नई दिल्ली, 25 जनवरी। फोरम फॉर डेमोक्रेसी एंड कम्युनल एमीटी (एफडीसीए) ने ‘‘ध्रुवीकरण में बढ़ोत्तरी देश के भविष्य के लिए ख़तरा’’ विषय पर एक वेबीनार आयोजित किया। जमाअत इस्लामी हिन्द के उपाध्यक्ष और एफडीसीए के सेक्रेट्री जेनरल प्रोफेसर मोहम्मद सलीम इंजीनियर ने कहा कि एफडीसीए को जस्टिस वी एम तारकुंडे डॉक्टर राजेंद्र सचर, कुलदीप नैयर, स्वामी अग्निवेश एवं मौलाना शफी मुनिस जैसे व्यक्तित्व के सहयोग से 1993 में स्थापित किया गया था। अफसोस की बात है कि इन संस्थापकों में से अब कोई भी हमारे बीच मौजूद नहीं हैं।
एफडीसीए के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रोफेसर मुचकुंद दूबे ने अपनी अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि ध्रुवीकरण के ज़रिए अल्पसंख्यक वर्ग को उत्पीड़ित करना और उन्हें हिंसा का निशाना बनाना इस वक़्त देश का मुख्य मुद्दा बन गया है। देश में अल्पसंख्यक खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। इसकी वजह से देश का भविष्य अंधेरे में जा रहा है और लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन हो रहा है। हम सब मिलकर देश के लोकतंत्र और संविधान के मूल्यों को बहाल करने में प्रभावी भुमिका निभा सकते हैं। एफडीसीए महाराष्ट्र चेप्टर के अध्यक्ष डॉक्टर राम पुनियानी ने कहा कि दुनिया के विभिन्न देशों में ध्रुवीकरण का माहौल है। भारत में हिन्दू धर्म के नाम पर सांप्रदायिकता की जो हवा दी जा रही है उसका हिन्दू धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। ये काम दक्षिणापंथी लोग अंजाम दे रहे हैं। इसी दक्षिणापंथ की वजह से अयोध्या जैसे मुद्दे को उछाल कर अल्पसंख्यक के ख़िलाफ नफ़रत का माहौल बनाया गया।
एफडीसीए केरल चेप्टर के अध्यक्ष सुकुमारन ने कहा कि देश में विभिन्न संस्कृति को नकारने की इजाज़त नहीं दी जा सकती। मौजूदा समय में सांस्कृतिक ध्रुवीकरण के रुझान को बढ़ावा देने की वजह से देश खतरनाक सांप्रदायिकता की ओर बढ़ रहा है। अथॉरिटी ऑफ़ कंस्टीटूशन एंड लीगल अफसर फैज़ान मुस्तफा ने कहा कि आज देश में ऐसा माहौल बन चुका है कि लोकसभा में शपथ के दौरान जय श्रीराम का नारा लगाया जाता है। ऐसे मौक़े पर धार्मिक नाराबाज़ी चाहे ये नारा जय श्रीराम हो या अल्लाहो अकबर संविधान के खिलाफ़ है। किसी भी ऐसी धार्मिक बंटवारे से बचना चाहिए। एफडीसीए बंगाल चेप्टर के अध्यक्ष जस्टिस ए के गांगुली ने कहा कि धार्मिक सांप्रदायिकता शोषण करने को एक हथियार है। भारत एक धर्मनिर्पेक्ष देश है और यहां सबको बराबरी का हक़ हासिल है।
इसलिए यहां किसी को किसी के षोषण की इजाज़त नहीं दी जा सकती । मगर जो लोग सत्ता में हैं वे हिन्दू राष्ट्र का नारा देकर शोषण का रवैया अपना रहे हैं। एफडीसीए गुजरात चेप्टर के अध्यक्ष निकेश ओझा ने कहा कि इस समय देश न केवल सांप्रदायिकता बल्कि अन्य कई मुद्दों में ध्रुवीकरण की ज़द में है। यहां हर वर्ग और हर धर्म का सम्मान अनिवार्य है। इससे समाज मज़बूत होता है।
जबकि ध्रुवीकरण देश के भविष्य को अंधेरे में ले जाता है। एफडीसीए राजस्थान चेप्टर के अध्यक्ष सवाई सिंह ने कहा कि इस समय देश की ऐसी स्थिति बना दी गयी है कि सांप्रदायिक बंटवारे के अलावा सरकार किसी और महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान ही नहीं दे रही। दो महीने से किसान आंदोलन जारी है, सीमा पर संघर्ष है, अन्य मुद्दे मौजूद हैं, लेकिन सरकार को ध्यान हिन्दू राष्ट्र पर जमा हुआ है।
वेबीनार के अंत में प्रोफेसर सलीम इंजीनियर ने उपस्थित लोगों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस समय देश की जो स्थिति है इससे अधिक कठिन स्थिति विगत में आ चुके हैं, मगर देश से मोहब्बत रखने वालों ने संविधान को सम्मान करते हुए हालात का मुक़ाबला किया और लोकतांत्रिक मूल्यों को क़ायम रखा। हम पुरी उम्मीद रखते हैं कि ये हालात भी बदलेंगे और इसके बदलने में देश के लोग ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सकते हैं।
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