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किसानों की ऐतिहासिक धरती पर ढोंग, ड्रामा और नोटंकी देखी...

वीडियो दिखाया गया ( जिसमें 4 फरवरी, 2017 को प्रधानमंत्री गन्ना किसानों को 14 दिन के अंदर बकाया भुगतान का वायदा कर रहे थे)

By: वतन समाचार डेस्क

रणदीप सिंह सुरजेवाला ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि आज हमने मेरठ के किसानों की ऐतिहासिक धरती पर ढोंग, ड्रामा और नोटंकी देखी। लगता है कि प्रधानमंत्री मोदी जी 2019 का चुनाव जनता द्वारा नकारे जाने और हारने के बाद अब वो सिनेमा की ओर रुख करने वाले हैं। इसलिए किसी साथी ने मुझे वेस्टर्न यूपी, पश्चिम उत्तर प्रदेश से लिखकर भेजा कि “ड्रामा, ढोंग और नोटंकी की भरमार, नहीं कुछ कहने को इस बार और चलता करो मोदी सरकार”। उस ढोंग, ड्रामा और नोटंकी में आत्ममुग्ध मोदी जी केवल एक बात, जिसे किसान सुनने को आया था, उसे भूल गए और जो वायदा वो स्वंय मेरठ की धरती पर 4 फरवरी, 2017 को करके आए थे, इससे पहले कि मैं आपको अपनी बात कहूं, हम आपको 4 फरवरी, 2017 का एक वीडियो दिखाएंगे,

वीडियो दिखाया गया ( जिसमें 4 फरवरी, 2017 को प्रधानमंत्री गन्ना किसानों को 14 दिन के अंदर बकाया भुगतान का वायदा कर रहे थे)

जब इससे पिछली बार हमारे ड्रामा किंग प्रधानमंत्री 4 फरवरी, 2017 को मेरठ, उत्तर प्रदेश गए थे तो हम सबने सुना कि वो क्या वायदा करके आए थे और आज पूरे देश में 20,000 करोड़ रुपया गन्ना किसानों का बकाया है, वो त्राही-त्राही कर रहे हैं, आत्महत्या की डयोड़ी पर खड़े हैं और उस 20,000 करोड़ में से 10,074 करोड़ रुपए अकेले उत्तर प्रदेश के मेरठ सहित 6 जिलों में बकाया है। मेरठ में जहाँ आज वो बड़ी-बड़ी डींगे हांक रहे थे, ड्रामा और नोटंकी कर रहे थे,वहाँ से आज 1,055 करोड़ रुपए गन्ना किसान का बकाया है, बागपत में 876 करोड़ रुपए बकाया है,मुजफ्फरनगर में 781 करोड़ रुपया बकाया है, केराना में 715 करोड़ रुपया बकाया है, बिजनौर में 714 करोड़ रुपया बकाया है और सहारनपुर में 405 करोड़ रुपया बकाया है और पूरे उत्तर प्रदेश में आज 10,074 करोड़ रुपए बकाया है।

मोदी जी, काश आज मेरठ के किसानों को ये बता देते कि ये पैसा जिसको वापस लौटाने का वायदा 14 दिन में किया था, जिसके आधार पर पूरे पश्चिम उत्तर प्रदेश और उत्तर प्रदेश में संपूर्ण बहुमत किसानों ने, गरीबों ने आपको दिया था, उसका हुआ क्या? हां, उल्टा एक फैसला और कर दिया, 1 अप्रैल,2017 से जो सब्सिडाइज चीनी भारत सरकार खरीदती थी, 4,500 करोड़ रुपए सालाना, ताकी देश के गरीब को वो राशन की दुकान  पर 14 रुपया 50 पैसे किलो में बेची जा सके, वो भी स्कीम खत्म कर दी। इसलिए भारत सरकार जो चीनी चीनी मिल से लेती थी, एक तरफ प्रहार गन्ना किसान पर कि 10,074 करोड़ रुपया यूपी के गन्ना किसानों को देय बकाया और 20,000 करोड़ रुपए देश पर प्रहार और दूसरी तरफ जो आप सब्सिडी की चीनी खरीदते थे, जिससे गन्ना किसानों को राहत मिलती, आपने वो भी सारी की सारी बंद कर दी। काश, पश्चिम उत्तर प्रदेश और उत्तर प्रदेश के किसान को और नए झूठ बोलने से पहले इस बात पर चर्चा जरुर करते।

