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मेरा भरोसा कैसे मोदी भरोसा में परिवर्तित हो गया - व्हाट्सप्प और बीजेपी के रिश्तों पर कांग्रेस का संगीन आरोप

मई, 2020 में जो प्रमुख सुरक्षा अधिकारी फेसबुक के थे एलेक्स स्टामोस(Alex Stamos), उन्होंने ट्वीट किया और मैं उनका ट्वीट बताता हूं आपको कि जो लोकल पॉलिसी हैड हर मुल्क में बनाए जाते हैं, जो कि शिवनाथ ठुकराल या अंखी दास इनके पद हैं, वो जो रुलिंग पार्टी है, सत्ताधारी पार्टी है, उससे जुड़े हुए लोगों को ही बनाया जाता है, ये उनका अपना खुलासा है। एलेक्स स्टामोस कहते हैं कि स्वाभाविक है कि इस तरह से जब अपोयंटमेंट होती है तो निर्णय जो कंपनी लेती है, फेसबुक की बात कर रहे हैं वो, वो निर्णय का झुकाव सत्ताधारी पार्टी की तरफ हो ही जाता है। मुख्य सुरक्षा अधिकारी फेसबुक के एलेक्स स्टामोस अपने ट्वीट में लिखते हैं क्योंकि सत्ताधारी पार्टी से जुड़े हुए लोगों को ही ऐसे अहम पदों पर बैठाया जाता है, तो निर्णय जो कंपनी लेती है, वो निर्णय सत्ताधारी पार्टी की तरफ उन निर्णयों का झुकाव हो जाता है, कंपनी का झुकाव हो जाता है। ये स्वंय एक तरह से बता रहे हैं। जो लोबिंग करनी पड़ती है इन कंपनी को, तो वो लोबिंग के लिए ऐसे ही व्यक्ति को रखा जाता है, जो सत्ताधारी पार्टी के करीब हो। इसी वजह से आपको उदाहरण पिछले सप्ताह भी दिए कि जो घृणात्मक भाषण थे, हेट स्पीच थी भाजपा के नेताओं की, वो फेसबुक हटाने में ना केवल असफल रही, फेसबुक हटाना नहीं चाहती थी, क्योंकि उनका झुकाव भी था, उनके आला अधिकारियों का झुकाव भाजपा की तरफ है और शायद, शायद नहीं, स्पष्ट हो गया है। इसी वजह से उनको फेसबुक ने अपनी कंपनी में आला अधिकारी बना कर रखा।

By: Press Release
  • मेरा भरोसा कैसे मोदी भरोसा में परिवर्तित हो गया - व्हाट्सप्प और बीजेपी के रिश्तों पर कांग्रेस का संगीन आरोप

 

पवन खेड़ा ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि पिछले 10 दिनों में भारतीय जनता पार्टी एवं फेसबुक के जो रिश्ते हैं, घनिष्ठ संबंध हैं, उसके खुलासे आपके सामने हुए, अलग-अलग प्लेटफार्म से हुए, मीडिया के जरिए हुए, हमारे जरिए हुए। ये एक अंतर्राष्ट्रीय मुद्दा बन गया है। एक और अंतर्राष्ट्रीय मैगजीन ने एक नया खुलासा किया है और ये खुलासा है वाट्सऐप और भाजपा के बीच के घनिष्ठ संबंधो का। 40 करोड़ हिंदुस्तानी वाट्सऐप का प्रयोग करते हैं, हम और आप, हमारी निर्भरता वाट्सऐप पर है और अब तो ये स्थिति है कि वाट्सऐप एक प्रमुख स्त्रोत बन गया है, खबरों का, फारवर्ड का, ज्ञान बांटने का, हर तरह का। टी.वी. और उन तमाम माध्यमों से आगे बढ़कर अब लोगों की वाट्सऐप पर निर्भरता बढ़ गई है। जैसे मैंने आपको बताया कि 40 करोड़ भारतीय वाट्सऐप पर निर्भर करते हैं। पिछले सप्ताह फेसबुक की भारत में सबसे आला अधिकारी अंखी दास के विषय में हमने चर्चा की थी। आज एक नए व्यक्ति, एक नई चर्चा के साथ हम आपके सामने आए हैं। इनका शुभ नाम है श्री शिवनाथ ठुकराल साहब।

