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आम आदमी पार्टी ने 2019 लोकसभा चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया

प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने बताया कि अभी कुछ दिनों पहले उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जी के नेतृत्व में मेनिफेस्टो बनाने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया था। जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉक्टर मनोज कुमार, आईआईटियन सीमा जोशी, जाकिर हुसैन कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर लक्ष्मण यादव, विवेकानंद कॉलेज के

By: वतन समाचार डेस्क

 नई दिल्ली 25 अप्रैल 2019: बृहस्पतिवार को एक प्रेस वार्ता के माध्यम से आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, राज्यसभा सांसद संजय सिंह, दिल्ली प्रदेश संयोजक गोपाल राय एवं पार्टी के सातों लोकसभा सीटों से प्रत्याशियों की मौजूदगी में अपना 2019 लोकसभा चुनाव हेतु दिल्ली के लिए बनाया गया घोषणा पत्र जारी किया।

प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने बताया कि अभी कुछ दिनों पहले उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जी के नेतृत्व में मेनिफेस्टो बनाने के लिए एक कमेटी का गठन किया गया था। जिसमें दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉक्टर मनोज कुमार, आईआईटियन सीमा जोशी, जाकिर हुसैन कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर लक्ष्मण यादव, विवेकानंद कॉलेज के प्रोफेसर डॉ सीपी कपूर, दिल्ली विश्वविद्यालय के रिसर्च स्कॉलर मनोज गुप्ता शामिल थे। इन सभी लोगों के सहयोग से यह घोषणा पत्र तैयार किया गया है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि 2019 का यह चुनाव किसी एक पार्टी के घोषणा पत्र का चुनाव नहीं है। 2019 का यह चुनाव भारत को बचाने का चुनाव है। यह चुनाव भारत के जनतंत्र को बचाने का चुनाव है। यह चुनाव भारत के संविधान को बचाने का चुनाव है। 2019 का यह चुनाव भारतीय राजनीति के लिए एक महत्वपूर्ण टर्निंग प्वाइंट बन सकता है।

भारत हजारों साल पुराना देश है, जहां पर हर धर्म, हर जाति के लोग रहते हैं। हम लोग हिंदू हो सकते हैं, मुसलमान हो सकते हैं, परंतु सबसे पहले हम सभी लोग भारतवासी हैं। भारतवर्ष पर कई बार कई तरह के हमले हुए, परंतु भारत उन सभी हमलों को सह पाया, क्योंकि भारत एक था। भारत में रहने वाले सभी धर्मों के, सभी जातियों के, सभी क्षेत्र के, सभी संस्कृति के लोग एक थे। आज भारत की 4000 साल पुरानी सभ्यता, संस्कृति, एकता और अखंडता पर प्रहार हो रहा है। अगर हम लोग धर्म और जाति के नाम पर बट गए तो भारत नहीं बचेगा। 2019 का चुनाव भारत की 4000 साल पुरानी संस्कृति को बचाने का चुनाव है।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भाजपा भारत की 4000 साल पुरानी संस्कृति को तोड़ना चाहती है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के एक ट्वीट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि अमित शाह ने अपने ट्वीट के माध्यम से कहा है, अगर इस बार भाजपा सरकार में आई तो हिंदू, सिख और बुद्धिस्ट को छोड़कर बाकी सभी धर्म और समुदाय के लोगों को देश से बाहर निकाल देंगे। इसका अर्थ यह है कि भारतीय जनता पार्टी मुसलमानों, क्रिश्चियनों, पारसियों जैनियों और अन्य ऐसे ही समाजों को घुसपैठिया मानती है।

भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से प्रश्न पूछते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा, कि देश की सवा सौ करोड़ की आबादी में से लगभग 20 से 25 करोड़ लोग इन्हीं समुदाय से संबंध रखते हैं। क्या भाजपा इन सभी लोगों की हत्या करवा देगी? क्या भाजपा इन सभी लोगों के साथ मॉब लिंचिंग करवाएगी या फिर इन सभी लोगों को प्रशांत महासागर में फेंक दिया जाएगा? भाजपा बताएं कि किस प्रकार से इन सभी लोगों को देश के बाहर निकालेगी?

