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भारतीय युवा संसद में राष्ट्रीय रोज़गार नीति पर चर्चा आज से: देश की बात फाउंडेशन

हमारा देश बेरोज़गारी के ऐसे भयावह हालात से गुज़र रहा है, जिसमें न सिर्फ नए लोगों को रोज़गार मिल पा रहा है बल्कि जिन लोगों के पास रोज़गार था वह भी अपने रोज़गार को खो रहे हैं। यह स्थिति सिर्फ प्राइवेट या असंगठित क्षेत्रों की ही नहीं है बल्कि सरकारी संस्थाओं में काम कर रहे लोगों की नौकरियां भी खतरे से बाहर नहीं रही। मौजूदा केंद्र सरकार जिस तरह सरकारी उपक्रमों और संस्थाओं को निजी कंपनियों के हाथों बेच रही हैं उससे रोज़गार का संकट और भी गहरा होता जा रहा है।

By: Press Release
Discussion on National Employment Policy in Indian Youth Parliament from today

प्रेस विज्ञप्ति

 

भारतीय युवा संसद में राष्ट्रीय रोज़गार नीति पर चर्चा आज से: देश की बात फाउंडेशन


1, OCT, 2021

रोज़गार के मुद्दे पर देश की बात फाउंडेशन करेगा 1 से 8 अक्टूबर तक भारतीय युवा संसद (ऑनलाइन) का आयोजन

भारतीय युवा संसद के दौरान राष्ट्रीय रोज़गार नीति पर चर्चा करेंगे देश भर के युवा

आठ दिनों तक चलने वाले कार्यक्रम के दौरान देश के सभी राज्यों से विभिन्न यूनिवर्सिटी/कॉलेजों से लगभग 1000 युवा और शिक्षाविद करेंगे भागीदारी

भारतीय युवा संसद में 100 से ज्यादा वक्ता पक्ष/विपक्ष में रखेंगे अपनी बात

देश के सभी विश्वविद्यालयों और कालेजों में चर्चा के लिए भेजा जाएगा राष्ट्रीय रोज़गार नीति का मसौदा

भारतीय युवा संसद के आखिरी दिन दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री गोपाल राय जी युवाओं को करेंगे संबोधित



हमारा देश बेरोज़गारी के ऐसे भयावह हालात से गुज़र रहा है, जिसमें न सिर्फ नए लोगों को रोज़गार मिल पा रहा है बल्कि जिन लोगों के पास रोज़गार था वह भी अपने रोज़गार को खो रहे हैं। यह स्थिति सिर्फ प्राइवेट या असंगठित क्षेत्रों की ही नहीं है बल्कि सरकारी संस्थाओं में काम कर रहे लोगों की नौकरियां भी खतरे से बाहर नहीं रही। मौजूदा केंद्र सरकार जिस तरह सरकारी उपक्रमों और संस्थाओं को निजी कंपनियों के हाथों बेच रही हैं उससे रोज़गार का संकट और भी गहरा होता जा रहा है।

 

 

गौरतलब बात यह है कि केंद्र सरकार रेलवे जैसी संस्थाओं का भी निजीकरण कर रही है जो हमेशा से मुनाफे में रही हैं। कभी भारतीय अर्थव्यवस्था की गिनती दुनिया में तेज़ी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था के रूप में की जाती थी, लेकिन वर्तमान में भारतीय जीडीपी ने 23.9% नीचे गिरकर 40 सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। उद्योग धंधे की बात करें तो भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ माने जाने वाले छोटे और मझोले कद के उद्योग धंधों की स्थिति आज सबसे ज्यादा खराब है। जहां तक कृषि क्षेत्र का सवाल है वहां संकट और गहरा होता जा रहा है जबकि भारत की सबसे ज्यादा आबादी इसी क्षेत्र पर निर्भर है। नोटबंदी और जीएसटी जैसे कानूनों ने तो पहले से ही इन उद्योग-धंधों के हालात को खस्ता कर रखा था, रही सही कसर को कोरोना के वर्तमान संकट ने और खराब कर दिया। कोरोना के इस संकट ने न सिर्फ उद्योग धंधों को चौपट किया बल्कि बड़े पैमाने पर लोगों की नौकरियां भी छीन ली। कोरोना की इस महामारी ने भारत की बेरोज़गारी दर को 24% तक बढ़ा दिया। ऐसे हालात में पिछले 7 सालों में सरकार, रोज़गार के नए अवसर तो पैदा करने से रही बल्कि बचे-खुचे रोज़गार के अवसरों को भी निजीकरण के माध्यम से खत्म करने पर तुली हुई है। आत्मनिर्भर भारत बनाने की आड़ में देश के लोगों को रोज़गार के लिए आत्मसमर्पण करने के लिए मजबूर बनाने का रास्ता खोला जा रहा है।



