कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि कल अरुण जेटली जी ने कहा कि विजय माल्या ने उनको पार्लियामेंट में इनफॉर्मली अप्रोच किया था। लंबे ब्लॉग लिखते हैं, मगर पता नहीं क्या कारण था कि इस मीटिंग के बारे में उन्होंने कभी किसी ब्लॉग में, किसी बयान में, किसी कमेंट में नहीं कहा और जो अरुण जेटली जी ने कल कहा कि इस मीटिंग में विजय माल्या ने उनके पीछे आकर उनसे दो-तीन शब्द बोलकर चले गए वो झूठ है.
पीएल पुनिया ने अपनी आँखों से अरुण जेटली जी और विजय माल्या जी की मीटिंग पार्लियामेंट हाउस में देखी है। 15-20 मिनट की मीटिंग थी, सिट डाउन मीटिंग थी।
पी.एल.पुनिया ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा - 2016 बजट सत्र की बात है। 29 फरवरी को बजट पेश हुआ। 1 मार्च, 2016 को मैं पार्लियामेंट हाउस के सेंट्रल हॉल में बैठा था और तभी मैंने देखा अरुण जेटली जी और विजय माल्या आपस में बात कर रहे थे, खड़े होकर कोने में बात कर रहे थे और बहुत अंतरग, दोनों आपस में, एक दूसरे से जैसे अंतरग बातें होती हैं, वैसे बात कर रहे थे। फिर 5-7 मिनट के बाद फिर वहाँ पर सेंट्रल हॉल में बेंच पर बैठकर उन्होंने बात करना शुरु किया और वो बात करते रहे। विजय माल्या उस सत्र में केवल 1 मार्च को ही आए और अरुण जेटली जी से मिलने के लिए आए थे और उन्होंने उनसे मुलाकात की। उसके बाद जब 3 तारीख को मीडिया में ये छपा कि 2 तारीख को वो लंदन चले गए, 3 तारीख को मीडिया में छपा, तो अचानक देखा, देखते ही मेरा ये रिएक्शन था कि 2 दिन पहले ही तो ये अरुण जेटली जी से मिलकर गए हैं, सेंट्रल हॉल में मिले हैं और उसके बाद जितनी भी मीडिया बाईट होंगी, जितनी भी मेरी डिबेट हुई उनमें without exception मैंने उसका जिक्र किया कि दो दिन पहले अरुण जेटली जी से विजय माल्या मिल कर गए हैं, पूरी तरह से सबूत है।
जेटली जी ढाई साल तक चुप्पी साधे रहे, ढाई साल तक रहस्य बनाए रहे। इस बीच में पार्लियामेंट की डिबेट भी हुई, उन्होंने जवाब भी दिया, लेकिन कहीं उन्होंने इस बात का जिक्र नहीं किया कि उनकी मुलाकात विजय माल्या से हुई, चाहे छोटी हुई, लेकिन उसका जिक्र तो करना चाहिए था। लेकिन छोटी नहीं, पुख्ता, विधिवत वो मुलाकात करी और सेंट्रल हाल में उनका रिकोर्ड है। मेरी चुनौती है, वहाँ पर सीसीटीवी कैमरा लगे हैं, 1 मार्च की सीसीटीवी फुटेज देख लें, तो उससे पता लग जाएगा, फिर या तो वो राजनीति छोड़ दें या मैं राजनीति छोड़ दूंगा।
पुनिया ने कहा - ये बहुत गंभीर बात है। देश जिसपर विश्वास करता है, उस विश्वास पर ही सीधे-सीधे हमला हो तो फिर वो सरकार में रहने के लायक नहीं है। ये विचार करना होगा और उसके पूरे रिकोर्ड हैं, पहली तारीख को वो आए थे, उन्होंने रजिस्टर पर हस्ताक्षर किए, उन्होंने मुलाकात की और मुलाकात करने के बाद जो बताया और वो चले गए। इससे ये बहुत स्पष्ट है कि उनसे बात करके गए। क्या उनसे सलाह-मशवरा करके वो लंदन गए हैं कि यहाँ पर आपको परेशानी होगी, आप यहाँ से चले जाओ? ये हमारा आरोप है और अंदाजा भी है।
राहुल गाँधी ने कहा कि इस पर दो और सवाल उठते हैं। पहला सवाल ये है कि फाईनेंस मिनिस्टर भगौड़े से बात करते हैं?, एब्सकोंडर फाईनेंस मिनिस्टर को कहता है कि मैं अब लंदन जाने वाला हूं और फाईनेंस मिनिस्टर ने ना सीबीआई को बताया, ना ईडी को बताया, ना पुलिस को बताया, क्यों नहीं बताया?
दूसरा सवाल, सीबीआई द्वारा जारी जो डिटेन नोटिस था विजय माल्या का, उसको इनफोर्म नोटिस में किसने बदला? ये काम वही कर सकता है जो सीबीआई को कंट्रोल करता है।
तो अरुण जेटली जी लंबे-लंबे बयान देते हैं, अगर ये उन्होंने अपने आप किया, तो ये बता दें कि हाँ, मैंने अपने आप किया। अगर इनको ऊपर से ऑर्डर मिला था तो वो कह दें कि ऊपर से उनको ऑर्डर मिला था।
ये ओपन एंड शट केस है, इकोनॉमिक ऑफेंडर लंदन भागने से पहले देश के फाईनेंस मिनिस्टर से 15-20 मिनट के लिए पार्लियामेंट हाउस में बात करता है, फाईनेंस मिनिस्टर झूठ बोलते हैं। कहते हैं कि नहीं, कॉरिडोर में मुझे पकड़ा और मुझे कहा कि मैं लंदन जा रहा हूं। ठीक है, अगर आपको कॉरिडोर में भी पकड़ा और आपको कहा कि मैं लंदन जा रहा हूं, तो फिर आपने सीबीआई और ईडी को क्यों नहीं बताया कि ये भागने वाला है, इसको जेल में डालो, इसको पकड़ो? तो क्या ये क्लीयर कट कोल्यूजन (collusion) नहीं है? इसमें कोई ना कोई डील हुई है और फाईनेंस मिनिस्टर को सीधा बता देना चाहिए कि क्यों हुआ है और उनको इस्तीफा देना चाहिए।
एक प्रश्न पर कि क्या आप प्रधानमंत्री की भूमिका पर सवाल उठा रहे हैं, इसके उत्तर में गाँधी ने कहा कि और क्या, सरकार में प्रधानमंत्री निर्णय करते हैं सबकुछ। अरुण जेटली जी तो उनकी बात सुनते हैं, तो क्लियरली, अरुण जेटली जी बताएं, क्या उन्होंने अपराधी को हिंदुस्तान से भागने दिया या फिर आदेश आया था मोदी जी से? दो ही बातें हो सकती हैं।
भगौड़े नीरव मोदी के साथ भी प्रधानमंत्री की फोटो सामने आई थी, उसके बाद अब विजय माल्या के जाने से पहले वित्त मंत्री से मुलाकात की पुष्टि हो रही है, क्या आपको लगता है कि ये सिर्फ एक Co-incidence है. इसके उत्तर में श्री गांधी ने कहा कि Co-incidence कैसे हो सकता है?
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