मुसलमानों की सबसे बुरी स्थिति के लिए पहले की सरकारें जिम्मेदार: राईस खान पठान
मुंबई: सच्चर कमेटी की रिपोर्ट सामने आए हुए करीब 12 वर्ष का समय बीत गया. पिछली और मौजूदा सरकारों ने समिति की सिफारिशात पर कहां तक काम किया? इस सवाल पर विचार व्यक्त करते हुए केंद्रीय वक़्फ़ परिषद के सदस्य रईस खान पठान ने कहा कि भारत के मुसलमानों की सब से खराब स्थिति के लिए जिम्मेदार कांग्रेस सहित पिछली सरकारें हैं, क्योंकि कांग्रेस के कार्यकाल 2005 में सच्चर कमेटी की रिपोर्ट सामने आई समिति की रिपोर्ट लागू करने के लिये मुसलमानों ने राष्ट्रव्यापी विरोध प्रदर्शन किया, लेकिन UPA-I and UPA-II के 10 वर्षों में कोई कार्रवाई नहीं हुयी.
रईस खान ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि सच्चर समिति और उस के बाद मिश्रा कमीशन की रिपोर्ट के अनुसार न ही कॉलेज विश्वविद्यालय की स्थापना हुई और न ही छात्रों और विधवा (तलाकशुदा) महिलाओं के लिए छात्रवृत्ति का आयोजन किया गया, बल्कि पिछली सरकारें सरकारी व गैर सरकारी क्षेत्र में भूमि आवंटन में लगी रहीं .
एक सवाल के जवाब में रईस खान ने बताया कि सेंट्रल वक्फ परिषद द्वारा स्वामित्व सर्वेक्षण का काम जारी है. सरकारी व गैर सरकारी कब्जा वाली भूमि और भ्रष्टाचार की रिपोर्ट आने के बाद रणनीति तय की जाएगी. जिसके लिये केन्द्रीय वक्फ परिषद चेयरमैन मुख्तार अब्बास नकवी ने वक़्फ़ सम्पत्तियों को बचाने के लिये वक़्फ़ एक्ट में संशोधित करने के लिए समिति का गठन किया है. जल्द से जल्द यह समिति अपनी रिपोर्ट परिषद को सौंप देगी. खान ने कहा कि वक़्फ़ एक्ट में संशोधन के बाद, अवैध रूप से कब्जे वाली संपत्ति का कब्जा खाली कराया जायेगा.
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