नयी दिल्ली: सकारात्मक सोच के साथ सकारात्मक दिशा में इंडियन मुस्लिमस फॉर प्रोग्रेस एंड रिफॉर्म्स नामी संस्था ने एक और ऐतिहासिक फैसला लिया है. इम्पार के एक सदस्य ने बताया कि इम्पार ने शाहीन बाग की महिलाओं के साथ कुछ नया करने के दृढ़ निश्चय के साथ महिलाओं पर आधारित "अतुल्य शाहीन बाग" की भी शुरुआत की है, जिसका मकसद (उद्देश्य) जात और मजहब से ऊपर उठकर 200 गरीबों को खाना प्रदान करने के साथ-साथ महिलाओं को सशक्त बनाने और उनको स्किल सिखाने और बच्चों को शिक्षा देने के लिए कोचिंग सेंटर की स्थापना है.
इम्पार के अनुसार अभी इस ग्रुप में 35 महिलाओं को शामिल किया गया है और साथ ही और महिलाओं को जोड़ करके इस ग्रुप को और बड़ा किया जाएगा, ताकि समाज सेवा के क्षेत्र में ऐतिहासिक योगदान दिया जा सके और वह बच्चे जो भूख से परेशान हैं या वह लोग जिनके अंदर टैलेंट है लेकिन उनका हुनर देश और दुनिया के सामने नहीं आ पा रहा है उनको एकत्रित करके उनके पेट को भरना और उनको होनर सिखाना दोनों शामिल है.
इस ग्रुप से जुड़ी अमीना शेरवानी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि मुस्लिम महिलाओं के बारे में यह बात कही जाती है कि वह घरों से नहीं निकलती हैं या वह कुछ नहीं कर सकती, इस सोच को तोड़ने के लिए हम लोगों ने सेवा भाव से आगे आने का फैसला किया है. उन्होंने कहा कि इस ग्रुप के माध्यम से हम 200 गरीब बच्चों को अच्छा खाना प्रदान करेंगे और इसके लिए बच्चों को सर्वे के माध्यम से चिन्हित किया जाएगा.
उन्होंने कहा कि हमारे ग्रुप में धर्म और समुदाय और जात की कोई क़ैद नहीं है. हमारा मकसद देश की सेवा और गरीबों की सेवा है. उन्होंने कहा कि इसके साथ ही हमारा उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना भी है, ताकि महिलाएं अपने पैरों पर खड़ी हो सकें. उसके लिए सिलाई कढ़ाई सेंटर के साथ दूसरे हुनर भी उन्हें सिखाए जाएंगे.
उन्होंने कहा कि इसके अलावा बच्चों की शिक्षा के लिए कोचिंग सेंटर भी चलाए जाएंगे. इसमें बच्चों को ऐसे तमाम विषय के बारे में पढ़ाया जाएगा जिससे वह सोसाइटी में अपना अस्तित्व बना सकें. उन्होंने कहा कि उनकी ट्रेनिंग के जरिए महिलाओं को रोजगार से जोड़ना भी हमारे उद्देश में शामिल है, ताकि वह दूसरों पर निर्भर ना रहें और अपने पैरों पर खड़ी हो सके.
इस ग्रुप की सदस्य शबीना खान ने बताया कि इस ग्रुप के माध्यम से मुस्लिम महिलाओं में तब्दीली लाई जाएगी और उनकी सोच को प्रगतिशील बनाया जाएगा ताकि वह जिंदगी के हर क्षेत्र में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले सकें. उन्होंने कहा कि आज भी मुस्लिम बच्चियां पूरी तरह शिक्षित नहीं हो पाई हैं, क्योंकि बहुतों के पास साधन और संसाधन दोनों की कमी है, इसलिए हमारा उद्देश्य उनको साधन और संसाधन से जोड़ना है.
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