युवाओं ने रोज़गार के मुद्दे को लेकर समय-समय पर अपनी आवाज़ बुलंद की जो सत्ता के गलियारों तक पहुंची तो ज़रूर मगर राष्ट्रीय स्तर पर संगठित ना होने की वजह से धीरे-धीरे कहीं गुम हो गई। देश की बात फाउंडेशन ने युवाओं की बुलंद आवाज़ को फिर से देश के आम जन से लेकर सत्ता के गलियारों तक पहुंचाने और बेरोज़गारी की समस्या का स्थाई समाधान निकालने के लिए राष्ट्रीय रोज़गार नीति बनवाने की मुहिम चलाई है।



बेरोज़गारी के मुद्दे का स्थायी समाधान निकालने हेतु, देश की बात फाउंडेशन द्वारा 1 से 8 अक्टूबर तक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। भारतीय युवा संसद में देश भर से 100 से ज्यादा वक्ता  पक्ष/विपक्ष में अपनी बात रखेंगे। भारतीय युवा संसद के आखिरी दिन 8 अक्टूबर को दिल्ली सरकार के कैबिनेट मंत्री माननीय श्री गोपाल राय जी युवाओं को संबोधित करेंगे।



भारतीय युवा संसद में राष्ट्रीय रोज़गार नीति पर प्रस्तुत किये जाने वाले ड्राफ्ट को हार्वर्ड, आईआईटी-बॉम्बे, आईआईटी-दिल्ली और जेएनयू के प्रसिद्ध अर्थशास्त्रियों और शिक्षाविदों, रिसर्च स्कॉलर, टेक्नोक्रेट, नौकरशाहों और सिविल सोसाइटी की एक टीम द्वारा तैयार किया गया है।


इस परिचर्चा में देश की बात फॉउंडेशन के देश भर के राज्यों- जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, आसाम, त्रिपुरा, गुजरात, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा,आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना,  तमिलनाडु, केरल आदि राज्यों के पदाधिकारियों के साथ-साथ, हज़ारों की संख्या में छात्र, युवा, शिक्षाविद और बुद्धिजीवी, भारतीय युवा संसद में शामिल होंगे और राष्ट्रीय रोज़गार नीति पर विचार-विमर्श करके भारतीय युवा संसद का मसौदा देश के सभी विश्वविद्यालयों और कालेजों में चर्चा के लिए भेजा जाएगा, देशवासियों के सामने राष्ट्रीय रोज़गार नीति का ड्राफ्ट रख सुझाव देने के लिए अपील करेंगें जिसे बाद में अंतिम रूप देने के बाद केंद्र सरकार को लागू करने के लिए सौंपा जाएगा।

 


भारतीय युवा संसद का आयोजन 1 से 8 अक्टूबर तक प्रतिदिन शाम 7 से 9 बजे ऑनलाइन होगा। आप देश की बात फाउंडेशन के फेसबुक पेज- https://www.facebook.com/DeshKiBaatFDN पर जाकर भारतीय युवा संसद में सम्मिलित हो सकते हैं।

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