नयी दिल्ली: आज यहाँ "माजको फाउंडेशन" की ओर से ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस-ए-मुशावरत के कांफ्रेंस हाल में "सामाजिक साक्षरता क्या क्यों और किस के लिए? के विषय पर एक संगोष्टी का आयोजन किया गया, जिसमें जामिया मिल्लिया इस्लामिया स्थित UGC से जुड़े प्रोफ़ेसर अनीसुर्रहमान, खुर्शीद अंसारी, JNU की रिसर्च स्कॉलर अमृता पाठक शाहनवाज़ ख़ान, वेलफेयर पार्टी ऑफ़ इंडिया के सिराज तालिब फ़ाउंडेशन के अध्यक्ष माजिद ख़ान, ग्रेट इंडिया वेलफेयर फ़ाउंडेशन के चेयरमैन नूर उल्लाह ख़ान ज़ुबैर सईदी, अब्दुल हमीद क़ल्ब फलाही, फजलुर्रहमान सज्जाद समेत कई लोगों ने शिरकत की.
chairman "Great India Welfare Foundation" noorullah khan awarded by Maajco foundation yesteday evening in New Delhi
वक्ताओं ने अपने सम्बोधन में इस बात पर ज़ोर दिया कि शिक्षा हासिल करना जरूरी है लेकिन आदमी को इंसान बनाने के लिए सोशल लिटरेसी जरूरी है. जब तक उसके अंदर सोशल लिटरेसी नहीं होगी उस वक़्त तक वह समाज की चीज़ों को नहीं समझ सकता है. सोशल लिटरेसी के बिना आदमी अधूरा. आदमी को मुकम्मल बनाने के लिए शिक्षा के साथ साथ सोशल लिटरेसी का होना बहुत ज़रूरी है.
उन्होंने कहा कि समाज को ख़ुद आगे आना होगा और अपने अंदर की खूबियों को समाज के दूसरे लोगों तक पहुँचाना होगा. साथ ही अपने अंदर की कमियों को ख़ुद ही ठीक करना होगा, क्योंकि हमारी कमियों को कोई दूसरा ठीक करने नहीं आएगा. उन्होंने कहा कि जब तक हम अपनी कमियों के लिए दूसरों को ज़िम्मेदार ठहराते रहेंगे तब तक हम पीछे जाते रहेंगे.
वोट ऑफ़ थैंक्स पेश करते हुए "माजको फाउंडेशन" के प्रेजिडेंट माजिद खान
इस अवसर पर वक्ताओं ने अपनी बात रखते हुए कहा कि सामाजिक सुधार के लिए शिक्षा के साथ साथ सामाजिक साक्षरता जरूरी है. उन्होंने कहा कि शिक्षा लेने के लिए किताबों को पढ़ना पड़ता है, लेकिन सामाजिक साक्षरता के लिए समाज को पढ़ना ज़रूरी है. उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि जब तक सोशल लिटरेसी समाज के अंदर नहीं होगी उस वक़्त तक समाज को नहीं बदला जा सकता है. उन्होंने कहा कि इस के लिए समाज को बड़े पैमाने पर काम करने की ज़रूरत है.
During his presidential address Shri Khursheed Ansari
वक्ताओं ने "माजको फाउंडेशन" के राष्ट्रीय अध्यक्ष माजिद खान को बधाई देते हुए कहा कि समाजिक साक्षरता के विषय पर सेमिनार का आयोजन होना एक अहम काम है. उन्होंने इस बात पर ज़ोर दिया कि इस तरह के प्रोग्राम होने से लोग अपने ज़िंदा होने का सबूत देते हैं और इस तरह के प्रोग्राम होते रहना चाहिए, जिस से समाज को अपने अंदर की खामियों पर सोचने का अवसर मिले गा. इस अवसर पर कई वक्ताओं ने लिंचिंग की घटनाओं की भी कड़े शब्दों में निंदा की.
ताज़ातरीन ख़बरें पढ़ने के लिए आप वतन समाचार की वेबसाइट पर जा सक हैं :
https://www.watansamachar.com/
उर्दू ख़बरों के लिए वतन समाचार उर्दू पर लॉगिन करें :
http://urdu.watansamachar.com/
हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें :
https://www.youtube.com/c/WatanSamachar
ज़माने के साथ चलिए, अब पाइए लेटेस्ट ख़बरें और वीडियो अपने फ़ोन पर :
आप हमसे सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं- ट्विटर :
https://twitter.com/WatanSamachar?s=20
फ़ेसबुक :
यदि आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो आप इसे आगे शेयर करें। हमारी पत्रकारिता को आपके सहयोग की जरूरत है, ताकि हम बिना रुके बिना थके, बिना झुके संवैधानिक मूल्यों को आप तक पहुंचाते रहें।
Support Watan Samachar
100 300 500 2100 Donate now
Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.