जमीयत: शहादत की क़ीमत 1 लाख और हिजाब की क़ीमत 5 लाख
रांची प्रदर्शन में शहीद होने वालों के परिजनों को जमीयत की ओर से एक-एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता, पैगंबर के अपमान के विरोध में आयोजित प्रदर्शन में पुलिस की फायरिंग से दो युवक हुए थे शहीद
- ज्ञात रहे कि हिजाब को लेकर नारे बाज़ी करने वाली मुस्कान को जमीयत ने पांच लाख की मदद दी थी, जबकि जमीयत ने खुद ही अपनी रिलीज़ में कहा है कि वह रांची के शहीदों को एक एक लाख की मदद देगी, ऐसे में यह सवाल उठता है कि क्या शहादत की क़ीमत मात्र एक लाख रुपया है.
नई दिल्ली, 17 जून 2022 रांची में पैगंबर के अपमान के विरोध में आयोजित प्रदर्शन में शहीद हुए दोनों युवकों को जमीयत उलेमा हिंद की तरफ से आर्थिक सहायता प्रदान की गई है। इसके साथ ही झारखंड के मुख्यमंत्री से इस घटना में दोषी पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की मांग की गई है। गौरतलब है कि पैगंबर मोहम्मद के अपमान के विरोध में जुमे की नमाज के बाद रांची में हुए प्रदर्शन में पुलिस की बर्बरता में हिंद पीढ़ी के मोहम्मद मुदस्सिर और गुदड़ी चौक के मोहम्मद साहिल शहीद हो गए। इस घटना के बाद दोनों के परिजन गहरे शोक में हैं। गत हफ्ते जमीयत उलेमा-ए-हिंद के महासचिव मौलाना हकीमुद्दीन कासमी के नेतृत्व में जमीयत के एक प्रतिनिधिमंडल ने दोनों के परिजनों से भेंट की थी। यह दोनों परिवार बहुत गरीब हैं। इस दौरान विभिन्न वीडियो द्वारा 16 वर्षीय मोहम्मद मुदस्सिर की मां के दिल को हिला देने वाले बयानों ने पूरे देश को प्रभावित किया है। मुदस्सिर उनका इकलौता बेटा था।
इन परिस्थितियों में जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने जहां एक तरफ झारखंड के मुख्यमंत्री से मांग की है कि प्रदर्शन पर गोली चलाने वालों की पहचान करके उनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए और मृतकों के परिजानों को उचित मुआवजा दिया जाए, वहीं दूसरी तरफ मौलाना मदनी ने मानवीय संवेदना के नाते जमीयत की तरफ से उनके परिजनों को एक-एक लाख रुपये की सहायता राशि देने का निर्णय लिया है। अतः उनके निर्णय पर अमल करते हुए जमीयत उलेमा-ए-हिंद के कार्यालय से इन दोनों शहीदों के परिजनों को कुल दो लाख रुपये अकाउंट के माध्यम से हस्तांतरित कर दिए गए है।
इसके साथ ही जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने यह उम्मीद जताई है कि मुख्यमंत्री ने जो कमेटी गठित की है, वह निष्पक्ष जांच कर के जल्द ही रिपोर्ट सौंपेगी ताकि दोषियों को सजा दी जा सके। इसके अतिरिक्त जमीयत उलेमा-ए-हिंद झारखंड के अध्यक्ष मौलाना असरारुल हक, उच्च प्रबंधक डॉ. असगर मिस्बाही, मदरसा हुसैनिया कुडरू रांची के प्रधानाचार्य मौलाना मोहम्मद कासमी, मुफ्ती कमर आलम, कारी असजद, इकबाल इमाम, तनवीर अहमद, शाह उमैर आदि वहां की स्थिति की लगातार समीक्षा कर रहे हैं और उसके अनुसार जरूरतमंदों को कानूनी सहायता भी प्रदान की जाएगी।
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