· सम्मेलन में 75 स्वास्थ्य पत्रकार और उद्योग जगत से 40 दिग्गज हस्तिया शामिल हुईं
· केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्वनी कुमार चौबे ने आयुष्मान भारत योजना पर प्रकाश डाला
· प्रमुख वक्ताओं में फोर्टिस एस्कॉर्ट हार्ट इंस्टीट्यूट के चेयरमैन डॉक्टर अशोक सेठ, फोर्टिस सी-डॉक के चेयरमैन डॉक्टर अनूप मिश्रा, विश्व बैंक में वरिष्ठ आहार विशेषज्ञ आशी कठुरिया और आईआईएमसी के महानिदेशक के.जी. सुरेश शामिल हुए
दिल्ली, 21 दिसंबरः स्वास्थ्य से जुड़े ज्वलंत मुद्दों के बारे में अपना ज्ञान बढ़ाने और अपने साथियों के साथ नेटवर्क स्थापित करने के लिए स्वास्थ्य विषयों पर लिखने वाले 75 पत्रकार एक ही छत के नीचे एकत्रित हुए। हील फाउंडेशन द्वारा भारतीय जनसंचार संस्थान के साथ मिलकर आयोजित किए गए तीन दिवसीय हेल्थ मीडिया सम्मेलन में हेल्थकेयर उद्योग से करीब 40 दिग्गज हस्तियों ने हेल्थ मीडिया के साथ संवाद स्थापित किया। यह सम्मेलन स्वास्थ्य विषय पर लिखने वाले पत्रकारों और संपादकों के लिए एक राष्ट्रीय मंच है जहां उन्हें हेल्थकेयर उद्योग के दिग्गजों से विभिन्न स्वास्थ्य मुद्दों के बारे में सटीक जानकारी मिलती है।
हेल्थ मीडिया को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री अश्वनी चौबे ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि स्वतंत्रता मिलने के सात दशकों बाद भी 62.58 प्रतिशत नागरिकों के पास स्वास्थ्य बीमा की सुविधा नहीं है। इसके परिणाम स्वरूप, हर साल करीब 4 प्रतिशत नागरिक इलाज के खर्च के चलते गरीबी के दुष्चक्र में फंस जाते हैं। सरकार 58 मेडिकल कॉलेजों को अपग्रेड कर रही है और 73 मेडिकल कॉलेजों में सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक स्थापित कर रही है जिससे इस समस्या से निपटने में मदद मिल सके।”
चौबे ने कहा, “मैं देश के सभी हिस्सों में स्वास्थ्य विषय पर लिखने वाले पत्रकारों विशेषकर भाषाई पत्रकारों के क्षमता निर्माण के लिए यह पहल करने पर हील फाउंडेशन को बधाई देता हूं और मुझे पूरा भरोसा है कि आयुष्मान भारत और स्वस्थ भारत पर गंभीर चर्चा से निश्चित तौर पर सार्थक परिणाम निकलेंगे और इससे सरकार भी लाभान्वित होगी।”
इस सम्मेलन में “फर्जी स्वास्थ्य समाचारों की समस्या” और “हेल्थकेयर क्षेत्र में विश्वास बहाली” जैसे विषयों पर परिचर्चा में पदम भूषण से सम्मानित और फोर्टिस हॉस्पिटल के चेयरमैन डॉक्टर अशोक सेठ, एम्स के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉक्टर शक्ति कुमार गुप्ता और भारतीय जनसंचार संस्थान के महानिदेशक के.जी. सुरेश ने अपने विचार रखे। सुरेश ने स्वास्थ्य पत्रकारों और संपादकों के क्षमता निर्माण के लिए हील फाउंडेशन के साथ दीर्घकालीन संबंध रखने का भी वादा किया। विश्व बैंक में वरिष्ठ आहार विशेषज्ञ आशी कठुरिया ने फूड फोर्टिफिकेशन, फूड सेफ्टी, अधिक वसा, चीनी और नमक वाले खाने का सेवन घटाने और जीवन के 1000 दिन का संदेश फैला रहे ईट राइट मूवमेंट पर अपनी अंतर्दृष्टि साझा की। यह मूवमेंट एफएसएसएआई द्वारा चलाया जा रहा है।
हेल्थकेयर क्षेत्र में विश्वास बहाली पर अपने विचार साझा करते हुए डॉक्टर सेठ ने कहा, “डॉक्टर हमेशा ही काफी दबाव में काम करते हैं जिससे अक्सर गलतफहमी हो जाती है या सही बात सामने नहीं आ पाती। मरीजों और डॉक्टरों के बीच विश्वास कायम करने के लिए डॉक्टरों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि वे मरीजों के प्रति सहानुभूति रखें। विनम्रता के साथ बातचीत लंबे समय में विश्वास कायम करती है। डाक्टरों के कुछ शब्द मरीजों के रिश्तेदारों को झकझोर देते हैं। वहीं मरीजों की प्रतिक्रिया यह भी हो सकती है कि डाक्टर ने पूरी कोशिश की या डॉक्टर लापरवाह था। ये बातें डाक्टर द्वारा सहानुभूति और संचार पर निर्भर करती हैं।”
हील फाउंडेशन के संस्थापक और इंडिया वर्चुअल हॉस्पिटल के संस्थापक मैनेजिंग पार्टनर स्वदीप श्रीवास्तव ने कहा, “इस सम्मेलन ने स्वयं को स्वास्थ्य पत्रकारों और डाक्टरों, अस्पतालों, फार्मा उद्योग और उद्योग के अन्य भागीदारों के बीच एक सेतु के तौर पर स्थापित किया है। पत्रकारों को उद्योग के दिग्गजों से क्षमता निर्माण का अवसर मिलता हैजिससे उन्हें उद्योग की गतिविधियों के बारे में सटीक जानकारी मिलती है।इस छठे सम्मेलन का उद्देश्य हेल्थकेयर उद्योग में नवीनतम गतिविधियों से हेल्थ लेखकों और संपादकों को रूबरू कराना और हेल्थकेयर के समग्र सुधार में हेल्थ मीडिया की भूमिका और जिम्मेदारी बढ़ाना था।”
सिप्ला और महर्षि आयुर्वेद ने इस सम्मेलन में क्रमशः बेरोक जिंदगी और आयुर्वेद साझीदार के तौर पर हिस्सा लिया। सिप्ला ने सम्मेलन में आये लोगों के लिए निःशुल्क पुलमोनरी फंक्शन टेस्ट का आयोजन किया, वहीं महर्षि आयुर्वेद ने निःशुल्क आयुर्वेद जांच की व्यवस्था की।
हेल्थकेयर के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले लोगों का सम्मान करते हुए हील हेल्थ ऑनर्स के वितरण के साथ इस सम्मेलन का समापन हुआ।
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