यह देश हमारा है। हमने ही इसको सजाया संवारा है।इस की आज़ादी में हमारा खून सबसे ज़्यादा है हमें यहां से कोई नहीं निकाल सकता। अलबत्ता हमारा इंतशार हमारा दुश्मन है। जिसने हमें कमज़ोर कर दिया है और बुजदिल हमें मारने काटने की धमकियां दे रहे हैं इन विचारों को ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन दिल्ली के अध्यक्ष कलीमुल हफ़ीज़ ने व्यक्त किया। वह कर्दमपुरी वार्ड में उलेमा, अयमा,शिक्षकों, वकीलों और मुअज़्ज़िन खिताब कर रहे थे।कलीमुल हफ़ीज़ ने कहा कि पूरे मुल्क के गोसे गोसे में हमारे उरूज के निशान मौजूद हैं। हम अपना किरदार भूल बैठे हैं तब से ज़वाल का शिकार हो गए हैं हमें इत्तेहाद का अलंबरदार बनाया गया था और हम मुंतशिर हो गए हमें इक़रा का सबक पढ़ाया गया था और हम जहालत के ग़ार में गिर गए।
हमारे लिए सफ़ाई आधा ईमान था मगर हमने गंदगी को सेवा बना लिया है।हुक्मरां बनाया गया और हमने गुलामी को मुक़द्दर समझ लिया। मस्जिद के अयमा ने सियासत की इमामत छोड़ दी तो क़ौम पिछड़े वर्ग में चली गई। मेरी गुजारिश है कि आप हजरात अपने मक़ाम को पहचानिए आप ख़ैर उम्मत हैं क़यादत आपका हक़ है।सदर ए मजलिस ने कहा कि आज दूसरी क़ौमें हमें नेस्तनाबूद करने के मंसूबाबंदी कर रही है। खुलेआम पैगंबर ए इस्लाम पर कीचड़ उछाली जा रही है खुलेआम मुसलमानों को क़त्ल करने और मारने की धमकियां दी जा रही हैं लेकिन वह शायद भूल गए हैं कि हर मुसलमान शहादत की आरज़ु लेकर पैदा होता है यह हमारा मुल्क है।
इसे हिंदुस्तान हमने बनाया है यहां से हमें कोई नहीं निकाल सकता अब हमारे अच्छे दिन शुरू होने वाले हैं अब हमें एक मंसूबादाना और बा हिम्मत क़ायद मिल गया है जो काले कानूनों को भरी पार्लियामेंट में फाड़ देता है अब हमारी क़यादत के दिन शुरू हो गए हैं अल्लाह पर ईमान रखने वाले अल्लाह के अलावा किसी से नहीं डरते हम हजारों आजमाइशों के बाद भी जिंदा है और जिंदा रहेंगे।ज़रूरत है कि उम्मते मुस्लिमा अपने किरदार अदा करें इंसानियत की ख़िदमत करना हमारी आदत है है हमें इस मुल्क को बचाना है यहां के आईन को बचाना है।
हार जीत से बेपरवाह होकर आप मुत्तहिद होकर मजलिस की हिमायत करें हार जीत के फैसले जमीन पर नहीं आसमान पर होते हैं प्रोग्राम का आगाज़ तिलावते कुरान से हुआ। मक़ामी जिम्मेदारान के अलावा संगठन सचिव अब्दुल अब्दुल ग़फ़्फ़ार सिद्दीकी साहब ने ख़िताब किया।
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