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दिल्ली में कोरोना को लेकर AAP का BJP सरकार पर संगीन आरोप

दिल्ली को तीन दिन में 750 आईसीयू बेड देने का वादा करने वाली भाजपा की केंद्र सरकार ने अभी तक एक भी आईसीयू बेड नहीं दिया- सौरभ भारद्वाज

By: Press Release
  •  दिल्ली में कोरोना को लेकर AAP का BJP सरकार पर संगीन आरोप

  •  दिल्ली को तीन दिन में 750 आईसीयू बेड देने का वादा करने वाली भाजपा की केंद्र सरकार ने अभी तक एक भी आईसीयू बेड नहीं दिया- सौरभ भारद्वाज

  •  - गृहमंत्री के आईसीयू बेड देने के आश्वासन का क्रेडिट लेने के लिए भाजपा नेता पोस्टर लगाकर ढोल पीट रहे, यह अच्छी बात है, लेकिन उन्हें अपना वादा भी पूरा करना चाहिए- सौरभ भारद्वाज

  •  - दिल्ली के अस्पतालों में आधे समान्य कोविड बेड और आधे आईसीयू बेड उत्तर प्रदेश और हरियाणा के मरीजों को दिए गए हैं, हमें खुशी है कि दिल्ली सरकार उन्हें इलाज दे पा रही है- सौरभ भारद्वाज

  •  - यूपी की योगी और हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार कोरोना टेस्ट करने, उसकी रोकथाम और संक्रमित लोगों के इलाज में पूरी तरह से फेल साबित हुई है- सौरभ भारद्वाज

 

नई दिल्ली, 18 नवंबर: आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने भाजपा की केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली को तीन दिन के अंदर 750 आईसीयू बेड देने के अपने वादे को अभी तक पूरा करने को वादा खिलाफी करार दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार ने दिल्ली को तीन दिन के अंदर 750 आईसीयू बेड देने का वादा किया था, लेकिन अभी तक एक भी आईसीयू बेड नहीं मिला है। गृहमंत्री के आईसीयू बेड देने के आश्वासन का क्रेडिट लेने के लिए भाजपा नेता पोस्टर लगाकर ढोल पीट रहे हैं, यह अच्छी बात है, लेकिन उन्हें अपना वादा भी पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि दिल्ली के अस्पतालों में आधे समान्य कोविड बेड और आधे आईसीयू बेड उत्तर प्रदेश और हरियाणा से आए मरीजों को दिए गए हैं। हमें खुशी है कि दिल्ली सरकार इन राज्यों से आए मरीजों को अच्छा इलाज दे पा रही है। यह मरीज इसलिए दिल्ली आ रहे हैं, क्योंकि यूपी की योगी और हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार कोरोना टेस्ट करने, उसकी रोकथाम और संक्रमित लोगों के इलाज में पूरी तरह से फेल साबित हुई है।

 

 

 

 

 

आम आदमी पार्टी के मुख्य प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने आज पार्टी मुख्यालय पर प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि जब यूरोप के विकसित और अमीर देशों से मार्च के महीने में कोरोना की बहुत बुरी खबरें आ रही थी, तो हिंदुस्तान में माना जा रहा था कि शायद हमारे यहां कोरोना नहीं फैलेगा। हमारा देश शायद गर्म है या हम एशिया के देश हैं। मगर कुछ समय बाद यूरोप के अंदर कोरोना के मामले घटने लगे और खासतौर पर भारत में यह मामले बढ़े। वैज्ञानिक तरीके से देखा गया है कि ये लहरें होती हैं। उन यूरोपीय देशों में जहां पर पहले कोरोना काफी शांत हो गया था, वहां पर 2 महीने पहले इस तरह की खबरें आ रही थीं कि दोबारा से कोरोना के मामले बहुत तेजी से बढ़ रहे हैं। अस्पतालों के कॉरिडोर के अंदर मरीज दम तोड़ रहे हैं। गलियों, रास्तों पर मरीजों के हाल बिना इलाज के देखने को मिले, तो यह माना जा रहा था कि इस तरीके की लहर दोबारा बाकी देशों में भी आएंगी। ऐसी ही एक लहर फिलहाल दिल्ली में भी देखने को मिल रही है।

 

 

 

 

