उत्तरी दिल्ली: उत्तरी दिल्ली के इंदरलोक इलाके मे टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड व् सौफिया एजुकेशनल एंड वेलफेयर सोसाइटी ने मिलकर एक प्रमाण पत्र वितरण समारोह का आयोजन किया जिसमे टाटा पावर के वरिष्ठ अधिकारी उदय मिश्रा, अधिकारी पंकज कुमार सिंह व् सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल वाहिद मौजूद रहे
टाटा पावर दिल्ली मे व्यावसायिक प्रशिक्षण देने के लिए करीब 18 ट्रेनिंग अलग अलग गैर सरकारी संस्थाओं के साथ मिलकर सेंटर चलते है और ये सभी सेंटर ऐसे इलाको मे चलाये जाते है जहॉ के लोगो के पास इस तरह के कौर्सेस सीखने के लिए न तो पैसे है और न ही सही जानकारी होती है ऐसे मे टाटा पावर आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बच्चो को ट्रेनिंग देकर व् उन्हें नौकरी दिलाकर आर्थिक रूप से सक्षम बना रही है.
सौफिया संस्था द्वारा इंदरलोक प्रशिक्षण केंद्र मे करीब सालाना 400 बच्चो को कंप्यूटर एकाउंटिंग व् कटाई व् टेलरिंग सिखाकर उन्हें जन शिक्षण संस्थान( मिनिस्ट्री ऑफ़ ह्यूमन रिसोर्स डेवलपमेंट, भारत सरकार) द्वारा प्रमाण पत्र दिलाकर लगातार नौकरी दिला रही है
इस मोके पर उदय मिश्रा ने कहा कि टाटा पावर अपने सामाजिक दायित्व निधि से इस तरह के सामाजिक कार्य करती है और कंपनी समझती है कि किसी को हुनर देकर रोजगार दिलाने से बेहतर कोई काम नहीं हो सकता और टाटा पावर करीब 5000 युवाओ को ट्रेनिंग देकर प्रति वर्ष अपने सहयोगी संस्थाओं के साथ मिलकर नौकरियां लगवा रही है, जो एक बड़ी चुनौती है टाटा पावर व् सोफिया जैसे संस्था मिलकर आसानी से इस दायित्व को निभा रहे है और गरीब परिवारों को आर्थिक रूप से सक्षम बना रही है आज इस संस्था के माध्यम से जितने बच्चो ने आज कोर्स पूरा किया है मै उनके उज्जवल भविष्य की कामना करता हूँ और इन्हे जब भी कभी भविष्य से सम्बंधित हमारी जरूरत हो इस सेंटर पर आकर संपर्क कर सकते है
सौफिया के चेयरमैन सुहैल सैफी ने कहा कि शुरुवात मे इस इलाके से लड़कियों को ट्रेनिंग देने के लिए निकलना काफी मुश्किल भरा था लकिन जैसे जैसे ट्रेनिंग शुरू की गयी तो इलाके के लोगो के साथ से पूरा सेंटर भर गया और आज नए बैच के लिए पहले से ही बच्चो की लिस्ट तैयार हो जाती है और बच्चे ट्रेनिंग लेकर नौकरियां पा रहे है जिससे परिवार की मदद कर पा रहे है
अब्दुल वाहिद ने कहा कि टाटा पावर ने इस इलाके मे ये ट्रेनिंग सेंटर खोलकर बहुत बड़ा काम किया है पहले हमारे इलाके की बच्चियां बहुत दूर पढ़ने जाती थी और बहुत तो दूर की वजह से पढ़ना छोड़ देती थी ये सेंटर इस इलाके के लिए मील का पत्थर साबित हो रहा है. इस मोके पर नूरीन, सरफराज, कफील अंसारी, फहीम, नासिर, संदीप कुमार, शुभम, ज़ैनब, जोगिन्दर मौजूद रहे.
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