रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि मोदी सरकार आजकल 'fleece', 'fly' and 'settle abroad' ट्रैवेल एजेंसी चला रही है और इसी सिद्धांत की नीति अपना रही है। खूबसूरत बात ये है कि एक फौजदारी कानून और क्रिमिनल कानून का एक सिद्धांत है, लास्ट सीन एविडेंस (last seen evidence), ये एक एस्टेब्लिशड प्रिंसिपल (established principle) है। जब नीरव मोदी देश से भागते हैं तो आखिरी बार मोदी जी के साथ फोटो खिंचवाते हुए नजर आते हैं और फिर 24,000 करोड़ रुपया देश का लेकर बोरिया, बिस्तर के साथ गोल हो जाते हैं। जब उनके मामा मेहुल चोकसी देश से भागते हैं तो देश से भागने से पहले प्रधानमंत्री जी के साथ गोल्ड डिमोनेटाईजेशन स्कीम के कार्यक्रम में नजर आते हैं और प्रधानमंत्री मोदी हमारे मेहुल भाई कहकर उनसे प्यार की पींगे बढ़ाते नजर आते हैं।
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा जब एक और देश के भगौड़े विजय माल्या देश से भागते हैं तो आखिरी बार देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली जी के साथ नजर आते हैं। ये क्या चक्कर है, जो भी देश का पैसा लेकर भागता है, वो प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री के साथ ही नजर क्यों आता है? अब तो देश के सब भगौड़े कहने लगे हैं कि ‘जब मोदी भये कोतवाल तो डर काहे का’।
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा ऐसा लगता है कि एक नई पिक्चर इस देश में चल रही है, जब वी मेट पार्ट-2, इस पिक्चर में विजय माल्या 9,000 करोड़ रुपया देश का लूट कर वित्त मंत्री अरुण जेटली जी से 1 मार्च, 2016 को मिलता है और 24 घंटे के अंदर, 2 मार्च, 2016 को 36 सूटकेस लेकर बड़ी शान से, इज्जत से हवाई जहाज के रास्ते से देश से फरार हो जाता है। ये सब मोदी सरकार की देखरेख में होता है। ना सीबीआई पकड़ती है, ना पुलिस, ना इमिग्रेशन अथॉरिटी पकड़ती, ना फाईनेंस मिनिस्ट्री।
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा 5 तिथियाँ महत्वपूर्ण हैं इस पूरे एपिसोड़ में। 29 जुलाई, 2015 को विजय माल्या के खिलाफ सीबीआई के द्वारा एफ.आई.आर. दर्ज होती है कि उसने 9,000 करोड़ रुपए की फाइनेंशियल इर्रेग्यूलेरिटीज (financial irregularities) की और देश का पैसा लूट लिया।
16 अक्टूबर, 2015 को सीबीआई एक लुक आउट नोटिस टू डिटेन एंड अरेस्ट विजय माल्या (look-out notice to detain and arrest Vijay Mallya) जारी करती है। पता नहीं कौन आदेश देता है, वित्त मंत्रालय या प्रधानमंत्री कार्यालय से कि सीबीआई 23 नवंबर, 2015 को उस look-out notice to detain को look-out notice to inform में बदल देती है। यानि विजय माल्या अगर दिखे तो उसे गिरफ्तार मत कीजिए, सीबीआई खुद कह रही है, पूरे देश की एंजेसी को, केवल हमें बता दीजिए कि हाँ, विजय माल्या थे।
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गाँधी ने पूछे और हम उनको थोड़ा और आगे ले जा रहे हैं।
पहला, मोदी जी और वित्त मंत्री जी बताईए कि 9,000 करोड़ के बैंक फ्रॉड के बावजूद और 29 जुलाई, 2015 को सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के बावजूद विजय माल्या को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? इसका जवाब दीजिए।
दूसरा, किसके आदेश से सीबीआई का विजय माल्या की गिरफ्तारी का नोटिस जो 16 अक्टूबर, 2015 को दिया गया था, वो यकायक बदलकर इनफोर्मेशन नोटिस में तब्दील कर दिया गया?सीबाआई को ये हुक्म कौन दे रहा था, सरकार या कोई राजनीतिक व्यक्ति, जवाब दीजिए?