दूसरी ओर, सबसे ज्यादा दुख और पीड़ा की बात ये है कि कांग्रेस कहती है ‘गरीब को आय और गरीब से न्याय’ और प्रधानमंत्री जी ने आज पहली बार‘न्याय’ पर अपना रिएक्शन दिया और देश के गरीब का मजाक उड़ा डाला। मोदी जी अब आपमें इतनी क्रूरता, इतना अहंकार, इतना ड्रामा, इतना ढोंग, इतनी नौटंकी है कि आप देश के गरीब का तालियां बजा-बजाकर मजाक उड़ाएंगे। एक बार इस देश के गरीबों का नोटबंदी में तालियाँ बजा-बजा कर मजाक उडाया था, जब इस देश के गरीबों का पैसा लूटा था। आज फिर आप उसको भी पार कर गए जब ताली बजा-बजा कर आपने‘न्याय’ स्कीम जिससे 72,000 रुपया हर साल इस देश के 20 प्रतिशत गरीब परिवारों के खाते में डलेगा, हमारी बहनों के खाते में सीधा जाएगा, आज फिर देश के प्रधानमंत्री ने गरीबों के साथ‘न्याय’का मजाक उडाया। इसके लिए ना उत्तर प्रदेश, ना देश मोदी जी आपको माफी देगा।

हम मांग करते हैं, कांग्रेस को गाली देनी है, दीजिए, क्योंकि गाली - गलौच, ढोंग, ड्रामा, स्वांग, प्रपंच मोदी जी आपका चाल, चेहरा औऱ चरित्र बन गया है,पर देश के गरीब के पेट पर लात मारना, उसे दी जाने वाली ‘न्याय’ स्कीम का मजाक उडाना, गरीबों को 72,000 रुपए सालाना देने पर एतराज करना, विरोध करना ये देश के प्रधानमंत्री को ना शोभा देता है और ना स्वीकार्य है। इसलिए हम मांग करते हैं कि राजनीतिक दलों के साथ छींटाकशी हो सकती है, आपने तो मर्यादा की सारी हदें पार कर रखी हैं, आप तो पहले से आखिर तक केवल गाली से बात करते हैं। पूरे देश को आज प्रधानमंत्री मोदी जी ने शर्मसार कर दिया, जब उन्होंने तीन राजनीतिक दलों सपा, बसपा और आरएलडी उनकी तुलना शराब से की।

मोदी जी देश के प्रधानमंत्री को क्या ये शोभा देता है, क्या ये प्रजातंत्र की मर्यादा है? आप प्रजातांत्रिक तरीके से चुनाव लड़ रहे तीन राजनीतिक दलों को शराब बताएंगे? क्या ये प्रधानमंत्री का चाल, चलन और तरीका है, क्या देश इसको स्वीकार करेगा? आप राजनीतिक विरोध कीजिए, तर्क दीजिए, पर सच्चाई ये है कि गाली-गलौच, और अन्धकार के सिवाए आपके पास कुछ नहीं, भविष्य के लिए कोई बात नहीं, इसलिए आप एक फ्लॉप फिल्म के फ्लॉप एक्टर की तरह केवल एक्रोनिम, केवल आप शब्द घढ़ते रहते हैं। आरएलडी, सपा और बसपा को शराब बताना क्या ये उचित है, क्या ये राजनीतिक मर्यादाओं के अनुरुप है?क्या ये देश में कानून, संविधान और आचार संहिता, तीनों का घोर उल्लंघन नहीं? कभी आप टेलीविजन का इस्तेमाल करते हैं, एक साइंटिस्ट की अचीवमेंटस पर अपना श्रेय लेना और आज तो हद ही हो गई, तीन राजनीतिक दलों को शराब बता दिया।

देश के 130 करोड़ लोगों की ओर से हम पूछते हैं कि देश के किसान का 20,000 करोड़ रुपया, गन्ना किसान का 20,000 करोड़ रुपया बकाया, मेरठ और उत्तर प्रदेश के किसान का 10,074 करोड़ रुपए बकाया आप कब देंगे? मोदी जी आपने न्याय स्कीम का मजाक उड़ाकर देश के गरीब का मजाक उडाया है। देश के गरीब की गरीबी का मजाक उडाया और गरीब का श्राप जब लगता है तो वो माफ नहीं करता। देश के गरीबों से माफी मांगिए, अपने शब्द वापस लीजिए। 3 राजनीतिक दलों की शराब से तुलना कर मोदी जी आपने पूरी प्रजातंत्र प्रणाली का मजाक उडाया है, देश के प्रजातंत्र में विश्वास रखने वाले सभी 130 करोड़ लोगों से माफी मांगिए वरना ये देश और उत्तर प्रदेश आपको कभी माफ नहीं करेगा।

