रणदीप सिंह सुरजेवाला, मीडिया प्रभारी, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी का बयान:-
अब साफ है, भाजपाई हैं गोडसे के वंशज
भाजपाई बताते हैं गोडसे को देशभक्त और शहीद हेमंत करकरे को देशद्रोही
हिंसा की संस्कृति और शहीदों का अपमान ही है भाजपाई डीएनए
आज फिर देश की आत्मा छलनी हो गई।
आज फिर भाजपा का हिंसक चेहरा बेनकाब हो गया।
आज फिर गोडसे के वंशजों का असली चेहरा उजागर हो गया।
आज फिर बापू की विचारधारा पर भाजपाई प्रहार हो रहा है।
मोदी-अमित शाह जी की चहेती भाजपा नेत्री, प्रज्ञा ठाकुर ने एक बार फिर गांधी जी के हत्यारे, नाथूराम गोडसे को ‘सच्चा देशभक्त’ बता पूरे देश का अपमान किया है। भाजपा बार-बार अपने नेताओं से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की सोच, रास्ता और विचारधारा पर कुत्सित हमले बोल रही है। यह भारत के गांधीवादी मूल सिद्धांतों का तिरस्कार करने का घिनौना भाजपाई षडयंत्र है। यह ऐसा अक्षम्य अपराध है जिसे देश कभी माफ नहीं कर सकता।
देश के शहीदों और महान विभूतियों का अपमान अब भाजपाई संस्कृति बन गया है:-
1. हाल में ही प्रज्ञा ठाकुर ने 26/11 मुंबई उग्रवादी हमले के शहीद, हेमंत करकरे को ‘देशद्रोही’ बताने व पूरे परिवार को श्राप देने का अक्षम्य अपराध किया था। प्रज्ञा ठाकुर की उम्मीदवारी वापस ले देश से माफी मांगने की बजाए, मोदी जी ने प्रज्ञा ठाकुर का बचाव किया।
2. इसी साल बापू के 71 वें बलिदान दिवस (30 जनवरी, 2019) पर संघ परिवार से जुड़े, एक संगठन ने खुल्लमखुल्ला बापू की हत्या को मेरठ में फिर से चित्रित करने का दुस्साहस किया। यहां तक कि महात्मा गांधी का पुतला बना व एयर पिस्टल से गोली चला उनकी हत्या की घटना की पुनरावृत्ति की तथा नाथू राम गोडसे का महिमामंडन किया। भाजपा की उत्तर प्रदेश सरकार ने मूक सहमति जताई व मूक दर्शक बनी रही।
3. इससे पहले भी भाजपा सांसद व भाजपा की केंद्रीय कार्यसमिति के सदस्य, साक्षी महाराज ने संसद के परिसर में बापू के हत्यारे, नाथू राम गोडसे को ‘देशभक्त’ बता महिमामंडन किया था। मोदी जी ने न कोई कार्यवाही की और न ही साक्षी महाराज को अपने पद से हटाया।
4. एक ओर भाजपाई नाथू राम गोडसे का महिमामंडन करते हैं, तो दूसरी तरफ भाजपा के मौजूदा संसदीय चुनाव में रतलाम, मध्यप्रदेश के प्रत्याशी, गुमान सिंह डामोर देश को बांटने वाले मोहम्मद अली जिन्ना को देश का पहला प्रधानमंत्री बनाने की वकालत करते हैं। उसको दंडित करने की बजाए, श्री नरेंद्र मोदी रतलाम जाकर उसकी पीठ थपथपाते हैं, तथा जन सभा कर उसे जिताने की अपील करते हैं।
गोडसे की मानसिकता केवल महात्मा गांधी की विचारधारा को मिटाने की ही नहीं थी, बल्कि स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी पूरे कांग्रेस नेतृत्व - पंडित जवाहर लाल नेहरु, सुभाष चंद्र बोस, बाबा साहेब अंबेडकर, मौलाना अबुल कलाम आजाद, सी राजगोपालाचारी को देशविरोधी साबित करने की थी। यह गोडसे द्वारा संपादित मराठी पत्रिका अग्रणी में 1945 में एक विशेष हस्तत्रित्र से साबित होता है। क्या यही विचारधारा अब भाजपाई आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं?
मोदी जी में अगर जरा भी विवेक है, तो उन्हें प्रज्ञा ठाकुर को दंडित करना चाहिए व देश से माफी मांगनी चाहिए।
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