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मीडिया के कैमरे के सामने भाजपा ने जो मेनिफेस्टो दिखाया था, भाजपा का असल मेनिफेस्टो वह नहीं है। बल्कि अमित शाह जी ने अपने ट्विटर में जो एक लाइन बोली है वह भाजपा का असल मैनिफेस्टो है।

 मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा की आज आम आदमी पार्टी का सबसे बड़ा घोषणा पत्र यह है कि किसी भी प्रकार से देश को मोदी और शाह की इस तानाशाही से बचाना है, और देश की सत्ता में दोबारा से इस तानाशाह जोड़ी को आने से रोकना है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी मोदी और शाह की इस तानाशाही जोड़ी को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करने के लिए तैयार है।

उन्होंने कहा कि इस बार देश में गठबंधन की सरकार बनने जा रही है। भाजपा को छोड़कर आम आदमी पार्टी हर उस सरकार का समर्थन करने को तैयार है, जो देश के संविधान में, देश की अखंडता और एकता में सेकुलरिज्म में विश्वास रखती हो।

जिस भी पार्टी की सरकार केंद्र में बनेगी उस को समर्थन देने के साथ-साथ हम सरकार के समक्ष दिल्ली की जनता की 70 साल पुरानी मांग पूर्ण राज्य को रखेंगे, और उनसे उम्मीद करेंगे कि वह दिल्ली की जनता को उनका हक पूर्ण राज्य दे। आज देश के सभी राज्यों चाहे वह उत्तर प्रदेश हो, हरियाणा हो, पंजाब हो, कर्नाटक हो, मेघालय हो, मणिपुर हो या त्रिपुरा हो, सभी राज्यों के पास पूर्ण राज्य का अधिकार है, तो फिर दिल्ली की जनता का क्या कसूर है? दिल्ली वालों के पास पूर्ण राज्य का अधिकार क्यों नहीं है? देश के अन्य राज्यों में जनता जो सरकार चुनती है, उस राज्य सरकार के पास अपने राज्य में विकास करने के सारे अधिकार होते हैं, परंतु दिल्ली की सरकार के पास कोई भी अधिकार नहीं है ऐसा क्यों है?

आज देश में जो चुनावी माहौल है उसको देखते हुए यह बिल्कुल साफ हो गया है कि देश में गठबंधन की सरकार बन रही है। दिल्ली की यह 7 सीटें देश की केंद्र में बनने वाली अगली सरकार को तय करने में अहम भूमिका निभाएंगी। यह 7 सीटें केंद्र में सरकार बना भी सकती है और सरकार को गिरा भी सकती हैं। आम आदमी पार्टी के सातों प्रत्याशी उसी सरकार को समर्थन देंगे जो दिल्ली की जनता का हक पूर्ण राज्य दिल्ली को दिलाएगी। आम आदमी पार्टी का आज सबसे बड़ा मेनिफेस्टो दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य का हक है।

आज दिल्ली में अपराध अपने चरम सीमा पर है। पूरे विश्व में दिल्ली रेप कैपिटल के नाम से जानी जाती है। 6 - 6 साल की मासूम बच्चियों के साथ बलात्कार की घटनाएं हो रही है। पुलिस जनता की कोई बात नहीं सुनती, पुलिस कहती है कि हम सीधे प्रधानमंत्री के अधीन आते हैं। प्रधानमंत्री के पास जनता से मिलने का समय नहीं है। अगर दिल्ली पूर्ण राज्य होगा तो दिल्ली की पुलिस राज्य सरकार के अधीन होगी और दिल्ली की पुलिस की जवाबदेही जनता के प्रति तय की जाएगी। हमारी महिलाएं सुरक्षित होंगी। आज दिल्ली पुलिस विभाग में दो-तिहाई वैकेंसी खाली पड़ी है। दिल्ली पूर्ण राज्य बनेगा तो इन खाली वैकेंसीयों पर भर्ती की जाएगी, दिल्ली की कानून व्यवस्था और बेहतर होगी तथा दिल्ली से अपराध को समाप्त किया जाएगा।

