साधू के परिजनों ने पुलिसिया मुठभेड़ में मारे गए लोगों का बताया बेगुनाह
पुलिसिया दावों को बताया हवा हवाई, कहा बाबा का एक बैग-मोबाइल तो ढूंढ़ नहीं सके
रिहाई मंच ने एएमयू छात्र नेताओं के साथ अलीगढ़ में मुठभेड़ के नाम पर मारे गए लोगों के परिजनों से की मुलाकात
राजनीतिक दबाव में एसएसपी अजय साहनी ने उछाला लाइव मुठभेड़ का शिगूफा जिस से कि घटना पर न उठे सवाल
मृतकों के घर पर पुलिस की अवैध तैनाती पर उठाया सवाल, डीजीपी को भेजा पत्र
अलीगढ़: रिहाई मंच और एमयू छात्र नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने अलीगढ़ के अतरौली में मुठभेड़ के नाम पर हत्या किए गए मुस्तकीम और नौशाद के परिजनों से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने सफेदापुर में हत्या किए गए साधू और इस मामले में गिरफ्तार किये गए डॉ यासीन और इरफान के परिजनों से भी मुलाकात की।
मंच ने कहा कि साधू रूप सिंह के भाई गिरिराज सिंह ने न सिर्फ हत्या पर सवाल उठाए बल्कि उनके भाई की हत्या के नाम पर हुई पुलिसिया मुठभेड़ पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि पुलिस हत्या का जो समय बता रही है उस समय उनके बड़े भाई बाबा जी से मिलकर आये थे।
वहीँ मुठभेड़ में मारने के पुलिसिया दावे पर उन्होंने कहा कि आज तक पुलिस ने मोबाइल और बैग की बरामदगी नहीं की है और वे लोग क्यों मारेंगे वो बेगुनाह हैं। उन्होंने कहा कि गांव के लोगों की संलिप्तता के बगैर यह घटना नहीं हो सकती। वे बताते हैं कि इसके पहले भी कई बार मंदिर में चोरी हो चुकी है। एक बार 35 हजार रुपए खाना बनाने का बर्तन, एक बार 60 हजार रुपए, मंदिर का एम्प्लीफायर और अबकी बार 90 हजार रुपए के करीब।
प्रतिनिधिमंडल ने अतरौली के नई बस्ती भैंसपाड़ा में मुस्तकीम और नौशाद के परिजनो से मुलाकात की। मुस्तकीम की माँ शबाना ने बताया कि उनके बच्चे निर्दोष थे। 16 सितंबर को ही पुलिस उन्हें उठाकर ले गई थी। पुलिस जब मारते-पीटते ले जा रही थी तो दोनों कह रहे थे कि हमारा क्या गुनाह है। मुस्तकीम ने भागने की कोषिष की तो उसे और बेरहमी से पुलिस वालों ने पीटा।
उस रात और उसके बाद मंगलवार को पुलिस आई और उनके फरार होने की बात कही। इस पर उन्होंने कहा कि जब पुलिस उसे ले गई थी तो वो फरार कैसे हो गए। मुस्तकीम के भाई सलमान को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उन्होंने बताया कि उसी दिन से उनके पति इरफान का भी कोई अता-पता नहीं है। नौशाद की माँ शाहीन ने बताया कि बच्चों को मारने के बाद पुलिस वाले उनके साथ रफीकन और शबाना को थाने ले गए थे।
बड़े अफसरों की मौजूदगी में उनसे सादे और लिखे कागजों पर अंगूठा लगवाया और देर रात छोड़ दिया गया। उनके बच्चे और बहू घर में अकेले थे और पुलिस वहां कमरे तक में घुसी हुई थी और किसी को आने-जाने नहीं दिया जा रहा था।
घर पर केवल महिला और बच्चों के होने के बावजूद महिला पुलिस नहीं थी। 24 घंटे पुरुष पुलिसवाले उनके घर पर मौजूद रहते हैं। उन्होंने बार-बार इस बात को कहा कि उन्हें पुलिस पूछताछ के नाम पर लगातार परेशान कर रही है और उन्हें घर के बाहर नहीं जाने दिया जा रहा है। पुलिस लगातार भय का माहौल बनाए हुए है। वहीं पहले से ही गरीबी की मार झेल रहे परिवार पर पुलिसिया दहशत का साया है। उन्हें भूखे पेट रहना पड़ रहा है। उनके छोटे-छोटे बच्चे हैं और मुस्तकीम की मां, दादी और मुस्तकीम की पत्नी हैं।
प्रतिनिधि मंडल ने डाक्टर यासीन और इरफान के परिवार से भी मुलाकात की। डॉ यासीन और इरफान को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। डॉक्टर यासीन के परिवार में उनकी पत्नी हिना नाज की तबीयत बेहद खराब है वहीं इरफान की पत्नी का भी बुरा हाल है।
प्रतिनिधिमंडल में रिहाई मंच के अवधेश यादव, रविश आलम, शाहरुख अहमद और एएमयू छात्र नेता इमरान खान, अहमद मुस्तफा, आमिर, सोहेल मसर्रत, शरजील उस्मानी, अयान रंगरेज, राजा, आरिश अराफात और मोहम्मद नासिफ, राजीव यादव आदि शामिल थे।
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