प्रोफेसर सफवी ईरानी पुरस्कार से सम्मानित
अलीगढ़, 26 अक्टूबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के फारसी अनुसंधान संस्थान की संस्थापक और पूर्व निदेशक, प्रो. आज़रमी दुख्त सफवी को फारसी भाषा और साहित्य में उनकी उल्लेखनीय सेवाओं के लिए ईरान के अंतरराष्ट्रीय और प्रतिष्ठित ‘फराबी पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया है।
प्रोफेसर सफवी को यह पुरस्कार तेहरान में आयोजित एक भव्य समारोह में ईरानी संसद के पूर्व अध्यक्ष और इस्लामी गणतंत्र ईरान के उपराष्ट्रपति डॉ. गुलाम अली हद्दाद अदेल द्वारा ईरान में भारतीय राजदूत रूद्र गौरव श्रेष्ठ की उपस्थिति में प्रदान किया गया।
इस पुरस्कार में प्रोफेसर सफवी की सेवाओं के दृष्टिगत एक प्रशस्ति पत्र और स्मृति चिन्ह प्रदान किया गया। डॉ. हद्दाद आदिल ने इस अवसर पर कहा कि फारसी साहित्य के लिए प्रोफेसर सफवी की सेवाएं अविस्मरणीय हैं। भारत के राजदूत ने इस पुरस्कार से सम्मानित होने पर प्रसन्नता व्यक्त की। इस कार्यक्रम में डॉ. रजा नासिरी, डॉ. करीम नजफी बरजिगर, डॉ. अली रब्बानी, डॉ. अली देहगाही, डॉ. रजा मुस्तफवी, डॉ. तौफीक सुभानी आदि भी मौजूद रहे।
प्रोफेसर सफवी फरहंगिस्तान भारतीय दूतावास के सहयोग से फारसी भाषा और साहित्य पर आयोजित एक अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में भाग लेने के लिए ईरान गई थीं। इससे पहले भी प्रोफेसर सफवी को कई पुरस्कारों और पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। जिनमें भारत का राष्ट्रपति पुरस्कार, गालिब पुरस्कार, ईरान सरकार की ओर से अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार, सादी पुरस्कार, माकिश पुरस्कार आदि शामिल हैं।
फारसी अनुसंधान केंद्र के निदेशक प्रोफेसर मुहम्मद उस्मान गनी ने प्रो. सफवी को पुरस्कार मिलने पर खुशी व्यक्त की और उन्हें यह पुरस्कार मिलने पर बधाई दी।
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नये प्रोवोस्ट नियुक्त
अलीगढ़, 26 अक्टूबरः प्रो. अफशां बे, पेरियोडोंटिया एवं सामुदायिक दंत चिकित्सा विभाग, प्रो. शौकत हसीन, अर्थशास्त्र अनुभाग, वीमेन्स कॉलेज, प्रो. फैयाजुर रहमान, भौतिकी विभाग, प्रोफेसर मोहम्मद रिजवान खान, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग विभाग और डॉ. अनवार अहमद, एसोसिएट प्रोफेसर, वाणिज्य विभाग, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय को क्रमशः सरोजनी नायडू हॉल, इंदिरा गांधी हॉल, आफताब हॉल, सर शाह सुलेमान हॉल और सर जियाउद्दीन हॉल का तत्काल प्रभाव से दो साल की अवधि के लिए प्रोवोस्ट नियुक्त किया गया है।
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उद्यमशीलता कौशल और विकास पर ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित
अलीगढ़ 26 अक्टूबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के कौशल विकास और कैरियर नियोजन केंद्र द्वारा संचालित विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लेने वाली महिला शिक्षार्थियों के लिए ‘उद्यमी कौशल और विकास का महत्व’ विषय पर एक ओरिएंटेशन कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