आज दिल्ली में कॉलेजों की बेहद कमी है। कई दशकों से दिल्ली में कोई नई यूनिवर्सिटी नहीं बनी है। दिल्ली के छात्रों को 95% नंबर लाने के बावजूद भी दिल्ली के कॉलेजों में दाखिला नहीं मिलता है। दिल्ली पूर्ण राज्य बनेगी तो दिल्ली में नए कॉलेजों का निर्माण किया जाएगा। 85% सीटें दिल्ली के स्कूलों से 12वीं पास करने वाले छात्रों के लिए आरक्षित की जाएंगी। 60% नंबर लाने वाले बच्चों को भी अच्छे कॉलेजों में दाखिला मिलेगा।

आज दिल्ली का युवा बेरोजगार घूम रहा है। दिल्ली में ऐसी व्यवस्था है जिसके तहत बाहरी राज्यों के बच्चे भी दिल्ली सरकार में नौकरी प्राप्त कर सकते हैं। जिसके कारण दिल्ली के युवाओं में बेरोजगारी का स्तर बढ़ता जा रहा है। दिल्ली पूर्ण राज्य बनेगी तो हम ऐसी व्यवस्था बनाएंगे जिसके तहत दिल्ली की सरकारी नौकरियों में 85% नौकरियां दिल्ली के वोटरों के लिए आरक्षित की जाएंगी।

आज दिल्ली में लाखों कर्मचारी ठेके पर काम करते हैं। दिल्ली सरकार कैबिनेट ने कई बार इन कर्मचारियों को पक्का करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार के पास भेजा, परंतु केंद्र सरकार से कर्मचारियों को पक्का करने की अनुमति नहीं मिली। दिल्ली पूर्ण राज्य बनेगी तो 1 हफ्ते के अंदर दिल्ली के सभी ठेका कर्मचारियों को पक्का किया जाएगा। इसी प्रकार दिल्ली सरकार दिल्ली के गैस्ट टीचरों को पक्का करना चाहती है। कई बार दिल्ली कैबिनेट केंद्र सरकार के पास इस संबंध में प्रस्ताव भेज चुकी है। परंतु केंद्र सरकार उस पर मंजूरी नहीं देती। दिल्ली पूर्ण राज्य बनेगा तो दिल्ली के सभी गेस्ट टीचरों को उनका हक दिया जाएगा, उनकी नौकरियों को पक्का किया जाएगा।

दुनिया के किसी भी देश में चले जाइए वहां की राजधानियां कितनी साफ-सुथरी और चमचमाती हुई दिखती है। दिल्ली भारत की राजधानी है परंतु जहां भी देखो हर तरफ कूड़ा कूड़ा नजर आता है। दिल्ली की सफाई की जिम्मेदारी एमसीडी की है, जो कि केंद्र सरकार के अधीन आती है। दिल्ली सरकार का एमसीडी पर कोई कंट्रोल नहीं है। दिल्ली पूर्ण राज्य बनेगी तो दिल्ली को भी बाकी देशों की राजधानियों की तरह ही साफ सुथरा और चमचमाता हुआ बनाया जाएगा।

70 साल पहले डीडीए का निर्माण किया गया था, ताकि देश के हर गरीब को घर मुहैया कराया जा सके। आज डीडीए भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है। गरीबों को घर देने के बजाय डीडीए ने  बड़े-बड़े बिल्डरों को जमीन मुहैया कराने का काम किया। आज मिडिल क्लास आदमी के लिए एक घर खरीदना नामुमकिन हो गया है। दिल्ली पूर्ण राज्य बनेगी, दिल्ली में रहने वाले हर परिवार को सस्ती और आसान किस्तों पर घर बना कर दिया जाएगा।

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ने ही दिल्ली की जनता के साथ विश्वासघात किया है। कांग्रेस ने भी दिल्ली की जनता को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने का वादा किया था। कांग्रेस की बात पर विश्वास करके दिल्ली की जनता ने दो बार दिल्ली की सातों सीटों से कांग्रेस को जिताया। इसी प्रकार 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी जी ने खुद दिल्ली की जनता से वादा किया कि अगर भाजपा के सातों सांसद जीते तो दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाएंगे। दिल्ली की जनता ने भाजपा को भी सातों सांसद जीता कर दिए, परंतु मोदी जी ने भी दिल्ली की जनता को धोखा दिया।

