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कोविड 19 जैसी जानलेवा बीमारी के प्रोटोकॉल को फॉलो करते हुए रोज़ा रखें तथा इबादत करें- हकीम मोहम्मद अयाजुद्दीन हाश्मी

मुकद्दस माहे रमज़ान का महीना कल से शुरू हो रहा है।अल्लाह इस माह में ज़्यादा से ज़्यादा इबादत की तौफ़ीक़ दे और जो इस माह में इबादत का सिलसिला शुरू हुआ है उसे रमज़ान बाद भी बाकी गयारह महीने बरक़रार रखने की तौफ़ीक़ दे। कोविड 19 जैसी महामारी के दौरान कोरोना के प्रोटोकॉल को फॉलो करते हुए रोज़ा रखना और इबादत करना चाहिए। यह कहना है प्रसिद्ध चिकित्सक और पीस ऑलवेज के चेयरमैन हकीम मोहम्मद अयाजुद्दीन हाश्मी का। उन्हों ने कहा कि सख्त गर्मी में रोज़ा रखने के बाद इफ्तार में इस बात का विशेष ध्यान दें कि इफ्तार के समय तुरंत बहत अधिक ठंडा खाने पीने से बचें। हां इफ्तार के बाद नमाज़ ए मगरिब से फारिग होने के उपरांत ठंडा पानी ले सकते हैं। इफ्तार के समय तुरंत ठंडा खाने पीने से सेहत पर दुष्प्रभाव पड़ता है।

By: वतन समाचार डेस्क

  • कोविड 19 जैसी जानलेवा बीमारी के प्रोटोकॉल को फॉलो करते हुए रोज़ा रखें तथा इबादत करें- हकीम मोहम्मद अयाजुद्दीन हाश्मी
नई दिल्ली - मुकद्दस माहे रमज़ान का महीना कल से शुरू हो रहा है।अल्लाह इस माह में ज़्यादा से ज़्यादा इबादत की तौफ़ीक़ दे और जो इस माह में इबादत का सिलसिला शुरू हुआ है उसे रमज़ान बाद भी बाकी गयारह महीने बरक़रार रखने की तौफ़ीक़ दे। कोविड 19 जैसी महामारी के दौरान कोरोना के प्रोटोकॉल को फॉलो करते हुए रोज़ा रखना और इबादत करना चाहिए। यह कहना है प्रसिद्ध चिकित्सक और पीस ऑलवेज के चेयरमैन हकीम मोहम्मद अयाजुद्दीन हाश्मी का। उन्हों ने कहा कि सख्त गर्मी में रोज़ा रखने के बाद इफ्तार में इस बात का विशेष ध्यान दें कि इफ्तार के समय तुरंत बहत अधिक ठंडा खाने पीने से बचें। हां इफ्तार के बाद नमाज़ ए मगरिब से फारिग होने के उपरांत ठंडा पानी ले सकते हैं। इफ्तार के समय तुरंत ठंडा खाने पीने से सेहत पर दुष्प्रभाव पड़ता है।
उन्हों ने यह भी  कहा कि हल्का खाएं और कोशिश करें कि लिक्विड का ज्यादा इस्तेमाल किया जाए तथा तली हुई चीजों का इस्तेमाल कम करें और मौसम के अनुसार खाने पीने पर ध्यान दें। अयाज़ हाशमी ने यह भी कहा कि इस पवित्र महीने में गरीबों का विशेष ध्यान रखें और हर संभव उनकी सहायता करें। उन्हों ने यह भी कहा कि कोरोना जैसी जानलेवा बीमारी के खात्मे के लिए रब की बारगाह में विशेष प्रार्थना (दुआ) करना चाहिए, साथ ही देश में अमन व शांति के लिए भी परवरदिगार से दुआ किया जाना चाहिए। अयाज़ हाशमी ने आगे यह भी कहा कि माहे रमज़ान में मसाजिद भर जाती है नमाज़ियों की संख्या में कई गुना अधिक इज़ाफ़ा हो जाता है ऐसा ही रमजान के बाद भी जारी रहना चाहिए। अल्लाह पाक इस पवित्र रमज़ान को इबादत और कुर्ब ए इलाही का ज़रिया बनाए और हम जो इबादत करें उसे अल्लाह कबूल करे। आमीन
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