स्थानीय स्तर पर नवाचार और उद्यमिता के लिए स्टार्ट-अप और समावेशी वातावरण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए मुख्य अतिथि श्योर कार्यशाला की निदेशक और संयोजक, प्रोफेसर आसिया चैधरी (वाणिज्य विभाग) ने कहा कि वाणिज्य विभाग द्वारा श्योर कार्यशाला का आयोजन प्रस्तावित है और इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य उन लोगों के बीच उद्यमशीलता कौशल का विकास है जो एक संभावित उद्यमी बनना चाहते हैं या स्टार्ट-अप से सम्बंधित विचार रखते हैं।
तीन विशिष्ट क्षेत्रों, सरलीकरण और सहायता, वित्त पोषण समर्थन और प्रोत्साहन और उद्योग-अकादमिक साझेदारी और ऊष्मायन पर विस्तार से बात करते हुए प्रोफेसर चैधरी ने भाग लेने वाले प्रशिक्षकों से शिक्षार्थियों में उद्यमशीलता कौशल विकसित करने का आग्रह किया, ताकि उन्हें भारत सरकार की प्रमुख योजनाओं जैसे आत्मनिर्भर भारत अभियान, स्टार्टअप इंडिया, स्किल इंडिया, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना, मेक इन इंडिया, लोकल फॉर वोकल आदि से लाभ मिल सके।
उन्होंने कहा कि इस तरह का कौशल शिक्षार्थियों को आत्मविश्वासी, आत्मनिर्भर और देश में उद्यमशीलता संस्कृति के बारे में जागरूक बनाएगा।
केंद्र की निदेशक प्रोफेसर नईमा खातून ने कहा कि ओरिएंटेशन कार्यक्रम से उभरते उद्यमियों को उचित व्यवसाय योजना बनाने के लिए व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त करने में मदद मिलेगी।
कार्यक्रम में प्रशिक्षक शाजिया फहीम, अदीबा सलीम, यासमीन तलत, मैमूना खान, वर्षा शर्मा और सनोवर सहित 110 से अधिक प्रशिक्षुओं ने भाग लिया।
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जेएन मेडिकल कालिज में वैश्विक हाथ धुलाई दिवस मनाया गया
अलीगढ़ 26 अक्टूबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कालिज के सामुदायिक चिकित्सा विभाग के अंतर्गत संचालित ग्रामीण स्वास्थ्य प्रशिक्षण केंद्र (आरएचटीसी), जवां में डॉक्टरों, शिक्षकों और वरिष्ठ और कनिष्ठ रेसिडेंट्स ने ग्लोबल हैंडवाशिंग दिवस मनाने के लिए एक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया, जिसमें इस वर्ष की थीम, ‘स्वच्छ हाथ पहुंच में हैं’ पर प्रकाश डाला गया। विभाग की अध्यक्ष प्रोफेसर सायरा मेहनाज कार्यक्रम संरक्षक की देखरेख में कार्यक्रम आयोजित किया गया।
हाथ धोने के महत्व पर जोर देते हुए, डॉ. तबस्सुम नवाब (चिकित्सा अधिकारी, आरएचटीसी) ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यह हमारे स्वास्थ्य को कैसे प्रभावित करता है और कोई व्यक्ति पूरे दिन हाथ की स्वच्छता कैसे बनाए रख सकता है।
डॉ. शिवांगी कुमारी (एसआर) ने इस दिन के महत्व के बारे में बात की और विशेष रूप से चिकित्सा कर्मियों के लिए हाथ धोने की आवश्यकता के कारणों पर प्रकाश डाला।
डॉ. अजिता ए (जेआर-2) ने हाथ धोने के विभिन्न चरणों का प्रदर्शन किया, जबकि डॉ. मोहम्मद ने हाथ धोने के फायदों पर चर्चा की। बिलाल (जेआर-1) ने हाथ धोने के तरीकों के बारे में बात की। पीयूष गौतम (प्रशिक्षु) ने इस दिन की थीम की प्रासंगिकता के बारे में बात की।
प्रशिक्षुओं ने ग्लोबल हैंडवाशिंग डे के विभिन्न पहलुओं और इसके लाभों पर प्रकाश डालते हुए पोस्टर और चार्ट मेकिंग कार्यक्रमों में भाग लिया।
डॉ. एन. हरप्रिया, डॉ. जाबिर एनके, डॉ. चंदन कुमार तिवारी, डॉ. चेल्सी, डॉ. शफी वारिशा जावेद और डॉ. अफीफा शकैब ने स्थानीय लोगों के साथ इंटरैक्टिव सत्र में भाग लिया और उनके प्रश्नों का उत्तर दिया।
