नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने देश के कुछ तथाकथित मुस्लिम बुद्धिजीवियों के साथ बुधवार को बैठक कर मुसलमानों से जुड़े मुद्दों और देश की वर्तमान राजनीतिक एवं सामाजिक स्थिति पर चर्चा की. इस दौरान राहुल ने इन बुद्धिजीवियों से कहा कि कांग्रेस ‘हमेशा से सभी वर्गों को साथ लेकर चलती आई है और आगे भी चलती रहेगी.’’
A no.of lawyers, historians & university intellectuals met Rahul Gandhi and discussed public policy with him, today.They gave their feedback to the leader of Opposition on the areas they are working in. Hope more such interactions will take place in future: S Khurshid, Congress pic.twitter.com/i0Wspf2oAF
— ANI (@ANI) July 11, 2018
राहुल गाँधी की इस मीटिंग को लेकर मुस्लिम संस्थानों ने सीधे सीधे राहुल गाँधी पर हमला बोला है. मुस्लिम संस्थानों की "अम्ब्रेला बॉडी AIMMM ने " इस पर सख्त आपत्ति जताई है. बॉडी के मुखिया नावेद हामिद ने मीटिंग से पहले ट्वीट कर कहा है कि जावेद अख्तर जिन का इस्लाम में कोई विश्वाश नहीं है वह राहुल गाँधी की ओर से बुलाए गए हैं.
Interesting that @Javedakhtarjadu, who proudly claims that he is an athiest & don't believe in Islam, would join group of Muslim intellectuals who have been called by @RahulGandhi to deliberate on 'Muslim issues'
— Navaid Hamid (@navaidhamid) July 11, 2018
ज्ञात रहे कि एक समय में कांग्रेस में नावेद हामिद की तूती बोलती थी, और वह प्रधान मंत्री की अगुवाई वाली समिति "NIC" के ताक़तवर मेंबर में से एक थे. ऐसे में नावेद हामिद का ट्वीट कई मानों में काफी अहम है.
अहम बात यह है कि राहुल गाँधी ने मुसलमानों की ठेकेदारी का दवा करने वाली मुस्लिम संस्थानों को भी नहीं पूछा, जिस से यह बात लोगों तक पहुंच रही है कि मुसलमानों में अपना विश्वाश खो चुकी संस्थानों को अब सिस्यासी सरपरस्ती हासिल नहीं है ओर सियासत के खिलाडी भी अब इन के क़द को समझ चुके हैं.
राहुल गांधी के साथ करीब दो घंटे की इस संवाद बैठक में इतिहासकार इरफान हबीब, सामाजिक कार्यकर्ता इलियास मलिक, कारोबारी जुनैद रहमान, ए एफ फारूकी, अमीर मोहम्मद खान, वकील जेड के फैजान, सोशल मीडिया एक्टिविस्ट फराह नकवी, सामाजिक कार्यकर्ता रक्शांदा जलील सहित करीब 15 लोग शामिल हुए.
इनके साथ ही कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद और पार्टी के अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष नदीम जावेद भी मौजूद थे. कहा जा रहा है कि इरफ़ान हबीब और नदीम जावेद को छोड़ कर कोई भी ऐसा बड़ा चेहरा नहीं था, जिस को मुस्लिम मुद्दों की समझ हो. या जिस को मुसलमानों का विश्वाश प्राप्त हो. ऐसे में बहुत सारे सवाल उठने लाज़मी हैं. सलमान खुर्शीद से लेकर सभी ऐसे लोगों को बुलाया गया था जिन को कभी भी मुसलमानों ने अपना नेता नहीं स्वीकार किया.
कांग्रेस अध्यक्ष के साथ संवाद बैठक में शामिल एक व्यक्ति ने बताया, ‘राहुल गांधी ने हमसे खुलकर बातचीत की और मुस्लिम समाज से जुड़े मुद्दों के बारे में जाना और देश की वर्तमान राजनीतिक एवं सामाजिक परिस्थिति के बारे में हमारे साथ अपने विचार साझा किए.’
उन्होंने कहा, ‘बैठक में मौजूद कई लोगों ने यह मुद्दा उठाया कि इन दिनों कांग्रेस मुस्लिम समाज से दूरी बनाती नजर आ रही है. इस पर राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस सभी वर्गों को साथ लेकर चलती रही है और आगे भी चलती रहेगी.’ गौरतलब है कि कुछ महीने पहले ही गांधी ने दलित समाज के बुद्धिजीवियों से मुलाकात की थी.
(इनपुट - भाषा)
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