By Mohammad Ahmad
नयी दिल्ली: लोकसभा चुनाव सामने आते ही पार्टियां पूरी तरह से एक्शन मोड में आ गई हैं. कांग्रेस पार्टी बीजेपी की नाकामियों का लाभ हर क़ीमत पर उठा कर सत्ता में आने का हर सम्भव प्रयास कर रही है. पार्टी ने ओबीसी और दलित कन्वेंशन के बाद अब अल्पसंख्यक कन्वेंशन बुलाने का फैसला किया है जिस की ज़िम्मेदारी कांग्रेस का युवा चेहरा नदीम जावेद के कंधों पर है. कांग्रेस पार्टी के सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पार्टी यह कन्वेंशन 7 फरवरी को दिल्ली में करने का फैसला कर चुकी है.
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने 7 फरवरी को दिल्ली में माइनॉरिटी कन्वेंशन करने की हरी झंडी दे दी है. खबर यह है कि इस प्रोग्राम में कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी समेत पार्टी के कई वरिष्ठ नेता उपस्थित होंगे. खबरों की मानें तो यह प्रोग्राम दिल्ली के श्री फोर्ट ऑडिटोरियम में आयोजित किया जाएगा. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कांग्रेस पार्टी का अल्पसंख्यक डिपार्टमेंट यह चाहता था कि यह प्रोग्राम दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम या इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में हो, लेकिन वहां जगह ना मिलने और पहले से बुकिंग होने की वजह से अब इस कन्वेंशन दिल्ली के श्री फोर्ट ऑडिटोरियम में किया जाएगा.
माना जा रहा है कि इस कन्वेंशन में दिल्ली और दूसरे राज्यों के कुल 4000 से ज्यादा लोग हिस्सा ले सकते हैं. ज्ञात रहे कि इससे पहले कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी दलितों और ओबीसी के कन्वेंशन में हिस्सा ले चुके हैं और वहां उन्होंने दोनों समुदायों के अधिकारों के लिए आवाज बुलंद की थी. राहुल गांधी इस से पहले दलितों के एक प्रतिनिधिमंडल से भी मिल चुके हैं, जिसमें प्रोफेसर रतन लाल समेत कई दलित चिंतक उपस्थित थे. सूत्रों की मानें तो इस मीटिंग में काफी गहमागहमी हुई थी और दलित चिंतकों ने मुखर हो कर के अपनी चिंता कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के सामने रखी थी.
इससे पहले कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगों से मिल चुके हैं. लोकसभा चुनाव को सामने देखते हुए कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का यह फैसला काफी अहम माना जा रहा है. ज्ञात रहे कि नदीम जावेद ने अल्पसंख्यक डिपार्टमेंट संभालने के बाद देश भर में अल्पसंख्यकों और बहुसंख्यक समुदाय के बीच संबंध में बनाने और जागरूकता लाने का काम किया है. नदीम जावेद ने सत्ता संभालने के बाद दिल्ली से बाहर हैदराबाद से लेकर मुंबई और देश के विभिन्न राज्यों में अलग-अलग प्रोग्राम करके अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक समुदाय के लोगों को जोड़ने की कोशिश की है.
नदीम जावेद ने कुर्सी संभालने के बाद पहली बार कांग्रेस पार्टी के बंद हुए इफ्तार प्रोग्राम को भी शुरू कराया जिसे पहली बार 1980 में कांग्रेस पार्टी के महान नेता तारिक अनवर ने शुरू किया था. नदीम जावेद के फैसलों से अल्पसंख्यकों में काफी संतोष का माहौल पाया जा रहा है. ऐसे में जबकि एक लंबे समय के बाद कांग्रेस पार्टी अल्पसंख्यक कन्वेंशन बुला रही है और नदीम जावेद उसका नेतृत्व कर रहे हैं जिसमें खुद कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपस्थित हो रहे हैं इसे देखते हुए कांग्रेस अल्पसंख्यक डिपार्टमेंट के कामों की सराहना भी लोग कर रहे हैं.
अब देखना यह होगा कि राहुल गांधी इस प्रोग्राम में क्या लाइन लेते हैं, क्योंकि अल्पसंख्यक और कांग्रेस पार्टी का रिश्ता काफी गहरा है और दोनों का लम्बे समय तक चोली दमन का साथ रहा है.
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