नयी दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी एनआईए द्वारा अमरोहा और आसपास के क्षेत्रों में की गई छापेमारी पर सख्त टिप्पणी करते हुए पूर्व सांसद और कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता राशिद अल्वी ने कहा है कि एनआईए सरकार के एजेंट के तौर पर काम कर रही है. उन्होंने अपने आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि हम इस बात के हक में नहीं है कि गुनहगारों को छोड़ा जाए लेकिन हां अगर किसी बेगुनाह को फसाया जाता है तो हम उसके मुखर विरोधी हैं.
राशिद अल्वी ने कहा कि जो रिपोर्ट एनआईए ने दी है उसके बाद मुझसे गांव के लोग आए जिस में हिंदू और मुसलमानों की एक बड़ी संख्या थी उन्होंने बताया कि रात 2:00 बजे 150 - 200 के आसपास पुलिस अधिकारी 25,30 गाड़ियों के साथ आए और उन्होंने इलाके को घेर लिया. उन्होंने बताया कि ट्रक ने पहले से मौजूद गत्तों को उतारा गया और फिर उन्हीं को उस में लादा गया. उन्होंने कहा कि जो सामान पहले से मौजूद था वही उनके घरों से बरामद दिखाया गया है.
राशिद अल्वी ने कहा कि जब मौके पर मौजूद एक बुजुर्ग शख्स ने उस पर आपत्ति जताई तो उसे चुप करा दिया गया और मैं उसका नाम इसलिए नहीं बताना चाहता हूं क्योंकि उसकी जान को खतरा हो जाएगा. राशिद अल्वी ने अफसोस प्रकट करते हुए कहा कि एक ट्रैक्टर के हाइड्रोलिक जैक को जिस तरह से एक रॉकेट लांचर के तौर पर दिखाया जा रहा है उससे मुझे दुख हुआ. उन्होंने बताया कि यह जैक लोकल मेड है. राशिद अल्वी ने कहा कि कहा जा रहा है कि घर के जेवरात बेचकर रॉकेट लॉन्चर बनाएंगे घड़िया खरीदी गई. मेरा सवाल यह है कि क्या कोई आतंकवादी इस तरह का जोखिम लेगा और उसके पीछे उसकी मंशा क्या होगी?
उन्होंने कहा कि अमरोहा के आसपास के इलाके में 1947 में भी शांति थी, इसलिए किसी बेगुनाह को फसाने की कोशिश नहीं होनी चाहिए और ना ही गुनहगारों को बख्शा जाना चाहिए. उन्होंने चुनाव के नजदीक होने का हवाला देते हुए कहा कि हिंदू और मुसलमानों के बीच में नफरत डालने का काम किया जा रहा है और यह खेल बंद होना चाहिए. राशिद अल्वी ने कहा कि उन लोगों के नाम सामने आने चाहिए जिन की जान को ख़तरा था. उन्होंने कहा कि सैद पुर इम्मा गांव एनआईए के लोग चार-पांच दिन पहले गए थे और उन्होंने उनके घरों के नक्शे बनाए थे. तब उन्होंने खुद को लोकल कारपोरेशन का बताया लेकिन जब लोकल कारपोरेशन से संपर्क किया गया तो उन्होंने सीधे इनकार करते हुए कहा कि हमारे यहां से कोई अधिकारी नहीं गया था.
ताज़ातरीन ख़बरें पढ़ने के लिए आप वतन समाचार की वेबसाइट पर जा सक हैं :
https://www.watansamachar.com/
उर्दू ख़बरों के लिए वतन समाचार उर्दू पर लॉगिन करें :
http://urdu.watansamachar.com/
हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें :
https://www.youtube.com/c/WatanSamachar
ज़माने के साथ चलिए, अब पाइए लेटेस्ट ख़बरें और वीडियो अपने फ़ोन पर :
आप हमसे सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं- ट्विटर :
https://twitter.com/WatanSamachar?s=20
फ़ेसबुक :
यदि आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो आप इसे आगे शेयर करें। हमारी पत्रकारिता को आपके सहयोग की जरूरत है, ताकि हम बिना रुके बिना थके, बिना झुके संवैधानिक मूल्यों को आप तक पहुंचाते रहें।
Support Watan Samachar
100 300 500 2100 Donate now
Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.