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि केंद्र सरकार के सीरों सर्वे से पता चलता है कि कितने लोगों के अंदर कोरोना कि एंटीबॉडी बनी है। मतलब, कितनी जगहों पर कितने लोगों को कोरोना हुआ है। उसके सर्वे को आधार बना कर देखें, तो दिल्ली से सटे हुए उत्तर प्रदेश, हरियाणा के फरीदाबाद, गुड़गांव, ग्रेटर नोएडा, नोएडा, गाजियाबाद और मेरठ में लगभग दिल्ली के बराबर लोगों को कोरोना हुआ था। मगर कोरोना के आंकड़े यह नहीं कहते। इसका बड़ा कारण उन राज्यों में खासतौर पर उत्तर प्रदेश और हरियाणा में टेस्ट कराना लगभग भगवान को ढूंढने के बराबर है। मैं चुनौती देता हूं कि जिस तरह से दिल्ली में आसानी से टेस्ट हो रहे हैं, इस तरह से आप उत्तर प्रदेश और हरियाणा में टेस्ट नहीं करा पाएंगे। दिल्ली सरकार मोहल्ला क्लीनिक, डिस्पेंसरी, अस्पताल, अलग-अलग कॉलोनियों में कैंप लगाकर मुफ्त टेस्ट कर रही है। यही कारण है कि दिल्ली के अस्पतालों में आधे बेड, आधे के करीब आईसीयू बेड, उत्तर प्रदेश और हरियाणा से आए मरीजों को दिए गए हैं। हमें खुशी है कि दिल्ली सरकार और दिल्ली उन लोगों को इलाज दे पा रही है। मगर इसके अंदर एक बात साफ है कि यूपी की योगी और हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार कोरोना टेस्ट, कोरोना की रोकथाम और कोरोना संक्रमित लोगों के इलाज में पूरी तरह से फेल हुई है।

 

 

 

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली के अंदर 20 हजार बेड दिल्ली सरकार, 20 हजार बेड केंद्र सरकार और करीब 10 हजार बेड एमसीडी के अस्पतालों के अंतर्गत आते हैं। जब कोरोना की स्थिति यहां पर बिगड़ रही थी, तो केंद्र सरकार से यह मदद मांगी गई थी कि केंद्र के जो भी अस्पताल हैं, उनमें भी आईसीयू बेड को बढ़ाया जाए, क्योंकि दिल्ली सरकार अपने आईसीयू बेड को जितना बढ़ा सकती है, बढ़ा रही है।

 

 

 हाईकोर्ट में जाकर प्राइवेट अस्पताल के अंदर भी आईसीयू के बेड थे, उनको कोरोना के लिए बढ़ाया है। मगर काफी दुख की बात है कि भाजपा के छोटे-छोटे नेताओं को पोस्टर लगाने का तो समय मिल गया कि अमित शाह जी दिल्ली की मदद कर रहे हैं। जैसे दिल्ली के ऊपर एहसान कर रहे हों, दिल्ली किसी दूसरे देश का हिस्सा हो, दिल्ली में अमित शाह-नरेंद्र मोदी नहीं रहते हों, भाजपा को दिल्ली 7 सांसद चुनकर देती नहीं दी हो, दिल्लीवासी सवा सौ करोड़ रुपये इनकम टैक्स केंद्र सरकार को देते नहीं देते हों, ऐसे एहसान दिखाकर पोस्टर तो लगा दिए, लेकिन मुझे बहुत दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि रविवार को केंद्रीय मंत्री ने वादा किया था कि अगले 24 घंटे के अंदर 250 आईसीयू बेड्स दिल्ली को दे दिए जाएंगे।

 

 

 

 

उसके अगले 24 घंटे में 250 बेड दिए जाएंगे और उसके अगले 24 घंटे में 250 बेड और दिल्ली को दिए जाएंगे, लेकिन 3 दिन हो चुके हैं और अभी तक पहली 250 आईसीयू बेड की खेंप दिल्ली सरकार को कोरोना मरीजों के लिए नहीं दी गई है। मैं मानता हूं कि पोस्टर बाजी और क्रेडिट लेने की होड़ आपके लिए हमेशा रहेगी। मगर जो वादा आपने किया है, पिछले 3 दिन से जो ढ़ोल आप बजा रहे हैं, उसको पूरा जरूर कीजिए, क्योंकि दिल्लीवासी जितनी उम्मीद दिल्ली सरकार से करते हैं, उतनी ही उम्मीद केंद्र सरकार के अस्पतालों से भी करते हैं।

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