देश में 4 लोकसभा और 10 विधानसभा सीटों के लिए हुए उप चुनाव में भाजपा की हार हो चुकी है,लेकिन इन सब सीटों में केरल की चैंगनूर सीट का चुनाव कई मायनों में अहम था, क्योंकि कांग्रेस की कट्टर हिंदुत्व वाली छबि के नेता डी विजय कुमार के सामने 30%आबादी वाले अल्पसंख्यक समाज के साजि चेरियन जीत गए.
4 लोकसभा सीटों में से 1 सीट भाजपा ने जीती,10 विधानसभा में से 3 सीटे कांग्रेस के पाले में गयी, 2 जे एम एम ,1भाजपा,1एस पी, 1 आर जे डी,1 टी एम सी और एक केरल की लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट को मिली.
केरल की चैंगनूर सीट पर चुनाव भाजपा और कांग्रेस के बीच नही था बल्कि चुनाव लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट और कांग्रेस के बीच था. कांग्रेस पिछले कई समय से खुल कर हिंदुत्व का कार्ड खेल रही है. यहाँ पर भी कांग्रेस ने हार्ड कोर हिंदुत्व छबि वाले नेता डी विजय कुमार को अपना उम्मीदवार बनाया, उसके सामने लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट ने अपनी परम्पगत सीट को जोखिम में डालते हुए अल्पसंख्यक समुदाय के एक ईसाई उम्मीदवार साजी चेरियन को चुनाव में उतारा था.
यहाँ तक तो शायद किसी को भी आश्चर्य नही हुआ होगा, लेकिन आश्चर्य यहाँ से हो सकता है कि इस चैंगनूर सीट पर मुश्किल से 30 % ईसाई समुदाय के वोट हियँ उसके बावजूद लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट के उम्मीदवार ईसाई होने के बावजूद कट्टरवादी हिंदू छबि के डी विजय कुमार के सामने जीत गए.
देश में ऐसी भी कई जगहें है कि जहाँ पर मुसलमान 40 % ज्यादा होने के बावजूद मुस्लिम समाज के उम्मीदवार को अपने आप को सेक्युलर कहने वाले दल उम्मीदवार के तौर पर नही उतारते हैं और कहते हैं कि मुसलमान या अल्पसंख्यक समाज के सिर्फ वोट से चुनाव नही जीत सकते और चुनावी टिकट नही देते, लेकिन इन सब के बावजूद भी अगर समाज लामबंद हो कर टिकट हासिल कर ले तो यह सेक्यूलर दल के सेक्युलर वोट मुस्लिम समुदाय के व्यक्ति को नही मिलता है, पता नहीं, शायद सेक्युलर दल का सेक्यूलर वोट मुस्लिम उम्मीदवार को देखने के बाद ज्यादा कट्टरवादी हो जाता होगा.
लेकिन केरल के चुनाव ने यह मैसेज हम सब को दिया है कि केरल में अभी तक कोमवादी संगठन अपनी ताकत खड़ी करने में कामयाब नही हुए है और जो लोग यह कहते हैं कि 50 % से ज्यादा मुस्लिम वोट या अल्पसंख्यक समाज के वोट हो तो ही जीता जा सकता है अन्यथा चुनाव नही जीता जा सकता उस मान्यता को भी केरल की चैंगनूर विधानसभा की जनता ने नकार दिया है और जहाँ भाजपा कट्टरवाद पहुचाने के लिए नही पहुँच पाई है वहाँ वो काम संघ परिवार के लिए कांग्रेसी बखूबी कर रहे हैं.
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