राजनैतिक दलों के लिए प्रधानमंत्री द्वारा अनुचित शब्दावली के प्रयोग से संबंधित एक प्रश्न के उत्तर में श्री सुरजेवाला ने कहा कि मायावती जी और भारतीय जनता पार्टी का राजनैतिक विरोध हो सकता है, कांग्रेस और मायावती जी की पार्टी के रास्ते अलग-अलग हो सकते हैं पर देखिए मैंने दो बार मायावती जी कहा, ये है भारत की संस्कृति और उस संस्कृति को मिट्टी में मिलाने का काम देश के प्रधानमंत्री ने किया, जो स्वांग मंत्री ज्यादा हैं और प्रधानमंत्री कम हैं। प्रपंच मंत्री ज्यादा हैं, प्रधानमंत्री कम हैं। प्लॉप फिल्म के एक्टर ज्यादा है, प्रधानमंत्री कम हैं। ड्रामा फिल्म के एक्टर ज्यादा हैं, प्रधानमंत्री कम हैं। क्या अब आप राजनैतिक मर्यादाओं की कसौटी पर इतना गिर जाएंगे कि आप राजनैतिक दलों को शराब की संज्ञा देंगे, क्या ये उचित है?

मैं आपसे पूछता हूँ एक नागरिक के तौर पर, एक पत्रकार के तौर पर नहीं, आप अपना धर्म निभाएंगे मुझे मालूम है पर क्या इस देश के 130 करोड़ लोगों में से किसी को ये स्वीकार्य होगा? क्या देश के गरीबों की ‘न्याय’ स्कीम का ताली बजा-बजाकर मजाक उड़ाना उचित है? 15 लाख का झूठा वायदा तो मोदी जी आपने किया था और उत्तर प्रदेश की सरजमीं पर किया था कि हर खाते के अंदर डालूँगा, वो तो पूरा किया नहीं, आज श्री राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी गरीब की आय और गरीब से ‘न्याय’ का नारा दे रहे हैं तो आप उसकी हंसी और मजाक उड़ाते हैं। आप अहंकार के नशे में इतने चूर हो गए हैं। आपको शराब के नशे की जरुरत नहीं, आपको तो अहंकार का नशा ही शराब के नशे से ज्यादा हो गया है। अहंकार के नशे में चूर होकर विरोधी राजनीतिक दलों को इस प्रकार की भद्दी और गंदी गालियाँ देना, मुझे नहीं लगता कि प्रजातंत्र की कसौटी को कभी किसी राजनेता ने इतना नीचे गिराया होगा। आपने ‘न्याय’ स्कीम के साथ अन्याय किया, आपने गरीबों की गरीबी का मजाक उड़ाया, आपने गरीब के साथ क्रूरता की अपने इन शब्दों की और वाणी से और आपने राजनीतिक दलों का एक्रोनिम बनाकर एक फ्लॉप फिल्म के एक्टर की तरह उन्हें शऱाब की संज्ञा दी और पूरे प्रजातंत्र का मजाक उड़ाया है। प्रधानमंत्री जी अपने शब्द वापस लें और माफी मांगे, ये हमारी मांग है।

एक अन्य प्रश्न पर कि प्रधानमंत्री जी ने 57 मिनट के दिए भाषण में कहा कि जब मैं बच्चा था तब श्रीमती इंदिरा गांधी जी ने गरीबी हटाओ का नारा दिया था और कहा कि कांग्रेस को हटाओ तभी गरीबी हटेगीइसके बारे में क्या कहेंगेश्री सुरजेवाला ने कहा कि मोदी जी को दिन-रात राहुल गांधी जी और कांग्रेस के सपने आते हैं। अगर वो ये गाली-गलौच, प्रपंच, ढोंग, स्वांग, ड्रामा करने की बजाय थोड़ा सा समय देश चलाने में लगा देते पांच साल में तो आज उनकी ये हालत न होती। पसीना पोंछते-पोंछते, घबराते-घबराते, लड़खड़ाते-लड़खड़ाते, क्रोधित होते-होते पांच वर्ष उन्होंने गुजार दिए, केवल बोल-बोलकर गुजार दिए, किया कुछ नहीं। हमको मालूम है कि आपको कांग्रेस का भय सताता है पर आपको जनता की आह का भय सताना चाहिए मोदी जी क्योंकि कांग्रेस केवल देश के गरीब के लिए निर्णायक निर्णय ‘न्याय’ स्कीम के माध्यम से लेकर आई है। कम से कम देश के गरीब का मजाक मत उड़ाइए, हमें गाली देनी है दीजिए, हम पर छींटाकशी करनी है, कीजिए। राजनीतिक दलों की विचारधारा का विरोध चलेगा परंतु इस देश के गरीब का ताली पीट-पीटकर, आप ‘न्याय’ स्कीम का अगर मजाक उड़ाएंगे तो यह देश माफ नहीं करेगा और अगर फ्लॉप फिल्म के, फ्लॉप हीरो, फ्लॉप स्क्रिप्ट राइटर के लिए आप एक्रोनिम बनाकर पार्टियों को शराब की संज्ञा देंगे तो मुझे लगता है कि राजनीति की कसौटी और मर्यादा पर कोई राजनेता पिछले 70 साल में इतना नहीं गिरा होगा, जो आप गिर गए हैं।

