कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि देश के युवाओं, किसानों, राफेल के भ्रष्टाचार जैसे मामलों पर संसद में चर्चा हुई। 30,000 करोड़ रुपए प्रधानमंत्री जी ने अनिल अंबानी की कंपनी को दिलवाया। जब पार्लियामेंट हाउस में चर्चा हुई तो प्रधानमंत्री पार्लियामेंट हाउस में नहीं थे, प्रधानमंत्री राफेल डिबेट से भाग गए। अरुण जेटली ने लंबा भाषण दिया, मुझे गाली दी, मगर जो सवाल हैं, उनका जवाब नहीं दिया। राफेल मामले पर देश के 4-5 सवाल हैं।
पहला सवाल, हवाई जहाज के प्राईस को 526 करोड़ रुपए से 1611 करोड़ रुपए किसने बढ़ाया? क्या एयरफोर्स के लोगों ने दाम बढ़ाया या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने दाम बढ़ाया?
दूसरा, एयरफोर्स को 126 हवाई जहाज चाहिए थे, 36 हवाई जहाज का कॉन्ट्रैक्ट ही क्यों तैयार किया गया? क्या एयरफोर्स ने 36 हवाई जहाज मांगे थे या एयरफोर्स ने 126 हवाई जहाज मांगे थे?
तीसरी बात, अनिल अंबानी को कॉन्ट्रैक्ट किसने दिलवाया? ओलांद जी ने कहा है कि अनिल अंबानी को कॉन्ट्रैक्ट नरेन्द्र मोदी जी ने दिलवाया है।
दसॉल्ट कंपनी की इंटरनल ई-मेलस/कागजात में कहा गया है कि उनको ऑर्डर मिला था कि हिंदुस्तान की सरकार और प्रधानमंत्री ने कहा था कि अनिल अंबानी को कॉन्ट्रैक्ट दिया जाएगा।
ये प्रमुख सवाल हैं और हम चाहेंगे, पूरा विपक्ष चाहेगा कि जब रक्षा मंत्री प्रधानमंत्री जी के बिहाफ (behalf) पर बोलेंगी तो इन सवालों का जवाब दिया जाए।
आखिरी बात और ये शायद मुख्य सवाल है कि ये क्या जो नई डील की गई, 36 एयरक्रॉफ्ट वाली, इस डील पर हिंदुस्तान के एयरफोर्स के लोगों को, डिफेंस मिनिस्ट्री के लोगों को क्या कोई ऑब्जेक्शन था? हाँ या ना। मेरा मतलब है, क्या कहीं लिखा है, किसी फाइल में लिखा है कि डिफेंस मिनिस्ट्री officials are objecting to the new deal? रक्षा मंत्री को हमें ये बताना है कि ऐसी कोई फाइल है या नहीं रक्षा मंत्री के पास, जिसमें साफ लिखा है कि the negotiating team is objecting to the new deal? ये सवाल हैं।
एक प्रश्न पर कि वित्त मंत्री अरुण जेटली जी ने कहा है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी गलत सवाल पूछ रहे हैं, क्या कहेंगे, श्री गांधी ने कहा कि मैं गलत सवाल नहीं पूछ रहा, वो गलत जवाब दे रहे हैं। देश के युवाओं, आप फैसला करो क्या राहुल गांधी गलत सवाल पूछ रहा है या सही?
526 करोड़ रुपए का जहाज अगर 1,611 करोड़ रुपए में खरीदा जाता है, तो क्या ये गलत सवाल है?
क्या ये गलत सवाल है कि HAL को परे करके अनिल अंबानी की कंपनी को कॉन्ट्रैक्ट किस आधार पर दे दिया गया?
क्या ये गलत सवाल है कि HAL 70 साल से हवाई जहाज बना रही है और हिंदुस्तान में इंडस्ट्री बननी चाहिए थी पर आपने फ्रांस में क्यों बना दी? ये गलत सवाल नहीं हैं।
अरुण जेटली जी को मुझे गाली देनी बंद कर सवालों के जवाब देने चाहिए। मैं प्यार से बोल रहा हूं। वो मुझे गाली देते हैं जितनी भी गाली हैं। दीजिए, जितनी गाली देनी है, मगर प्यार से मैं आपसे पूछ रहा हूं, हिंदुस्तान के जो 4-5 सवाल हैं, जो हमने डिफेंस मिनिस्ट्री के ऑब्जेक्शन की बात की, उसका आप जवाब दे दीजिए और फिर जितनी गाली देनी हैं, दे दीजिए।
संसद में राफेल घोटाले के मुद्दे पर चर्चा के बाद संसद भवन में पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री गांधी ने कहा कि अलग-अलग वो सवाल उठे, जिनका रक्षा मंत्री ने जवाब नहीं दिया, प्राइस का जवाब नहीं दिया, 126 जहाजों से कम करके 36 करने का जवाब नहीं दिया, अनिल अंबानी का नाम दो घंटे नहीं लिया, ठीक है। मगर अंत में मैंने दो सवाल पूछे। मैंने जो सप्लीमेंट्री प्रश्न पूछे, उसमें मैंने दो बातें बोली, उसमें एक प्रमुख बात थी और उसमें मैंने रक्षा मंत्री जी से कहा था, इसके बारे में आप हाँ या ना का जवाब दें और मेरा सवाल था - ये इतने लंबे नेगोसियेशन के बाद जिन लोगों ने ये नेगोसियेशन किया, एयरफोर्स चीफ, डिफेंस मिनिस्टर, सेक्रेटरीज,एयरफोर्स के अफसर, जिन्होंने पूरा का पूरा नेगोसियेशन किया, जब प्रधानमंत्री जी ने बाईपास सर्जरी की, जो आपने अपने भाषण में माना कि हमने 36 हवाई जहाज खरीदने का नया कॉन्ट्रैक्ट शुरु किया है। तो मैंने उनसे पूछा था कि जब ये बाईपास सर्जरी हुई तो क्या एयरफोर्स के लोगों ने ऑब्जेक्शन किया? हाँ या ना। आपने देखा कि इस सवाल का जवाब देने की बजाए रक्षा मंत्री ने वहाँ ड्रामा शुरु कर दिया- मेरी बेइज्जती हुई है, मुझे झूठा बोला गया और ये देखिए देश के युवाओं, आपको गुमराह करने का प्रयास है। सीधा सवाल है और उस प्रश्न का हाँ या ना जवाब दिए बिना रक्षा मंत्री भाग गईं। प्रधानमंत्री जी अंदर नहीं आ सकते हैं और गोवा में पूर्व रक्षा मंत्री बैठे हुए हैं, कह रहे हैं मेरे पास फाइल हैं, मैं प्रधानमंत्री जी को सीधा कर दूंगा।
ये सच्चाई है। ढाई घंटे का भाषण दिया है, ना कोई जवाब दिया और जो करक्स (crux) था कि एयरफोर्स के नेगोसियेटर ने जो आठ साल काम किया, जिस कॉन्ट्रैक्ट को नरेन्द्र मोदी जी ने झट से दो मिनट में बदला, क्या उन्होंने ऑब्जेक्शन किया? हाँ या ना और मैंने ये नहीं बोला कि लंबा भाषण दो, मैंने बोला बस ये बोल दो कि हाँ या ना? भाग गई, आपने देखा, आपके सामने भाग गई।
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