Hindi Urdu TV Channel

NEWS FLASH

नमाज़ के समय संघ के लोग जामाअत-ए-इस्लामी वालों के साथ सहयोग करते थे: गेम चेंजर मोदी

फ्रांसीसी राजनीति शास्त्री क्रिस्टोफ जैफ्रेलॉट ने भी यही बात देखी. उन्होंने देखा कि जमात-ए-इस्लामी और संघ के सदस्य एक साथ जेल में बंद थे. मुसलमानों के घरों और पुरानी दिल्ली में तुर्कमान गेट के गिराए जाने से मुसलमान बहुत नाराज थे. दिल्ली के जामा मस्जिद के शाही इमाम ने आरएसएस से प्रतिबंध हटाए जाने की मांग का समर्थन किया. (क्रिस्टोफ जैफ्रेलॉट, दि हिंदू नेशनलिस्ट मूवमेंट ऐंड इंडियन पॉलिटिक्स, पेंगुइन बुक्स, नई दिल्ली, 1999, पृष्ठ 285-286).

By: Mohammad Ahmad
फाइल फोटो

...जेल में संघ के कार्यकर्ताओं के व्यवहार को देखकर मुस्लिम कार्यकर्ताओं को एहसास हो गया कि झूठे प्रचार के कारण गलतफहमी में थे. नमाज के समय संघ के कार्यकर्ता उनके साथ पूरा सहयोग करते. रमजान के पाक महीने में वे रात के दो बजे उठ जाते और जेल में बंद मुसलमान भाइयों के लिए ,सेहरी, पकाते. जमात-ए-इस्लामी के कार्यकर्ता भी जेल के भीतर सभी आयोजनों में हिस्सा लेते थे.,

फ्रांसीसी राजनीति शास्त्री क्रिस्टोफ जैफ्रेलॉट ने भी यही बात देखी. उन्होंने देखा कि जमात-ए-इस्लामी और संघ के सदस्य एक साथ जेल में बंद थे. मुसलमानों के घरों और पुरानी दिल्ली में तुर्कमान गेट के गिराए जाने से मुसलमान बहुत नाराज थे. दिल्ली के जामा मस्जिद के शाही इमाम ने आरएसएस से प्रतिबंध हटाए जाने की मांग का समर्थन किया. (क्रिस्टोफ जैफ्रेलॉट, दि हिंदू नेशनलिस्ट मूवमेंट ऐंड इंडियन पॉलिटिक्स, पेंगुइन बुक्स, नई दिल्ली, 1999, पृष्ठ 285-286).

मोदी ने गुजरात की जेलों में मीसा के तहत बंद लोगों के जरिए संचार का एक बेहतरीन नेटवर्क तैयार कर लिया था. उन्हें अपने इस नेटवर्क पर बहुत अधिक भरोसा था. उनका दावा था कि वे 24 घंटे के भीतर जेल में किसी भी व्यक्ति तक सूचना पहुंचा सकते थे. मोदी और उनकी टीम ने जेल के भीतर कर्मचारियों और पुलिसकर्मियों की संख्या, उनकी दिनचर्या, हफ्ते भर के कार्यक्रम, जेल में बंद कार्यकर्ताओं की संख्या आदि तमाम बारीक से बारीक बातों की जानकारियां जुटा ली थीं. (नरेंद्र मोदी, आपात्काल में गुजरात, पृष्ठ 129).

गुजरात लोक संघर्ष समिति ने जनता छापू (जनता अखबार) नाम से एक भूमिगत पत्रिका निकालने का फैसला किया. समिति के सचिव भोगीलाल गांधी के संपादन में यह पत्रिका 2 जुलाई से प्रकाशित होने लगी थी. सही खबर जुटाने का काम आरएसएस को सौंपा गया था. इमर्जेंसी लागू होने के महीने भर के भीतर आरएसएस खबर जुटाने, उसे प्रकाशित और वितरित करने के लिए एक बेहतरीन नेटवर्क तैयार कर लिया था. आरएसएस की ओर से संचार का जिम्मा संभालने वाले मोदी ने इस मामले में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. लेकिन बाहरी दबावों के चलते यह पत्रिका बंद हो गई. स्थानीय रूप से प्रकाशित होने वाली साधना पत्रिका ने जनता अखबार की जगह ले ली थी. इस पत्रिका ने विरोधियों की भूमिगत गतिविधियों के बारे में खबरें छापनी शुरू कर दी थी. लेकिन सरकार के दबाव के कारण यह पत्रिका भी बंद हो गई. सरकार ने जुलाई 1976 में साधना के दफ्तर को सील कर दिया और उसके मुख्य कर्मचारियों को जेल भेज दिया. इसके बाद एक भूमिगत पत्रिका मुक्तवाणी शुरू की गई. मोदी खबरदार के छद्म नाम से इसका संपादन करते थे.

