जोधपुर 17 दिसम्बर। कहते है ना, जिन्दगी में कुछ ऐसा काम करें ताकि जमाना उस नेक काम के लिए आपको याद रखें और हमेशा आपकी मिसाल पेश की जायें। ऐसा ही कुछ कारनामा अंजाम दिया है जोधपुर के वयोवृद्ध मास्टर निजामुद्दीन व उनके दो दोस्तों ने। दूरदराज इलाकों के मुस्लिम छात्रों की सुविधा के लिए वर्ष 1944 में महाराजा श्री उम्मेद कायमखानी हाॅस्टल की स्थापना की गई थी। उस समय हाॅस्टल की देखरेख करना और उसके आसपास की खाली पड़ी जमीन को अतिक्रमणकारियों से बचाना एक महत्ती कार्य था।
ऐसे हालात में करीब 54 वर्ष पहले उम्मेद कायमखानी हाॅस्टल की करीब ढाई बीघा भूमि पर मास्टर निजामुद्दीन, ने अपने साझेदारों के साथ जिप्सम (खड्डी) का कारोबार शुरू किया जिससे हाॅस्टल को आर्थिक सहयोग प्राप्त हुआ तथा बेशकीमती भूमि अतिक्रमणकारियों के हाथों जाने से बच गईं। इसके साथ ही मास्टर निजामुद्दीन की सरपस्ती में हाॅस्टल की देखरेख की जिम्मेदारी भी अंजाम दी गई और हाॅस्टल का सर्वांगीण विकास हुआ।
आज समय की जरूरत और हाॅस्टल पदाधिकारीयों की बैठक में लिये गये निर्णय में बिना कोई शर्त मास्टर निजामुद्दीन, उनके पार्टनर मोहम्मद अतीक व मोहम्मद हारून ने ये करोड़ो की भूमि पुनः हाॅस्टल कमेटी को निःशुल्क लौटाने का निर्णय लिया। ताकि बालिका शिक्षा के प्रोत्साहन के लिए यहां बालिका छात्रावास का निर्माण किया जा सकें। बालिका छात्रावास के निर्माण स्वरूप इस भूमि में रखे समस्त बिल्डिंग मेटेरियल व सहयोग रूपी 1 लाख रूपये की राशि भी इन समाजसेवियों की ओर से सौंपी गई।
इस ऐतिहासिक खुशी के मौके को जीवन्त बनाने के लिए फ्रेन्डस क्लब सोसायटी की ओर से हज हाउस जोधपुर में तथा महाराजा उम्मेद कायमखानी हाॅस्टल कमेटी की ओर से हाॅस्टल परिसर में इन तीनों महारथियों का नागरिक अभिंन्दन किया गया। इस मौके पर हज हाउस में पूर्व चेयरमैन राजस्थान बोर्ड आॅफ मुस्लिम वक्फस लियाकत अली खान (आईपीएस), मारवाड मुस्लिम एज्यूकेशनल एण्ड वेलफेयर सोसायटी के कोषाध्यक्ष मोहम्मद अतीक व भारतीय वन सेवा के पूर्व अधिकारी इस्हाक अहमद मुगल ने अपने उद्बोधन में मास्टर निजामुद्दीन के व्यक्तित्व व कृतित्व पर रोशनी डाली और कहा कि आज के इस प्रतिस्पद्र्धा के दौर में ऐसे लोग फरीश्तों की तरह है।
दूसरी ओर कायमखानी हाॅस्टल परिसर में हुए अभिन्नदन समारोह में नागौर बासनी के मौलाना निसार ने दान का महत्व व डीडवाना के प्रधान फूले खां ने तीनों समाजसेवियों के बारें में विस्तार से बताया। हाॅस्टल के सचिव एडवोकेट भंवरू खां ने अध्यक्षीय उद्बोधन दिया एवं लौटाई गई भूमि के दस्तावेज व एक लाख का चैक समाजसेेवियों से प्राप्त किया। प्रदेश भर से आये शिक्षाविद्, डाॅक्टर, इंजीनियर, वकील, आरएएस, आईएएस, आईपीएस सहित अन्य क्षेत्रों से जुड़े प्रबुद्धजनों ने तीनों समाजसेवियों को माला व साफा से सम्मानित किया।
मूल रूप से झुन्झनूं जिले के 93 वर्षीय मास्टर निजामुद्ीन खान ने पिछले 74 वर्ष से अपने जोधपुर प्रवास के दौरान जिले सहित राजस्थान में कई शैक्षिक, सामाजिक व कई कल्याणकारी कार्य किये। इनमें मुख्य रूप से स्वास्थ्य एवं समाज के कल्याणकारी कार्य, हेल्थ व हाईजीन के हेल्थ कैम्पों के आयोजन, मलेरिया उन्मूलन कार्य, सहयोग समिति के स्थापना, मय्यत गाडी संचालन के लिए खिदमते खल्क सोसायटी की स्थापना और पुनः अपने जिले में जाने से पहले सम्बद्ध स्थापित पेडी की जमीन को अपने पार्टनर मोहम्मद अतीक और हारून मोहम्मद के साथ मिलकर बालिक शिक्षा प्रोत्साहन स्वरूप बालिका छात्रावास के लिये महाराजा उम्मेद कायमखानी हाॅस्टल को सुपुर्द करना।
इस मौके पर भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी जाकिर हुसैन खान, पूर्व आईजीपी व पूर्व चेयरमैन राजस्थान बोर्ड आॅफ मुस्लिम वक्फस लियाकत अली खान (आईपीएस), जयपुर पुलिस अधीक्षक अरशद अली (आईपीएस), राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी आरटीओ फतेह मोहम्मद, भारतीय वन सेवा के पूर्व अधिकारी इस्हाक अहमद मुगल, पूर्व एसडीएम अनवर अली, रानीवाड़ा डिप्टी सुपरिन्टेन्डेन्ट मुमताज अली खान, मारवाड मुस्लिम एज्यूकेशनल एण्ड वेलफेयर सोसायटी के सरपरस्त शब्बीर अहमद खिलजी, मारवाड हज वेलफेयर सोसायटी जोधपुर के सचिव अब्दुल जब्बार, स्थानीय पार्षद छोटू खां सोलंकी सहित शहर भर के प्रबुद्धजन व प्रदेश भर से आये उम्मेद कायमखानी हाॅस्टल से जुड़े पदाधिकारी, हाॅस्टल वार्डन रमजान खां व समस्त स्टूडेन्ट मौजूद थे।
अंत में बालिका हाॅस्टल के शीघ्र निर्माण के लिये प्रदेश भर से आये प्रबुद्धजनों से जब सहयोग की अपील की गई तो उन्होंने अपने माता-पिता की स्मृति में एक-एक कमरा बनाने की घोषणा की और कुछ ही पलों में करीब 20 कमरें बनवायें जाने की घोषणा हो गई।
हज हाउस में हुये आयोजन के लिए खिदमत खल्क सोसायटी के अध्यक्ष हाजी अल्लाह बख्श सेफी, समाजसेवी रमज़ान अल्फिया, अब्दुल जलील, उस्ताद नजीर अहमद, काजी इकरामुद्दीन, मोहम्मद उमर खैरादी, आवेस मोहम्मद खान का विशेष सहयोग रहा। धन्यवाद अनवर खान पीटीआई ने दिया। संचालन मजाहिर सुल्तान जई, उस्मान खान व इमदाद खान ने किया। पूर्व में तिलावते कुरान सय्यद आदम खान ने किया।
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