 

शिवनाथ ठुकराल साहब अब वाट्सऐप के आला अधिकारी हैं हिंदुस्तान में और इससे पहले वो फेसबुक के नंबर दो के आला अधिकारी थे अब तक। उससे पहले 2013 में जब मोदी जी प्रधानमंत्री बनने का ताना-बाना बुन रहे थे, तब ये भारतीय जनता पार्टी के कैंपेन से जुड़े हुए प्रमुख व्यक्तियों में से एक थे, इनका नाम है - शिवनाथ ठुकराल। ये एक अंतर्राष्ट्रीय मैगजीन ने खुलासा किया है, जिसके तहत ये मालूम पड़ता है कि 2013 में जो वेबसाइट थी भाजपा की, ऊपर से नाम था – ‘मेरा भरोसा’, मैं उदाहरण दे रहा हूं फेसबुक पेज था, वेबसाइट था – ‘मेरा भरोसा’। जिसमें मतदाताओं को, नौजवान फर्स्ट टाइम वोटर को जागरुक करने का इनिशेटिव बताया जाता था, एक 'प्रयास' था। ये शिवनाथ ठुकराल जी इस वेबसाइट को देखते थे। 2014 में चुनाव से पहले, 2014 में आते-आते इस वेबसाइट का नाम बदल जाता है – ‘मोदी भरोसा’। तो तमाम वॉलंटियर, जिनको शिवनाथ ठुकराल जी ने ‘मेरा भरोसा’ के साथ जोड़ा, 2014 में वो ‘मोदी भरोसा’ हो गए और वो तमाम वॉलंटियर जो जोड़े थे, बड़े उत्साह के साथ जोड़े थे कि पहली बार हम वोट देंगे और वोटर को जागरुक होना चाहिए, वो जागरुकता के लिए जो जोड़े थे, अब वो ‘मोदी भरोसा’ कैंपेन में जुड़ गए थे।

 

मई, 2020 में जो प्रमुख सुरक्षा अधिकारी फेसबुक के थे एलेक्स स्टामोस(Alex Stamos), उन्होंने ट्वीट किया और मैं उनका ट्वीट बताता हूं आपको कि जो लोकल पॉलिसी हैड हर मुल्क में बनाए जाते हैं, जो कि शिवनाथ ठुकराल या अंखी दास इनके पद हैं, वो जो रुलिंग पार्टी है, सत्ताधारी पार्टी है, उससे जुड़े हुए लोगों को ही बनाया जाता है, ये उनका अपना खुलासा है। एलेक्स स्टामोस कहते हैं कि स्वाभाविक है कि इस तरह से जब अपोयंटमेंट होती है तो निर्णय जो कंपनी लेती है, फेसबुक की बात कर रहे हैं वो, वो निर्णय का झुकाव सत्ताधारी पार्टी की तरफ हो ही जाता है। मुख्य सुरक्षा अधिकारी फेसबुक के एलेक्स स्टामोस अपने ट्वीट में लिखते हैं क्योंकि सत्ताधारी पार्टी से जुड़े हुए लोगों को ही ऐसे अहम पदों पर बैठाया जाता है, तो निर्णय जो कंपनी लेती है, वो निर्णय सत्ताधारी पार्टी की तरफ उन निर्णयों का झुकाव हो जाता है, कंपनी का झुकाव हो जाता है। ये स्वंय एक तरह से बता रहे हैं। जो लोबिंग करनी पड़ती है इन कंपनी को, तो वो लोबिंग के लिए ऐसे ही व्यक्ति को रखा जाता है, जो सत्ताधारी पार्टी के करीब हो। इसी वजह से आपको उदाहरण पिछले सप्ताह भी दिए कि जो घृणात्मक भाषण थे, हेट स्पीच थी भाजपा के नेताओं की, वो फेसबुक हटाने में ना केवल असफल रही, फेसबुक हटाना नहीं चाहती थी, क्योंकि उनका झुकाव भी था, उनके आला अधिकारियों का झुकाव भाजपा की तरफ है और शायद, शायद नहीं, स्पष्ट हो गया है। इसी वजह से उनको फेसबुक ने अपनी कंपनी में आला अधिकारी बना कर रखा।

 