इमर्जेंसी ने अहिंसा में मोदी के भरोसे और मजबूत कर दिया. पूरे आंदोलन के दौरान आरएसएस कार्यकर्ताओं व दूसरे लोगों से कह दिया गया था कि वे किसी भी प्रकार की हिंसात्मक कार्रवाई में हिस्सा न लें, चाहे उनके सामने कितनी ही भड़काऊ स्थिति न आ जाए और इस बात की परीक्षा तब हुई जब सरदार पटेल की बेटी मणिबेन पटेल ने अहमदाबाद से डांडी के लिए एक विरोध मार्च निकाला. पुलिस ने मार्च में हिस्सा लेने वालों को रास्ते में ही गिरफ्तार कर लिया. लेकिन गंभीर नतीजों के डर से मणिबेन को गिरफ्तार नहीं किया गया. मोदी कहते हैं कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर बर्बरता पूर्वक लाठियां बरसाकर लोगों को भड़काने की भरपूर कोशिश की लेकिन वे अपनी इस कपटपूर्ण कोशिश में कामयाब नहीं हो पाए और मार्च शांतिपूर्वक अपनी मंजिल तक पहुंच गया.

  मोदी जब युवा थे तभी से उनके हृदय में गुजरात के प्रति गौरव की गहरी भावना बैठी हुई थी और इमर्जेंसी के दौरान यह भावना और भी मजबूत हो गई थी. भ्रष्टाचार के खिलाफ नवनिर्माण आंदोलन की शुरुआत गुजरात से होने के कारण मोदी को अपने प्रदेश पर काफी गर्व था. उन्हें इस बात से बहुत खुशी थी कि इमर्जेंसी के खिलाफ देश भर में फैल चुके आंदोलन की शुरुआत गुजरात से हुई थी. लोक संघर्ष समिति की अखिल भारतीय बैठक 31 दिसंबर 1975 को होने वाली थी. मोदी समेत सभी आयोजकों को सूचना मिली कि बैठक में शामिल होने वालों में कुछ लोग तत्कालीन प्रधानमंत्री के अपने घुसपैठिए हो सकते हैं और वे बैठक की बातें प्रधानमंत्री तक पहुंचा सकते हैं. इसलिए आयोजकों ने फैसला किया कि बैठक की जगह और उसके एजेंडे को आयोजन में हिस्सा लेने वालों से गुप्त रखा जाए. बैठक में हिस्सा लेने के लिए आए फर्नांडीस को एक अलग कमरे में रखा गया और उन्हें बैठक के पहले और उसके बाद की जानकारी दे दी गई. मोदी ने कहा, ,,हमें जैसे ही इस बात की सूचना मिली, हमें लगा कि हमारी छोटी सी गलती भी आंदोलन के लिए संकट खड़ा कर सकती है...और यह गुजरात के माथे पर एक कलंक होगा.,,

  इमर्जेंसी के दौरान वकील साहब आरएसएस के दिशा निर्देशक की भूमिका में थे और मोदी उनके सबसे अच्छे शिष्य थे. अपनी पुस्तक आपात्काल में गुजरात में मोदी ने अपने मार्गदर्शक के एक पत्र की प्रतिलिपि तैयार की थी, जिसमें जेल में बंद आंदोलनकारियों को संबोधित किया गया था. वकील साहब ने सभी से अपील की थी कि वे आपसी मतभेदों से ऊपर उठकर निरंकुश कांग्रेस के खिलाफ आवाज उठाएं और एकजुट हो जाएं. उन्होंने इस पत्र में आशंका जताई थी कि हो सकता है सरकार ज्यादातर कार्यकर्ताओं को रिहा कर दे लेकिन वह आरएसएस से प्रतिबंध नहीं हटाएगी. उन्होंने आरएसएस कार्यकर्ताओं से अपील की थी कि वे दूसरों के विचारों को भी जगह दें और एकजुट होने के लिए लचीला रवैया अख्तियार करें. इससे मोदी को इमर्जेंसी के बाद अपने कार्यों को शक्ल देने में मदद मिली.

Game Changer Modi Page-41

ताज़ातरीन ख़बरें पढ़ने के लिए आप वतन समाचार की वेबसाइट पर जा सक हैं :

https://www.watansamachar.com/

उर्दू ख़बरों के लिए वतन समाचार उर्दू पर लॉगिन करें :

http://urdu.watansamachar.com/

हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें :

https://www.youtube.com/c/WatanSamachar

ज़माने के साथ चलिए, अब पाइए लेटेस्ट ख़बरें और वीडियो अपने फ़ोन पर :

https://t.me/watansamachar

आप हमसे सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं- ट्विटर :

https://twitter.com/WatanSamachar?s=20

फ़ेसबुक :

https://www.facebook.com/watansamachar

यदि आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो आप इसे आगे शेयर करें। हमारी पत्रकारिता को आपके सहयोग की जरूरत है, ताकि हम बिना रुके बिना थके, बिना झुके संवैधानिक मूल्यों को आप तक पहुंचाते रहें।

Support Watan Samachar

100 300 500 2100 Donate now

You May Also Like

Notify me when new comments are added.

Poll

Would you like the school to institute a new award, the ADA (Academic Distinction Award), for those who score 90% and above in their annual aggregate ??)

SUBSCRIBE LATEST NEWS VIA EMAIL

Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.

Never miss a post

Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.