एक अन्य प्रश्न पर कि न्याय’ स्कीम पर प्रधानमंत्री जी ने ये कहा कि जो खाता नहीं खुलवा सकते वो 72 हजार कैसे डालेंगेश्री सुरजेवाला ने कहा कि जो भी प्रधानमंत्री जी का भाषण, जिसने आज देखा होगा पता चल जाएगा कि फ्लॉप फिल्म का फ्लॉप ड्रामेबाज एक्टर कौन है, इसलिए सवाल के जवाब की जरुरत नहीं। आप केवल उनका भाषण देख लीजिए, उन्हें लगता है कि वो किसी फिल्म के सेट पर खड़े होकर भाषण दे रहे हैं। बजाय इसके कि वो राष्ट्र निर्माण के यज्ञ में आहुति दे रहे हैं और दूसरी बात अगर उनको आंकड़े नहीं पता तो कम से कम खुद की सरकार का इकॉनोमिक सर्वे पढ़ लेते, उसमें उन्होंने छापा है, मैंने नहीं। उसकी एक प्रतिलिपि हमने आपको कल या परसों जारी की थी।

जब देश आजाद हुआ तो सरकार के आंकड़ों के मुताबिक 72 प्रतिशत के करीब लोग गरीबी की चुनौतियों से जूझ रहे थे आज वो संख्या कम होकर 20 और 22 प्रतिशत हो गई है और जिस दिन न्याय स्कीम लागू हो जाएगी, गरीबी हटाओ नहीं, गरीबी मिटाने का काम, गरीब से न्याय का काम, गरीब के खाते में 72 हजार रुपया कांग्रेस की अगली सरकार डालने वाली है और मोदी जी नहीं चाहते कि गरीब गरीबी से उबरे वरना वो अपने भाषणों में किसका इस्तेमाल कर पाएंगे।

प्रधानमंत्री जी के दिए एक और बयान से संबंधित एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री सुरजेवाला ने कहा कि मोदी जी और अमित शाह जी ने तो पाकिस्तान का हीरो नीतिश बाबू को बताया था और आपके चैनल ने दिखाया था। उन्होंने कहा था कि अगर नीतिश बाबू मुख्य मंत्री बने बिहार के तो फिर पटाखे पाकिस्तान में चलेंगे, मैं फिर दोहराता हूँ, उन्होंने कहा था कि अगर नीतिश बाबू बिहार के मुख्य मंत्री बने तो पटाखे पाकिस्तान में चलेंगे, क्योंकि नीतिश बाबू पाकिस्तान परस्त हैं, हमने नहीं कहा, हम तो नीतिश बाबू का सम्मान करते हैं। अब नीतिश बाबू के साथ चुनाव कौन लड़ रहा है? भाजपा, मोदी जी और अमित शाह जी तो क्या अब वे पाकिस्तान परस्त हो गए हैं, कम से कम इसका जवाब भी वो देश को दे दें।

