अनुपम खेर अब आखिर किस बात पर दे रहे हैं सफाई
द कश्मीर फाइलस फिल्म में मुख्य भूमिका निभाने वाले अनुपम खेर लगातार कश्मीर पर इस फिल्म को लेकर ट्वीट करते हुए नज़र आ रहे हैं।
कश्मीर फाइल्स फिल्म पर लगे कई आरोपों को धोते हुए अनुपम खेर भी अपनी सफाई में उतर आए हैं, और एक ऐसा वीडियो अपलोड कर दिया है जिससे उन्होंने साफ-साफ सारे आरोपों को धोने की कोशिश की है और बता दिया है कि मैं इस फिल्म से पहले भी कश्मीरी पंडितों के लिए काम करता रहा हूं।
यह फिल्म अनुपम खेर के लिए केवल अभिनेता के रूप से ज़्यादा प्रतीत हो रही है, और अनुपम खेर ने फिल्म के प्रमोशन के समय भी कहा था कि यह फिल्म उनके दिल से जुड़ी हुई है ।
उन्होंने अपनी संवेदनाएं और पीड़ा फिल्म के प्रमोशन के समय भी व्यक्त की थी।
इसी के साथ-साथ अनुपम खेर और टीम पर लगातार आरोप लगे कि 1990 और 80 के दशक में हुए कश्मीरी पंडितों के नरसंहार के बाद आज 2022 में अचानक से कश्मीरी पंडितों के नरसंहार की याद कैसे ताज़ा हो गई और इससे पहले आपने कश्मीरी पंडितों के लिए क्या कदम उठाए।
इस फिल्म पर उठते सवालों पर लगातार फिल्म की टीम समेत डायरेक्टर कभी न्यूज़ चैनल कभी ट्वीटर के ज़रिए जवाब दे रहे हैं।
लेकिन इस सिलसिले में अब अनुपम खेर भी आगे आ गए हैं और अनुपम खेर ने सालों पुराना अपना एक वीडियो शेयर किया है जिसमें वह बता रहे हैं कि उन्होंने कशमीरी पंडितों के नरसंहार के लिए पहले भी कदम उठाए है जिसके चलते उन्होंने 1993 में दिल्ली में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर एक स्पीच दी थी ।
वह पहले से ही कश्मीरी पंडितों से जुड़ाव महसूस करते हैं और उनकी पीड़ा को समझते हैं। 1993 की वीडियो में अनुपम खेर कहते हुए सुनाई पड़ रहे हैं कि कभी-कभी हैरानी होती है और दुख होता है कि यह सब कैसे हो गया,इस वीडियो में अपने परिवार कि दर्द कि दासतान सुनाते हुए अनुपम ने कहा कि मेरे परिवार को एक ट्रक में कश्मीर से भागना पड़ा , और जज़्बाती एवं भावुक होकर बोले थे कि जब अपना घर है तो हम अपने घर रहेंगे और कोई ताकत हमें अपने घर जाने से नहीं रोक सकती।
इस स्पीच के आख़िर में अनुपम ने कहा - अगर कोई शांति प्रिय बिरादरी है तो इस बिरादरी से शांति प्रिय कोई नहीं होसकता है ।
इस 2 मिनट 20 सेकेन्ड कि वीडियो को टवीट करते हुए अनुपम खेर ने लिखा-
कश्मीरी हिंदुओं के नरसंहार के बाद 1993 में दिल्ली में उनके द्वारा एक गोष्ठी का आयोजन किया गया था! जहाँ मुझे सम्मानित करने के साथ कुछ बोलने को भी कहा गया था।ये रही वो स्पीच।मैंने अपने ही देश में इन रिफ्यूजियों की आवाज़ बनने की हमेशा कोशिश की है।#TheKashmirFiles
हालांकि अनुपम खेर का यह ट्वीट साफ-साफ बताता है कि अनुपम खेर कश्मीरी पंडितों के नरसंहार को लेकर अपने बचाव में सामने आ गए हैं और बता रहे हैं कि वह कश्मीरी पंडितों के लिए पहले भी कदम उठा चुके हैं।
कश्मीर फाइलस फिल्म पर विवाद अब थोड़ा थम रहा है, लेकिन फिल्म की टीम कश्मीर फाइल्स पर खामोश नहीं हो रही है, जिसके चलते यह भी आभास लगाया जा सकता है कि यह फिल्म के प्रमोशन का एक तरीका है।
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