नयी दिल्ली: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस पार्टी में नेताओं के बीच मतभेद की खबरों ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को चौंका दिया है, क्योंकि माना यह जा रहा है कि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और देश के पूर्व केंद्रीय मंत्री हरीश रावत उत्तराखंड कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव से काफी दुखी हैं. बीते दिनों उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने ट्वीट करके लिखा के कुछ लोग ऐसे हैं जो सरकार के लिए काम कर रहे हैं, ऐसे में उनका इशारा क्या सीधे-सीधे देवेंद्र यादव की तरफ था? यह एक सवाल है. लेकिन यह समझना इसलिए मुश्किल नहीं है क्योंकि पिछले कुछ दिनों से इस तरह की खबरें सामने आ रही थी कि देवेंद्र यादव और हरीश रावत के बीच काफी चीजों को लेकर के नाराजगी है.
देवेंद्र यादव पर ये आरोप भी लग रहे थे कि वह उत्तराखंड के नेताओं को अहमियत नहीं दे रहे हैं और वह अपनी चलाने के प्रयास में पार्टी को डुबो रहे हैं. आरोप यह भी था कि वह अपनी मनमानी लोगों को टिकट देना चाहते हैं और अपने कुछ रिश्तेदारों और क़रीबी लोगों को टिकट देने के लिए कोशिश कर रहे हैं. उन्हों ने सोशल मीडिया के लिए भी जो टीम हायर की है वह पहले आप पार्टी के वर्कर रहे हैं. ऐसे में उनकी वफादारी आप के लिए होगी या कांग्रेस के लिए यह भी एक सवाल है. जिसके बाद हरीश रावत खुलकर के सामने आ गए और उन्होंने सीधे-सीधे बिना नाम लिए देवेंद्र यादव पर हमला बोला.
इसके बाद अब पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत प्रीतम सिंह गणेश गोदियाल किशोर उपाध्याय और अन्य शीर्ष नेताओं को दिल्ली बुला लिया है. खबर है कि राहुल गांधी उनके साथ मतभेद की खबरें बाहर आने के बाद कई मुद्दों पर बैठक कर सकते हैं. राहुल गांधी जो अपने फैसले के लिए अडिग माने जाते हैं, देखना यह है कि वह आज क्या कुछ बड़ा फैसला लेते हैं, क्योंकि देवेंद्र यादव को उत्तराखंड में अब आउटसाइडर के तौर पर पेश किया जाने लगा है और माना जा रहा है कि देवेंद्र यादव की वजह से कांग्रेस को उत्तराखंड में बड़ा नुकसान हो सकता है. हालांकि इस पूरे मामले पर अभी देवेंद्र यादव की प्रतिक्रिया आनी बाकी है. क्योंकि देवेंद्र यादव इस मामले में बोलने से बचते नजर आ रहे हैं. वतन समाचार ने भी देवेंद्र यादव से बातचीत की कोशिश की लेकिन उनसे सीधे तौर पर राब्ता नहीं हो सका, हमें उनकी टिप्पणी का इंतज़ार है.
इस पूरे मामले पर जब देवेंद्र यादव से बातचीत करने का वतन समाचार ने प्रयास किया तो नंबर डाइवर्ट होने के कारण उनके पीए ने बताया कि साहब ने इस मामले में जो कुछ कहना था वह कह दिया है. जब वतन समाचार ने यह जानना चाहा कि साहब ने इस मामले पर क्या कहा है, तो उन के PA का कहना था वह कह दिया है और उसके बाद फोन काट दिया. इसके बाद भी अगर देवेंद्र यादव की कोई टिप्पणी आती है तो हमें उसका इंतजार है और हम अपने दर्शकों को उसे पहुंचाने का पूरा प्रयास करेंगे.
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