फिलिस्तीन के हक में जंतर मंतर पर नज़र आयी शिया सुन्नी एकता
आज यहां देश की राजधानी दिल्ली के जंतर मंतर पर मजलिस उलेमा-ए-हिंद और नेशनल कौंसिल ऑफ शिया उलेमा के तत्वाधान में "क़ुदस दिवस" के अवसर पर बड़ी तादाद में लोग जमा हुये, जिन में ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस ए मुशायरा के अध्यक्ष नावेद हामिद जमात-ए-इस्लामी से इनामुर्रहमान सीपीआई के राष्ट्रीय सचिव अतुल कुमार अंजान सामाजिक कार्यकरता यूनुस सिद्दीकी शिया जामा मस्जिद कश्मीरी गेट के इमाम व खतीब मौलाना सय्यद मोहसिन अली तक़वी और मौलाना जलाल हैदर के साथ दर्जनों उल्मा ए कराम ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.
इस अवसर पर जंतर मंतर पर मौजूद हजारों लोगों ने अमेरिका मुर्दाबाद इजरायल मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए फिलिस्तीन को आजाद करो गोलीबारी बंद करो की वकालत की. धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों ने इसराइल का पुतला भी जलाया और अपना गुस्सा प्रकट किया.
मौलाना मोहसिन अली तक़वी ने कहा कि जब संयुक्त राष्ट्र संघ ने कहा है कि यरुशलम फिलिस्तीन का है तो फिर अमेरिका ने वहां उनकी मर्जी के खिलाफ जाकर अपना दूतावास कैसे स्थापित किया है. उन्होंने कहा कि अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र संघ और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के खिलाफ काम किया है, उस से सवाल जवाब होना चाहिए.
Shia Sunni Ekta, which appeared on Jantar Mantar in Palestine's right
ऑल इंडिया मुस्लिम मजलिस ए मुशायरा के अध्यक्ष नवेद हामिद ने कहा कि "क़ुदस दिवस" से पहले फितना पैदा करने की कोशिश की गई थी और शिया-सुन्नी एकता को तोड़ने की कोशिश हुयी थी, लेकिन शिया उलेमा की खामोशी और मौलाना सैयद अरशद मदनी के बयान ने साजिश को नाकाम बना दिया.
उन्होंने अपनी फिलिस्तीनी यात्रा को याद करते हुए कहा कि 1 बच्ची और 90 साल की बूढ़ी औरत के जज्बे को जब मै ने देखा तो मुझे पूरा यकीन हो गया कि फिलिस्तीन आजाद जरूर होगा और इजराइल को हार देखनी पड़ेगी.
अतुल कुमार अंजान ने कहा कि बात बैतूल मुक़द्दस और मस्जिदे अक्सा की नहीं है बल्कि बात इंसानियत और इंसाफ की है आखिर मजलूम फिलिस्तीनियों को इंसाफ मिलेगा या नहीं? चर्चा इस पर होनी है.
इस अवसर पर मौलाना जलाल हैदर नकवी (राष्ट्रीय स्तर पर धरने प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे) ने कहा कि खुशी की बात है कि बीते साल से ज्यादा इस साल शिया-सुन्नी एकता देखने को मिली है और देश के 200 से ज़्यादा शहरों और 20 से ज़्यादा राज्यों में अलग अलग अंदाज में धरने प्रदर्शन करके इसराइल और अमेरिका के खिलाफ लोगों ने गुस्से प्रकट किये और फिलिस्तीन और बैतुल मक़दिस के हक़ में आवाज उठाई. मौलाना जलाल हैदर नकवी ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि मुझे यकीन है कि 1 दिन फिलिस्तीनियों को इंसाफ जरूर मिलेगा.
उन्होंने कहा कि कुदरत की लाठी में आवाज नहीं होती है और जब वह बरसती है तो गरजती नहीं है, यह दुनिया को नहीं भूलना चाहिए. मौलाना जलाल हैदर नकवी ने कहा कि दुनिया में ऐसी बहुत सी क़ौमें आईं जिन्हों ने कुदरत से टकराने की कोशिश की तो कुदरत ने उनका तख्तापलट दिया. उन्होंने कहा कि हमें यकीन है कि मज़लूम फिलिस्तीनियों को इंसाफ मिलेगा और फिलिस्तीन 1 दिन आजाद होगा. उन्होंने कहा कि मैं यह सवाल करना चाहता हूं कि आखिर यहूदियों की जमीन फिलिस्तीन कैसे हो गई?
मौलाना जलाल हैदर नकवी ने भारत सरकार से भी अपील की कि भारत सरकार फिलिस्तीनियों को उनका हक दिलाने की पहल करे. उन्होंने कहा कि भारत सरकार को गांधी जी के उस अनमोल वचन को याद करना चाहिए जिसमें गांधी जी ने कहा था कि जिस तरह से इंग्लैंड पर अंग्रेजों का हक है उसी तरह से फिलिस्तीन पर फिलिस्तीनियों का हक है.
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