यूनाइटेड मुस्लिम फ्रंट के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मशहूर समाजसेवी एडवोकेट शाहिद अली ने जम्मू कश्मीर के मौजूदा हालात पर चिंता प्रकट करते हुए कहा है कि राज्य के हालात ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि बीते 3 सालों में राज्य को जिस तरह से तबाही की ओर धकेला गया वह इतिहास के काले पन्नों में दर्ज होगया है. उन्होंने कहा कि यह बड़े दुख की बात है कि पहले कहा गया कि राज्य के हित में बीजेपी और पीडीपी का गठजोड़ हो रहा है और अब उसी बात का हवाला देते हुए बीजेपी ने पीडीपी से गठबंधन तोड़ लिया है.
महबूबा कठपुतली के सिवा कुछ नहीं थीं
उन्होंने कहा कि मीडिया में आई खबरों पर यकीन करें तो साफ़ है कि महबूबा मुफ्ती मुफ्ती एक कठपुतली के सिवा कुछ नहीं थीं. उन्होंने कहा कि गठबंधन तोड़ने के लिए भी गठबंधन धर्म का पालन नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि महबूबा मुफ्ती क्योंकि राज्य की मुखिया थी इस लिए बीजेपी को उनको गठबंधन तोड़ने के बारे में बताना चाहिए था, लेकिन दुख की बात है कि उन्हें गवर्नर से इसकी सूचना मिली.
गृहमंत्री तक को भी नहीं थी सूचना
उन्होंने कहा कि मीडिया में आई खबरों से यह भी पता चला कि देश के गृहमंत्री तक को भी इसकी सूचना नहीं थी. शाहिद अली एडवोकेट ने पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस से अपील की है कि वह सरकार बनाने के लिए आगे आएं. उन्होंने कहा कि हालांकि नेशनल कांफ्रेंस पहले ही यह बात कह चुकी है कि वह राज्य में सरकार बनाने की कोई कोशिश नहीं करेगी और वह किसी के साथ नहीं जाएगी, लेकिन मेरी नेशनल कांफ्रेंस के फारुक़ अब्दुल्ला और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला से अपील है कि वह राज्य के मफाद को आगे रखते हुए राज्य में सरकार बनाने के लिए आगे आएं वरना BJP राज्य को तबाह कर देगी.
...जो राज्य के हक बेहतर नहीं होगा
उन्होंने कहा कि अगर राष्ट्रपति शासन चलता रहा तो BJP को राज्य के मामलात में दखल देने का पूरा मौका मिलेगा, जो राज्य के हक में किसी भी तरह बेहतर नहीं होगा. उन्होंने कहा कि जो लोग 70 सालों से कश्मीर के बहुत से मामलात में विरोधी रहे हैं, अगर वही लोग कश्मीर को चलाएंगे तो यह सोचा आसानी से जा सकता है कि राज्य का भविष्य क्या होगा, इसलिए पीडीपी और नेशनल कांफ्रेंस दोनों को अपने मतभेद खत्म करके राज्य के फायदे के लिए आगे आकर काम करना चाहिए.
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