On the question regarding NYAY scheme vis-à-vis Jan-Dhan yojana, Shri Surjewala said - Factually speaking, Jan-Dhan Yojana is a renamed Direct Benefit Transfer scheme of UPA. I wish Modi Ji’s problem is वो पढ़ते कुछ नहीं हैउनकी समस्या है कि वो बोलते बहुत हैंपढ़ते कुछ नहीं है। अगर वो थोड़ा सा पढ़ लेते और कुछ नहीं तो आदरणीय स्मृति ईरानी जी से ही पूछ लेतेक्योंकि वो काफी पढ़ी-लिखी हैंतो वो ये बताती उन्हें कि जनधन के लगभग 20 करोड़ खाते डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांस्फर योजना में गरीबों केजिन्हें नो फ्रिल्स अकाउंट कहते है हमवो यूपीए कांग्रेस की सरकार द्वारा 2014 मई से पहले खोल दिए गए थेइस सरकार ने भी आकर खाते खोले ये हम मानते हैं और उनकी संख्या बढ़नी ही थीजैसे-जैसे लोग नो फ्रिल्स अकाउंट खुलवा रहे हैं तो उनकी संख्या बढ़ रही है।

 

आप ये बताइए मोदी जी आप न्याय’ योजना के खिलाफ हैं या हक में हैं। आज आपने तालियाँ बजा-बजाकर न्याय योजना का, देश के गरीबों कादेश के 20प्रतिशत परिवारों का25 करोड़ लोगों का मजाक क्यों उड़ाया हैअगर कांग्रेस पार्टी 72 हजार रुपया हर गृहणी के खाते में डालना चाहती है, सबसे गरीब 20प्रतिशत परिवारों के, तो आप मजाक क्यों उड़ा रहे हैंआप विरोध क्यों कर रहे हैंक्या हम ये मान लें कि आप देश के गरीबों के खिलाफ हैंहमारा केवल ये कहना है।

 

राजनैतिक अलायंस और कांग्रेस के चुनाव अभियान से संबंधित एक अन्य प्रश्न के उत्तर में श्री सुरजेवाला ने कहा कि न हम कैंपेन में पीछे हैंन अलायंस की रणनीति में। हमारा 100 प्रतिशत अलायंस इन प्लेस है। हमसे बार-बार केवल दो नई अलायंसेज बनाने के बारे में सवाल पूछा जाता है दिल्ली और उत्तर प्रदेश के और उनका जवाब हम दे चुके हैं। Congress Party is neither lagging behind in campaign nor in alliances. May I point out, our alliance in Kerala, Tamil Nadu, Maharashtra, Bihar and with smaller parties in Jharkhand, with some parties in Madhya Pradesh, Rajasthan and with some smaller parties in Maharashtra are all intact. It is working on the ground. There are reports, everybody has said that we should have alliance with SP and BSP in UP and we said we tried and then we decided, since we will try and strengthen the Congress ideology on the ground and fight all seats. I think that issue is over.

 

As qua Delhi, we pointed out that such a call was to be taken by us, after consultation with State Unit and no such decision has been taken as yet. So, our alliances are intact every where.

 

एक अन्य प्रश्न पर कि क्या न्याय’ योजना के बाद पॉलिटिकल नेरेटिव चेंज हुआ है, श्री सुरजेवाला ने कहा कि उत्तर प्रदेश में हम अपने बल-बूते पर चुनाव लड़ेंगे। उत्तर प्रदेश में न्याय’ योजना का सबसे अधिक लाभ भी होगा। यूपीबिहारझारखंडउड़ीसा, सबसे गरीब राज्य ये हैं। देश में जब कुल 20 प्रतिशत गरीबों की संख्या का आंकलन होगातो स्वभाविक तौर से इन राज्यों को काफी फायदा पहुँचने वाला है और वहाँ के जनमत कोवहाँ की जनता को और इसीलिए हम कह रहे हैं कि जो राजनीतिक दल हमारे साथ हैंवो तो न्याय’ स्कीम से जो दुनिया की सबसे बड़ी गरीबी मिटाओ स्कीम हैउससे सहमत हैं ही,बल्कि मोदी जी के जो मित्र दल हैं वो भी कह रहे हैं कि हे, ईश्वर कांग्रेस जीत जाए ताकि न्याय’ स्कीम अब तो लागू हो जाए।

 

in UP we are fighting election on our own but the truth of the matter is NYAY scheme which is the world’s largest poverty eradication scheme is finding great resonance not only among our allies but also among the allies of the Modi Ji for they feel that if Congress Party can implement NYAY scheme, may be now or after the elction, they will like to be part of a Government which advocates and implements a scheme like NYAY which puts Rs. 72,000 in the hands of 20% of the poorest of the poor households.

 

On another question, Shri Surjewala said- with due regards, my first sentence was – in India there is Rs. 20,000 crore due to sugar-cane farmers. That is where I started and then I contextualized it by connecting it to where PM speaks. We are very-very keen, I assure you.

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