अब यही शिवनाथ ठुकराल को फेसबुक ने वाट्सऐप के एक आला पद पर बैठा दिया है, ऊंचे पद पर बैठा दिया है। वाट्सऐप पर तो हिंदुस्तान के बारे में प्रोजेक्शन है, जो उनका सपना है, वो ये नहीं है कि मैं और आप सिर्फ संदेशों का आदान-प्रदान करें वाट्सऐप के माध्यम से, वो एक प्रयास कर रहे हैं पिछले 2-3 सालों से कि वाट्सऐप पे नाम का एक काम शुरु करें, जिसमें पेमेंट का प्लेटफार्म बन जाए, जैसे कि और प्लेटफार्म हैं, जहाँ आप मोबाईल में वाट्सऐप पर क्लीक करके अपना जो भी आपको खरीद-फरोख्त करनी है, वो कर सकते हैं। उसका लाईसेंस देने का काम सरकार का होता है और उस पर वाट्सऐप इस सरकार को खुश रखने के लिए सबकुछ करेगा, ताकि वो लाईसेंस इनको मिल जाए, करोंडों-अरबों का ये काम है। इस काम के लिए उन्होंने अब शिवनाथ ठुकराल जी की सेवाएं वाट्सऐप के लिए सुपुर्द कर दी कि अब आप संभालिए, अब आप ये लाईसेंस दिलवाईए, क्योंकि उन्होंने फेसबुक में रहते हुए जो सेवाएं भाजपा को दी, मोदी जी को दी, मोदी जी के जिसको अंग्रेजी में कहते हैं ईको सिस्टम को दी, उससे प्रेरित होकर अब उन्हें वाट्सऐप पर लाया गया है कि अब आप यहाँ भी खुश करिए सरकार को कि सरकार खुश होकर हमें लाईसेंस दे दे, वाट्सऐप पे लाईसेंस दे दे।

 

ये बड़ा स्पष्ट हो गया है, इन खुलासों से कि 130 करोड़ हिंदुस्तानियों के साथ जो धोखा हुआ है, इस तरह के अंतर्राष्ट्रीय कंपनियों ने मिलकर मोदी जी के साथ, भाजपा के साथ मिलकर। मैंने आपको पिछले सप्ताह स्वंय बताया था कि कैसे चुनाव आयोग तक पर दबाव डाला गया है, 2019 के चुनाव से पहले, चुनाव आयोग ने खुद एक स्टेटमेंट दिया था कि फेसबुक से जो उनका पार्टनरशिप है, वो रद्द करना चाहते हैं क्योंकि फेसबुक डेटा को कॉम्प्रोमाइज कर देता है, डेटा को लीक कर देता है। लेकिन चार दिन के भीतर-भीतर चुनाव आयोग ने अपना ही स्टेटमेंट पलटा कि वो कर रहा होगा लीक, लेकिन हम अपनी पार्टनरशिप इनके साथ चालू रखेंगे, जारी रखेंगे। ये क्या दवाब था, किसका दवाब था, इसका उत्तर आपको मालूम है, मुझे भी मालूम है, पूरे देश को मालूम पड़ गया है।

 

हमारे कुछ प्रश्न हैं, कुछ मांगे हैं। हमारी पहले जो मांग रही थी, पिछले 10 दिन में हमने मांग की, उसको हम दोहरा रहे हैं। एक ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी का गठन तुरंत किया जाए, ताकि ये जो लिंक है, जो सामंजस्य आपस में फेसबुक के आला अधिकारियों का, वाट्सऐप के आला अधिकारियों का इस भारतीय जनता पार्टी की सरकार के साथ जो संबंध है, उसका खुलासा, उसकी जांच निर्बाध तरीके से हो सके। क्योंकि ये बहुत महत्वपूर्ण ये जानना कि किस तरह से आप उसी सामांजस्य, आपसी समन्वय को हिंदुस्तान में जो अलग-अलग समुदायों का समन्वय है, उसको तोड़ने का प्रयास किया गया और उसमें शामिल सक्रिय रुप से शामिल फेसबुक और वाट्सऐप रहे हैं।

 

