिया संकल्प.
जोधपुर 13 जनवरी। क़ौम अब्बासियान शेखावाटी-गोरावाटी जुमले पंच, जोधपुर के सदर हाजी इस्लामुद्दीन गौरी ने कहा कि इस्लामिक परम्पराओं के अनुसार शहर काजी सय्यद आबिद अली, सय्यद वाहिद अली, सय्यद फरहान अली एवं उदयमन्दिर रोशन नूरी मस्जिद भिस्तियान के पेश इमाम मौलाना मोहम्मद इमरान मिस्बाही की सरपरस्ती में 25वीं सामुहिक शादी में 42 जोड़ों का निकाह उदयमन्दिर स्थित मदरसा रोशन इस्लामिया में कराया गया।
कौम अब्बासियान के सचिव फिरोज खान अब्बासी ने बताया कि जोधपुरी शेरवानी एवं परम्परागत पोशाकों से सजे दुल्हों की बारातें राजस्थान के जयपुर, बैरी एवं जोधपुर के उदयमन्दिर आसन, नया तालाब, बम्बा, महावतों की मस्जिद, नागोरी गेट, खेतानाडी, नई सड़क, मदेरणा काॅलोनी, प्रतापनगर, पाल रोड, बनाड़ आदि स्थानीय क्षेत्रों से सजधज कर आई। निकाह पश्चात् लोगों ने एक दूसरे को गले मिलकर मुबारकबाद दी और खुशी में छुआरे बांटे।
कौम अब्बासियान के कोषाध्यक्ष रशीद सामरिया एवं नायब सदर अनवर पंवार ने बताया कि इन आयोजनों का मकसद शादियों में फिजूल खर्ची रोकना और सादगी व इस्लामिक परम्पराओं से सामुहिक शादियां कराना है। नये जोड़ों का कौम के 15 हजार लोगों की मौजूदगी में आर्शीवाद समारोह एवं सामुहिक खाने का कार्यक्रम उदयमन्दिर स्थित मदरसा रोशन इस्लामिया परिसर एवं अब्बासी विकास समिति सामुदायिक भवन में रविवार 14 जनवरी को प्रातः 11 बजे से 3 बजे के मध्य होगा। कैाम के जाजम मुंसिफ नूर मोहम्मद कुरैशी एवं संयोजक ईदू खां रेवासा ने बताया कि इस आर्शीवाद समारोह में देश एवं प्रदेश से कौम अब्बासियान सहित प्रशासनिक लोग, जनप्रतिनिधिगण एवं शहर के मौजिज लोत करेगें।
नायब सदर ताज मोहम्मद सैद ने बताया कि सहसंयोजक हाजी मोहम्मद बैलिम, पीर बक्श भाटी, हाफीज तुर्कमान, नायब सदर असलम सोलंकी, रमजान तुर्कमान, सहसचिव निजामुद्दीन भाटी, जाकिर हुसैन सैद, निजामुद्दीन कुरैशी, सहकोषाध्यक्ष मोहम्मद हाशम मास्टर, मदरसा बर्तन प्रभारी आमीन लंगा, मस्जिद प्रभारी सिकन्दर पंवार, बयतुलमाल प्रभारी सलीम कुरैशी तथा सरपरस्त इमामुद्दीन भाटी, अहसान बैलिम, चांद मोहम्मद बैलिम, बुन्दू हसन अब्बासी, हाजी अकबर पंवार, सलीम पंवार, रशीद खान अब्बासी, हुसैन सामरिया, मुनीर खां चैहान, मुस्तकीम भाटी, इस्लामुद्दीन बैलिम सहित कौम के नौजवानो, बुजुर्गो एवं औरतों को इस सामुहिक शादी को यादगार एवं सफल बनाने के लिए विभिन्न कमेटियों के रूप में जिम्मेदारियां सौंपी गई है।
राज्य सरकार से मिली आर्थिक सहायता - इस विवाह में पंजीकृत दुल्हा-दुल्हन को सामुहिक विवाह के बढ़ावे के लिए राज्य सरकार की ओर से 15 हजार रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जायेगी।
अनूठी पहल के लिए हुई सराहना - कौम अब्बासियान के बुजुर्गेा एवं काजी ने सभी दुल्हों की सराहना की। वे बगैर नाच-गाने, बैण्ड बाजे व पटाखों के आये और उन्होंने इस्लामी सुन्नत तरीके व सादगी से निकाह का दस्तूर अदा किया।
‘बेटियां है रोशनी घर की‘ तथा ‘तालीम से ही होगी तरक्की‘ जैसी मुहिम को लोगों तक पहुंचाने के लिए सामुहिक शादी में इसे एक अभियान की शक्ल में अपनाकर, आमजन को रूबरू कराने का संकल्प लिया गया।