तीसरा, 17 बैंकों ने डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल में मुकदमा किया और 28 फरवरी, 2016 को उन्हें राय दी गई कि आप 29 फरवरी तक मुकदमा कर सुप्रीम कोर्ट से विजय माल्या का पासपोर्ट जब्त करवाईए। पर किसके आदेश से इन 17 बैंकों ने 28 फरवरी, 2016 से 5 मार्च, 2016 तक विजय माल्या के खिलाफ एक षड़यंत्र के तहत मुकदमा दायर किया ही नहीं? ताकि वो दो दिन बाद वित्त मंत्री से मिलें और 2 मार्च को उड़न छू हो जाएं।
चौथा, वित्त मंत्री जी ये जानते हुए भी कि बैंकों ने 9,000 करोड़ का मुकदमा किया है, ये जानते हुए भी कि जुलाई, 2015 में विजय माल्या पर मुकदमा दर्ज है, ये जानते हुए भी कि विजय माल्या के खिलाफ look-out and detain notice है, वित्त मंत्री जी पार्लियामेंट में उससे मंत्रणा क्यों कर रहे थे? या तो आपको मालूम ना हो, आपका ही महकमा, आपके ही महकमे ने वो सारे मुकदमे दायर किए हैं। तो वित्त मंत्री जी बेंच पर बैठकर या कोने में खड़े होकर, या कॉरिडोर में चलकर विजय माल्या से मंत्रणा क्यों कर रहे थे? क्या ये वित्त मंत्री के लिए लीगली, एथिकली,मोरली सही है कि वो किसी देश के भगौड़े के साथ इस प्रकार की वार्ता करें?
पाँचवा सवाल, विजय माल्या ने साफतौर से आकर कहा है, अरुण जेटली जी के बयान के बाद कि जब वो 1 मार्च, 2016 को वित्त मंत्री श्री अरुण जेटली जी से मिला तो उसने कहा कि मैं लंदन जा रहा हूं.
आखिरी सवाल, मोदी सरकार ने विजय माल्या को अरबों डॉलर की पेमेंट कैसे लेने दी? Diageo जो एक कंपनी है अंतर्राष्ट्रीय, जिसका हिंदुस्तान में बड़ा लंबा-चौड़ा व्यवसाय है, क्या ये सही नहीं कि 25 फरवरी, 2016 को हुए समझौते के तहत Diageo ने विजय माल्या को 40 मिलियन अमेरिकी डॉलर दिए? क्या ये सही नहीं कि विजय माल्या केbehalf पर कि विजय माल्या को South African Breweries के बदले में 58 मिलियन अमेरिकी डॉलर दिए? क्या ये सही नहीं कि Diageo कंपनी ने, हमारे बैंकों का 9,000 करोड़ नहीं दिया, पर Diageo कंपनी ने विजय माल्या की UB Group कंपनी के behalf पर Standard Chartered Bank को 141 मिलियन अमेरिकी डॉलर की पेमेंट की? क्या ये सही नहीं कि हमारे बैंकों का 9,000 करोड़ नहीं दिया, Diageo ने विजय माल्या की United Breweries Overseas Ltd. कंपनी के behalf पर Standard Chartered Bank को 42 मिलियन अमेरिकी डॉलर दिए?
ताज़ातरीन ख़बरें पढ़ने के लिए आप वतन समाचार की वेबसाइट पर जा सक हैं :
https://www.watansamachar.com/
उर्दू ख़बरों के लिए वतन समाचार उर्दू पर लॉगिन करें :
http://urdu.watansamachar.com/
हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें :
https://www.youtube.com/c/WatanSamachar
ज़माने के साथ चलिए, अब पाइए लेटेस्ट ख़बरें और वीडियो अपने फ़ोन पर :
आप हमसे सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं- ट्विटर :
https://twitter.com/WatanSamachar?s=20
फ़ेसबुक :
यदि आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो आप इसे आगे शेयर करें। हमारी पत्रकारिता को आपके सहयोग की जरूरत है, ताकि हम बिना रुके बिना थके, बिना झुके संवैधानिक मूल्यों को आप तक पहुंचाते रहें।
Support Watan Samachar
100 300 500 2100 Donate now
Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.