आप वाट्सऐप को पेमेंट का लाईसेंस प्लेटफार्म बनने का लाईसेंस देने वाले हैं। हम ये मांग करते हैं कि ये लाईसेंस देने से पहले आप आश्वस्त करिए इस देश के 40 करोड़ ऐसे उपभोक्ताओं को, जो वाट्सऐप का प्रयोग करते हैं कि उनका डेटा, बड़ा महत्वपूर्ण डेटा होता है, जब आपकी बैंकिंग डिटेल, आपके तमाम पैसे की, आपकी इनवेस्टमेंट, सब कुछ आपके मोबाईल पर होता है, बड़ा महत्वपूर्ण होता है कि वो डेटा जो है, सुरक्षित रहे।

 

कोई भरोसा अब नहीं रहा फेसबुक और वाट्सऐप पर इस देश के किसी भी व्यक्ति को कि उनका डेटा इनके पास सुरक्षित है, अगर आप भाजपा के सक्रिय कार्यकर्ताओं को अपने यहाँ आला पद पर बैठाते हैं, तो आप पर कोई कैसे भरोसा करेगा, इस सरकार पर कोई कैसे भरोसा करेगा? जो फेसबुक ने, बताया जाता है कि एक जांच बैठाई है, फेसबुक इंडिया के गतिविधियों को लेकर कि किस तरह से फेसबुक इंडिया के आला अधिकारी भारतीय जनता पार्टी के साथ मिलकर समाज में द्वेष फैला रहे हैं, उस जांच को सार्वजनिक किया जाए, उसकी रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए। उस जांच के दायरे में ये जो नया खुलासा हुआ है वाट्सऐप और भाजपा के आपसी रिश्तों पर, उसको भी इस दायरे में लाया जाए।

 

हमारे जनरल सेक्रेटरी ऑर्गनाइजेशन, श्री केसी वेणु गोपाल जी ने एक और पत्र आज मार्क जुबरबर्क जो फेसबुक के मालिक हैं, उनको लिखा है ये मांग करते हुए कि वो तमाम कदम जो आप उठा रहे हैं, जो गंभीर आप पर लगे हैं, फेसबुक पर और वाट्सऐप पर लगे हैं, आप क्या कदम उठा रहे हैं, ये हमें बताया जाए? इस देश को बताया जाए और हम हमारे 40 करोड़ जो उपभोक्ता हैं वाट्सऐप के उनका डेटा सुरक्षित कैसे रखा जा रहा है, ये बताया जाए। इस पत्र की जो प्रतिलिपी है, प्रेस रिलीज के साथ आपको वो भी दी जा रही है। मेरे सहयोगी दिल्ली में नहीं हैं, प्रवीन चक्रवर्ती जी, हमारे डेटा एनालिसिस के चेयरमैन साहब, वो अपना वक्तव्य आपके साथ जूम के जरिए पेश करेंगे।

 

Shri Praveen Chakravarty said- Good Afternoon! On August 14, the American newspaper ‘Wall Street Journal’ had an article on its first page revealing the biases and partnership of Facebook India’s leadership and their collusion with the ruling establishment and to allow hate speech freely on Facebook.

 

Yesterday, on August 28, another reputed American publication ‘Time Magazine’ has confirmed the findings of Wall Street Journal and has raised further alarm. The Time Magazine’s story covers WhatsApp, which is owned by Facebook. As Pawan Khera Ji mentioned 40 crores Indians, all of us use WhatsApp to communicate. Time Magazine story reveals that even WhatsApp is under the indirect control of the ruling BJP through WhatsApp’s senior leadership team, who seem to have a long standing relationship with the BJP, the details of which Pawan Khera ji just outlined.

 

But, let us be very clear; we are not against any individual’s choice of a political party or their voting preference. Every Indian has the right to choose whichever party they like, but, one cannot allow their personal biases to interfere in the professional conduct, especially of powerful and almost monopolistic media platforms, such as WhatsApp and that is the issue here.

 

The ‘Time’ Magazine’s story raises two very important alarms. It tell us that the partnership and the bias of Facebook India’s leadership is not limited to just one person, but, it is much more wide spread and rampant within Facebook India’s team.