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डीएएडी छात्रवृत्ति पर कार्यशाला का आयोजन
अलीगढ़, 26 अक्टूबरः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विदेशी भाषा विभाग द्वारा जर्मन-भारतीय शैक्षणिक संबंधों को बढ़ावा देने के लिए भाषा कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरुआत ‘हमें क्या पढ़ना चाहिए? भारतीय जर्मन अध्ययन में कैनन का प्रश्न’ विषय पर एक विचारोत्तेजक वार्ता के साथ हुई।
दिन का मुख्य आकर्षण ऑनसेट (जर्मन) डीएएडी छात्रवृत्ति परीक्षा थी, जो सफल उम्मीदवारों को छात्रवृत्ति पर जर्मनी में ग्रीष्मकालीन पाठ्यक्रम करने का अवसर प्रदान करती है।
एएमयू के कुलपति प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज ने सत्र का उद्घाटन किया और मजबूत जर्मन-भारतीय संबंधों को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया।
जर्मनी के ब्रेमेन विश्वविद्यालय के डीएएडी व्याख्याता डॉ. जान हेल्गे वीडेमैन ने एएमयू और जर्मन अकादमिक एक्सचेंज सेवा के बीच संभावित सहयोग पर प्रकाश डाला।
विभाग के अध्यक्ष और अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन संकाय के डीन प्रोफेसर मुहम्मद अजहर ने अपने स्वागत भाषण में जर्मन इतिहास के बारे में प्रकाश डाला।
प्रोफेसर जावेद इकबाल, प्रोफेसर रख्शंदा फाजली और श्री सैयद सलमान अब्बास सहित अतिथियों ने इस तरह की पहल के महत्व को रेखांकित करते हुए शुभकामनाएं दीं।
कार्यक्रम का समापन डॉ. शिव प्रकाश यादव के धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ, जिसमें वैश्विक संबंधों को मजबूत करने में भाषा और अकादमिक आदान-प्रदान की भूमिका पर जोर दिया गया। उन्होंने कहा की यह कार्यशाला और छात्रवृत्ति परीक्षा भारत में जर्मन भाषा और संस्कृति को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।
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अमुवि शिक्षक रूस में अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित
अलीगढ, 26 अक्टूबरः अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विदेशी भाषा विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ. मयूरेश कुमार को मॉस्को स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस (एमजीआईएमओ), रूस के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल रिलेशंस के अंग्रेजी भाषा विभाग द्वारा ‘द मैजिक ऑफ इनोवेशनः आउटलुक फॉर लिंग्विस्टिक्स एंड लैंग्वेज टीचिंग इन द प्रेजेंट कॉन्टेक्स्ट’ विषय पर आयोजित होने वाले छठे अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है।
यह सम्मेलन एक प्रमुख मंच प्रदान करता है जहां दुनिया भर के भाषाविद्, भाषा शिक्षक और शोधकर्ता अपने विचार साझा करते हैं।
रूसी विदेश मंत्रालय के अंतरगत कार्यरत एमजीआईएमओ अपने व्यापक भाषा पाठ्यक्रम के लिए प्रसिद्ध है।
अंतर्राष्ट्रीय अध्ययन संकाय के डीन प्रोफेसर मुहम्मद अजहर ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि और अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम में भागीदारी के लिए डॉ. कुमार को शुभकामनाएं दीं।
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