नयी दिल्ली: इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर के लाइफटाइम सदस्य डॉक्टर जसीम मोहम्मद ने इस्लामिक सेंटर में हो रहे चुनाव को लेकर एक ई-मेल रिटर्निंग ऑफिसर (RO) को भेजा है. चार बिंदुओं पर आधारित अपने ई-मेल में उन्हों ने कई गंभीर सवाल खड़े करते हुए लिखा है कि जिस तरह से इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर का चुनाव हो रहा है वह ठीक नहीं है. डॉक्टर जसीम मोहम्मद ने अपने ईमेल में इलेक्शन कोड ऑफ कंडक्ट की खिलाफवर्जी का आरोप लगाते हुए RO से इस दिशा में कठोर कार्यवाही करने की अपील की है.
डॉक्टर जसीम मोहम्मद ने कहा है कि इलेक्शन के कोड ऑफ कंडक्ट को ताक पर रखकर काम किया जा रहा है. उन्होंने RO को संबोधित करते हुए लिखा है कि आप के ऑफिस से जो बैलट पेपर पोस्ट ऑफिस पिन कोड नंबर 110059 से भेजे गए हैं वह टोटल (बहुत सारे) फ्रॉड हैं और उसमें बैलट पेपर की जगह न्यूज़ पेपर की कटिंग मैगजीन की कटिंग आदि पाई गई हैं जिससे साफ है कि इलेक्शन को किसी न किसी के इशारे पर manipulate करने और फ्रॉड करके जीतने की कुछ लोग कोशिश कर रहे हैं.
डॉक्टर जसीम मोहम्मद ने रिटर्निंग ऑफिसर से अपील की है कि वह आई आई सी सी (IICC) के उस स्टाफ मेंबर का नाम पब्लिक करें जिसने 05-12- 2018 को पिन कोड नंबर 1100 59 से रजिस्ट्री की थी.
डॉक्टर जसीम मोहम्मद ने कहा है कि सदस्यों को बैलट पेपर की जगह मैगजीन पेपर कटिंग के टुकड़े भेजा जाना एक गंभीर मामला है और तुरंत ऐसे अधिकारी/स्टाफ मेंबर के खिलाफ एफ आई आर (FIR) लॉन्च की जाए जो इलेक्शन को पूरी तरह से डिस्टर्ब करना चाहता है.
उन्होंने रिटर्निंग ऑफिसर से आशा व्यक्त की है कि तुरंत तत्काल प्रभाव से इस मामले में वह इंटरवीन करते हुए एफ आई आर लॉज कराने की कृपा करेंगे. डॉक्टर जसीम मोहम्मद ने अपने पत्र की कॉपी आईसीसी के सभी लाइफटाइम सदस्यों, दिल्ली के पुलिस कमिश्नर, पोस्ट मास्टर पिन नंबर 110059 रजिस्ट्रार ऑफिस ऑफ़ सोसाइटीज रजिस्ट्रेशन नई दिल्ली और एसएसपी पोस्ट ऑफिस लोधी रोड को भी भेजी है.
डॉक्टर जसीम मोहम्मद ने वतन समाचार से बातचीत में कहा है कि सदस्यों को पेपर कटिंग भेजे जाने से साफ है कि बैलट पेपर रोक लिए जाएंगे और फिर अपनी मर्जी के हिसाब से बैलट पेपर डाल दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि यह एक दो बैलट पेपर का मामला नहीं है बल्कि मुझे लगता है कि 400 से 500 वोटों को प्रभावित करने की कोशिश है. डॉक्टर जसीम मोहम्मद ने कहा कि इस तरह की गड़बड़ी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और कानूनी लड़ाई जारी रहेगी.
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