 

Number two, in return for some Government approvals, licenses and permissions for its business operations, such as WhatsApp Pay. WhatsApp has allowed itself to be controlled by the ruling party and has turned a blind eye to hate and fake speeches, thereby tearing the fabric of India social harmony. As responsible citizens of the country, we must all ask, can we turn a blind eye to the disruption of India’s social harmony and interference in India’s electoral democracy by an American company that is in pursuit of profits. I want to reiterate, this is not a political issue, it should not be. These are not baseless allegations made by me or Pawan Khera Ji or the Congress Party, these are deeply researched, investigative articles, by more than one credible American Media publication about another American company dubious operations in India. Ideally, we would have liked such investigations to have been done by India’s free and roaring press, but, you know…

 

I just want to conclude by saying, I saw a clip by the BJP MP from South Bangalore who claimed in an interview that the ‘Wall Street Journal’ is in cahoots with the Congress Party and this is an orchestrated attack by the so called left liberals. It is utterly laughable and displays the sheer idiocy. The Wall Street Journal is perhaps the last publication that can be branded as a left liberal one. If any, it is often perceived as a rightwing conservative publication, but, this raises a larger questions. How is it that the ruling party BJP MPs and Ministers jump to the defence of Facebook with such absurd comments? Why are Ministers and MPs rushing to defend an American company against revelations made by other American Media publications? This only lends credence to the revelations made by the nexus, made about the nexus between BJP and Facebook in India.

 

Shri Pawan Khera further said- Our demands are-

 

• We need be an exhaustive and unbiased investigation by a Joint Parliamentary Committee between the unending links of Facebook employees and the ruling establishment. The investigation must include how Facebook manipulated voter opinion, allowed hate speech and was oblivious to fake news, even when they were in clear violation of their own stated regulations.

 

• WhatsApp cannot be granted approvals for its payment operations until the inquiry is complete and the recommended actions are taken by the company.

 

• Please make the report of the so called investigations ordered by Facebook International into the conduct of Facebook India public. Make the report public. Also, include the present set of fresh revelations against the leadership of WhatsApp India as part of the inquiry.

 

These are our demands, as I have said our General Secretary, Organization; Shri K.C. Venugopal has written one more letter to Mr Mark Zuckerberg, demanding to know the steps being taken by Facebook to investigate these very serious charges on Facebook and on WhatsApp.

 

केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद द्वारा दिए फेसबुक के पक्ष में दिए बयान के संदर्भ में पूछे एक प्रश्न के उत्तर में श्री खेड़ा ने कहा कि जब भी हमने फेसबुक पर सवाल उठाए, जवाब देने रविशंकर प्रसाद आए, हम सिर्फ एक लाइन में जानना चाहते हैं कि ये रिश्ता क्या कहलाता है?

 

एक अन्य प्रश्न पर कि क्या कांग्रेस पार्टी संसद में इस मुद्दे को उठाएगी? श्री खेड़ा ने कहा कि जी, बिल्कुल तैयार हैं। आपने देखा कि किस तरह से भाजपा के सांसदों द्वारा कमेटी तक के चेयरमैन डॉ. शशि थरुर के खिलाफ के खिलाफ एक मुहिम छेड़ दी गई। जबकि बिल्कुल नियमानुसार शशि थरुर साहब ने जो किया, सबको मालूम है कि बिल्कुल नियमों के दायरे में रहकर किया और उनका वो अधिकार क्षेत्र भी है और कर्तव्य भी है, कमेटी के चेयरमैन के अनुसार। लेकिन कैसे भारतीय जनता पार्टी तमाम हथकंडे अपनाकर कोशिश कर रही है कि फेसबुक के खिलाफ जो उठ रही आवाजें हैं, उनको दबा दिया जाए, उनके खिलाफ कोई जांच ना हो, उनको समन नहीं किया जाए, लेकिन कांग्रेस पार्टी संसद में ये मुद्दा अवश्य, अवश्य उठाएगी।

 