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अगर दिल्ली की सातों सीटों से आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी जीते तो हमें कुछ भी करना पड़े परंतु इस बार हम दिल्ली के लिए पूर्ण राज्य का हक लेकर रहेंगे।

प्रेस वार्ता में मौजूद दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि कानून के तहत बहुत सारे काम दिल्ली सरकार के अधीन आते हैं, परंतु पूर्णराज्य न  होने की वजह से उनको करने में बहुत सारी अड़चनें आती है। दिल्ली पूर्ण राज्य बनेगा तो दिल्ली सरकार सभी विकास के कार्यों को स्वतंत्रता पूर्वक कर सकेगी।

उन्होंने कहा दिल्ली का कर-दाता केंद्र सरकार को सबसे ज्यादा टैक्स इकट्ठा करके देता है। परंतु दिल्ली की जनता के साथ सौतेला व्यवहार होता है। अन्य राज्यों को विकास के लिए हजारों करोड़ रुपए केंद्र की सरकार की ओर से दिए जाते हैं, परंतु दिल्ली को मात्र 325 करोड रुपए केंद्र सरकार से मिलते हैं। अगर दिल्ली पूर्ण राज्य बनेगी तो दिल्ली को भी अन्य राज्यों की भांति हजारों करोड़ रुपए विकास के लिए मिलेगा।

मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज दिल्ली में बहुत सारे ऐसे मुद्दे है जिसकी मार दिल्ली की जनता झेल रही है। उसमें एक बहुत बड़ा मुद्दा है दिल्ली में हो रही सीलिंग। दिल्ली के व्यापारी एक लंबे समय से सीलिंग की मार को झेल रहे हैं। अगर दिल्ली पूर्ण राज्य होता तो दिल्ली के मुख्यमंत्री, दिल्ली की चुनी हुई सरकार 1 दिन के अंदर अध्यादेश जारी करके दिल्ली की सीलिंग को रुकवा सकते थे।

जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी, तो पहले ही वर्ष दिल्ली सरकार ने दिल्ली के लिए लोकपाल बिल बनाकर कैबिनेट में पास कर उसे केंद्र सरकार की मंजूरी के लिए भेज दिया। परंतु केंद्र सरकार ने आज तक उस पर मंजूरी नहीं दी। अगर दिल्ली पूर्ण राज्य होती तो अब तक दिल्ली का लोकपाल बिल पास हो चुका होता, केंद्र सरकार की मंजूरी का इंतजार नहीं करना पड़ता।

मनीष सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में कुछ लोगों द्वारा एक भ्रम फैलाया जा रहा है, कि दिल्ली देश की राजधानी है यह पूर्ण राज्य कैसे हो सकती है। उन्होंने कहा कि हमने अपने मेनिफेस्टो में कई देशों का उदाहरण देते हुए यह समझाया है कि किस प्रकार से देश की राजधानी को भी पूर्ण राज्य बनाया जा सकता है। लंदन, बर्लिन, मॉस्को, मैक्सिको, इटावा, वाशिंगटन इसके महत्वपूर्ण उदाहरण है।

इस मेनिफेस्टो के जरिए हमने दिल्ली की पूर्ण राज्य की समस्या को सुलझाने का एक रास्ता सुझाया है। दिल्ली में एनडीएमसी का इलाका, कैंटोनमेंट एरिया और दूतावास का एरिया छोड़कर, बाकी पूरी दिल्ली के संबंध में हर प्रकार के अधिकार दिल्ली सरकार के पास होने चाहिए। ताकि दिल्ली की जनता अपनी चुनी हुई सरकार के समक्ष अपनी मांगे रख सके और दिल्ली की सरकार जनता के विकास के लिए सभी कार्यों को स्वतंत्रता पूर्वक कर सकें।

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