Hindi Urdu TV Channel

NEWS FLASH

जमीयत उलेमा ए हिंद की सदसयता अभियान पर बड़ा फैसला

राजस्थान राज्य जहाँ मुसलमानों की आबादी केवल नौ प्रतिशत है, अल्पसंख्यकों की समस्याओं को दूर करने के लिए मजबूत संगठन होना बहुत जरूरी है। इसलिए इस बार सदस्यता वास्तविक और इच्छाशक्ति के साथ गांव गांव किये जाने की जरूरत है - जमीयत उलेमा मुसलमानों के सभी वर्गों की तंज़ीम है, इसमें सभी मसलकों और जातों के लोग जुड़े हुए हैं - इसलिए हर मुसलमान चाहे वह किसी जाति या समुदाय और मसलक का हो, अगर वो जमीयत उलेमा के कार्य से सहमत है तो उसका सदस्य बन सकता है.

By: Administrators
  • जमीयत उलेमा ए हिंद की सदसयता अभियान पर बड़ा फैसला

अजमेर अक्टूबर  19 (प्रेस विज्ञप्ति)जमीअत उलेमा-ए-राजस्थान  की कार्यकारणी की एक मुख्य बैठक आज अजमेर शरीफ के जामीया मुइनुद्दीन चिश्तिया में प्रदेश अध्यक्ष मौलाना कारी मुहम्मद अमीन की अध्यक्षता में हुई, जिसमें जमीयत उलेमा ए हिंद की सदसयता अभियान और इसके शताब्दी समारोह पर विशेष रूप से चर्चा की गई.


बैठक में दिल्ली से मौलाना हकीमुद्दीन कासमी सचिव  जमीअत उलमा-ए हिन्द विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए। जमीअत उलमा-ए हिन्द के अगले कार्यकाल के लिए पूरे राज्य की व्यापक सदस्यता के लिए एक पाँच सदस्यीय समिति का गठन किया गया, जिसके संयोजक मौलाना शब्बीर क़ासमी उपाध्यक्ष जमीअत उलमा राजस्थान होंगे।  समिति में मौलाना यूनुस, मौलाना रमजान जोधपुर, मौलाना अय्यूब और मौलाना नोमान भी शामिल हैं,

jamiat-mp.jpg
 राजस्थान राज्य जहाँ मुसलमानों की आबादी केवल नौ प्रतिशत है, अल्पसंख्यकों की समस्याओं को दूर करने के लिए मजबूत संगठन होना बहुत जरूरी है।  इसलिए इस बार सदस्यता वास्तविक और इच्छाशक्ति के साथ गांव गांव किये जाने की जरूरत है - जमीयत उलेमा मुसलमानों के सभी वर्गों की तंज़ीम है, इसमें सभी मसलकों और जातों के लोग  जुड़े हुए हैं - इसलिए हर मुसलमान चाहे वह किसी जाति या समुदाय और मसलक का हो, अगर वो जमीयत उलेमा के कार्य से सहमत है तो उसका सदस्य बन सकता है.


कार्यकारिणी की बैठक में 20 वीं शताब्दी के बड़े आलिम अल्लामा मोइनुद्दीन अजमेरी  पर शताब्दी समारोह के तहत सेमिनार आयोजित करने का फैसला किया गया, मौलाना अजमेर के प्रमुख विद्वान थे- वह स्वंत्रा संग्राम के नेता थे, जिन्होंने खिलाफत आंदोलन के दौरान फतवे की वजह से दो साल जेल की सजा काटी- वे जमीयत उलेमा-ए-हिंद के स्थायी उपाध्यक्ष और महाराजा के खिलाफ कश्मीर आंदोलन में अग्रिम पंक्ति के नेता थे।
सभा ने उनके जीवन और सेवाओं पर एक संगोष्ठी आयोजित करने का फैसला किया - और यह भी सहमति हुई कि ख्वाजा के शहर में राष्ट्रीय और मस्लकी एकता के लिए  चिकित्सा शिविर जारी रहेगा।
बैठक में अध्यक्ष के अलावा मौलाना हकीमुद्दीन कासमी सचिव जमीअत उलेमा ए हिंद, मौलाना हबीबुल्लाह उपाध्यक्ष जमीअत उलेमा राजस्थान, मौलाना हनीफ अलवरी उपाध्यक्ष, मौलाना नोमान उपाध्यक्ष, मौलाना युनूस सचिव, मौलाना मंजूर, मौलाना अबुल हसन  आदि  कई सदस्य मौजूद थे।

ताज़ातरीन ख़बरें पढ़ने के लिए आप वतन समाचार की वेबसाइट पर जा सक हैं :

https://www.watansamachar.com/

उर्दू ख़बरों के लिए वतन समाचार उर्दू पर लॉगिन करें :

http://urdu.watansamachar.com/

हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें :

https://www.youtube.com/c/WatanSamachar

ज़माने के साथ चलिए, अब पाइए लेटेस्ट ख़बरें और वीडियो अपने फ़ोन पर :

https://t.me/watansamachar

आप हमसे सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं- ट्विटर :

https://twitter.com/WatanSamachar?s=20

फ़ेसबुक :

https://www.facebook.com/watansamachar

यदि आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो आप इसे आगे शेयर करें। हमारी पत्रकारिता को आपके सहयोग की जरूरत है, ताकि हम बिना रुके बिना थके, बिना झुके संवैधानिक मूल्यों को आप तक पहुंचाते रहें।

Support Watan Samachar

100 300 500 2100 Donate now

You May Also Like

Notify me when new comments are added.

Poll

Would you like the school to institute a new award, the ADA (Academic Distinction Award), for those who score 90% and above in their annual aggregate ??)

SUBSCRIBE LATEST NEWS VIA EMAIL

Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.

Never miss a post

Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.