देश में संयुक्त प्रवेश परीक्षा (जेईई) और राष्ट्रीय पात्रता एवं प्रवेश परीक्षा (नीट) को लेकर पूछे एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री खेड़ा ने कहा कि आपने देखा, कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षा श्रीमती सोनिया गांधी की पहल पर सात मुख्यमंत्री ने वीडियो के जरिए मीटिंग रखी, चर्चा की, सार्वजनिक चर्चा की इस समस्या को लेकर, इस मुद्दे को लेकर। आपने देखा कि भाजपा के भीतर की भी कुछ आवाजें उठी, लेकिन उनको भी नासुना किया गया। आज अन्य परीक्षाएं, वो डीयू एंटरेंस हो, जेएनयू हो, आईसीएआर हो, होटेल मैनेजमेंट हो, ऐसी 8 परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं, लेकिन एक अजीब सी जिद्द है इस सरकार की कि जेईई और नीट की परीक्षा होगी। कई राज्यों में बिहार, तेलंगाना, बंगाल, यहाँ बाढ का प्रकोप भी है, महामारी का प्रकोप तो अभी चल ही रहा है, कुछ जिले ऐसे हैं, जहाँ लॉकडाउन फिर से लाया जा रहा है। मैं आपको उदाहरण देता हूं बिहार का, जहाँ 32 जिलों में दो सेंटर हैं इस एग्जाम के, दूर दराज से बच्चों को आना पड़ेगा टेस्ट देने। अकेले नहीं आएंगे, अभिभावकों के साथ आना पड़ेगा, रहने की व्यवस्था क्या होगी, आने-जाने की जो सार्वजनिक प्रणाली है यातायात की, वो भी प्रभावित हुई है बाढ़ को लेकर, लेकिन किसी भी बात को सोचे बगैर निर्णय लेने की अगर कोई कला सीखना चाहते हैं, तो मोदी जी की सरकार से सीखिए। हम इस संघर्ष को हमारे नौजवान साथी वो भूख हड़ताल भी कर रहे हैं, आपने देखा कि यूथ कांग्रेस ने भी आंदोलन किया, हम लोग इस मुद्दे को लेकर हर स्तर पर उठाने को तैयार हैं और उठा रहे हैं। इस देश के छात्र-छात्राओं की आवाज को बुलंद करना कांग्रेस अपना फर्ज समझती है, अपना कर्तव्य समझती है।

 

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जी द्वारा दिए "एक्ट ऑफ़ गॉड" बयान के संदर्भ में पूछे एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री खेड़ा ने कहा कि पहले तो कहा -सब कुछ मैं करुंगा, फिर बोला 'आत्मनिर्भर' हो जाईए, अब कहते हैं भगवान भरोसे। भगवान भरोसे तो हैं, हम सब भगवान भरोसे हैं, देश भी भगवान भरोसे हैं, लेकिन आप अपनी गलतियों को भी भगवान पर डाल देंगे, तो भगवान तो बड़ा दिल रखते हैं माफ कर देंगे, देश आपको माफ नहीं करेगा। हर चीज में गलती आपने की, नोटबंदी की- गलती आपने की, जीएसटी आपको लागू करना नहीं आया- गलती आपने की, किस तरह से आपने बिना किसी प्लानिंग के लॉकडाउन किया, ना मजदूरों की आपने कोई फिक्र की, ना आपने उनको राशन, पानी कैसे आएगा, उनको तनख्वाह कैसे मिलेगी, ना वो फिक्र की, कांग्रेस पार्टी की अध्यक्षा ने, कांग्रेस पार्टी के अनेक नेताओं ने, राहुल गांधी जी ने, जयराम रमेश जी ने, चिदंबरम साहब जी ने बार-बार पत्र लिखकर अलग-अलग सुझाव दिए। कुछ सुझाव आपने बड़े देर से माने, जो मध्यम वर्गीय लोग हैं, उनकी ईएमआई की आपने चिंता नहीं की, आपने लोगों का किराया कहाँ से आएगा, वो चिंता नहीं की और उसके बाद जब आपने देखा कि अब स्थिति हाथ से बाहर चली गई है, स्थिति बहुत असामान्य हो गई है, हर वर्ग आपसे नाराज है, पूरे देश में त्राही-त्राही मच रही है, तब आप कह रहे हैं 'एक्ट ऑफ गॉड' है। ये बात ईमानदारी से उन्होंने कह दी, शायद उन्हें डांट भी पड़ेगी, निर्मला  सीतारमण जी को कि मोदी जी पर भरोसा मत करो, अब भगवान पर भरोसा करो, ये कहना ये चाह रही हैं कि हम पर भरोसा करना अब बंद कर दीजिए, क्योंकि हमें भी नहीं रहा अपने आप पर भरोसा, अब आप भगवान पर भरोसा किया। तो हम उनको बताना चाहते हैं कि भगवान पर तो पूरा भरोसा है लेकिन आपकी इस बात को सुनकर ये देश अब आपको माफ नहीं करेगा।

 

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