ज्ञात रहे कि इजराइल का दूतावास भारत में कांग्रेस के दौर में ही खोला गया था, उस वक़्त सलमान खुर्शीद भारत के विदेश राज्य मंत्री थे.
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से बुधवार को आयोजित हुई इफ्तार में पाकिस्तान के उच्चायुक्त को दावत नहीं दी गई थी। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने कई मुस्लिम देशों के उच्चायुक्तों/राजदूतों को इस इफ्तार के लिए न्यौता दिया लेकिन पाकिस्तानी उच्चायुक्त को नहीं बुलाया। वर्ष 2015 में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से आयोजित इफ्तार में उस वक्त पाकिस्तानी उच्चायुक्त को आमंत्रित किया गया था।
कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक इस बार की इफ्तार में कुल 46 राजनयिक प्रतिनिधियों ने शिरकत की। कांग्रेस की इफ्तार में इतनी संख्या में पहली बार राजनयिक शामिल हुए। पार्टी के एक नेता ने कहा कि पाकिस्तान और इजराइल को न्यौता नहीं दिया गया, हालांकि फलस्तीनी राजदूत को बुलाया गया था और वह इफ्तार में शामिल हुए।
पाकिस्तानी उच्चायुक्त को न्यौता नहीं देने को उचित ठहराते हुए एक नेता ने कहा कि पाकिस्तान रोजाना संघर्षविराम का उल्लंघन कर रहा है और उसके साथ फिलहाल भारत सरकार की कोई बातचीत भी नहीं हो रही है, ऐसे में उसे न्यौता देने का कोई औचित्य नहीं था। इस इफ्तार में बांग्लादेश के उच्चायुक्त को आमंत्रित किया गया था।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की ओर से बुधवार को आयोजित हुई इफ्तार में पाकिस्तान के उच्चायुक्त को दावत नहीं दी गई थी। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने कई मुस्लिम देशों के उच्चायुक्तों/राजदूतों को इस इफ्तार के लिए न्यौता दिया लेकिन पाकिस्तानी उच्चायुक्त को नहीं बुलाया।
वर्ष 2015 में तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की ओर से आयोजित इफ्तार में उस वक्त पाकिस्तानी उच्चायुक्त को आमंत्रित किया गया था। कांग्रेस के सूत्रों के मुताबिक इस बार की इफ्तार में कुल 46 राजनयिक प्रतिनिधियों ने शिरकत की।
कांग्रेस की इफ्तार में इतनी संख्या में पहली बार राजनयिक शामिल हुए। पार्टी के एक नेता ने कहा कि पाकिस्तान और इजराइल को न्यौता नहीं दिया गया, हालांकि फलस्तीनी राजदूत को बुलाया गया था और वह इफ्तार में शामिल हुए।
पाकिस्तानी उच्चायुक्त को न्यौता नहीं देने को उचित ठहराते हुए एक नेता ने कहा कि पाकिस्तान रोजाना संघर्षविराम का उल्लंघन कर रहा है और उसके साथ फिलहाल भारत सरकार की कोई बातचीत भी नहीं हो रही है, ऐसे में उसे न्यौता देने का कोई औचित्य नहीं था। इस इफ्तार में बांग्लादेश के उच्चायुक्त को आमंत्रित किया गया था।
आखिर में सवाल यही है कि क्या कांग्रेस पार्टी के इफ्तार में इजराइल और पकिस्तान के राजनयिक प्रतिनिधियों के न आने से मुसलामानों के मसले हल हो जायेगे या फिर देश में 7 दशक तक सत्ता ने रहने वाली कांग्रेस पार्टी के दौर में दलित साम से बदतर ज़िन्दगी गुजरने की लिए मजबूर हुए मुसलमानों के उत्थान की लिए भी कांग्रेस पार्टी के पास कोई ठोस एजंडा आज भी है या नहीं?
ताज़ातरीन ख़बरें पढ़ने के लिए आप वतन समाचार की वेबसाइट पर जा सक हैं :
https://www.watansamachar.com/
उर्दू ख़बरों के लिए वतन समाचार उर्दू पर लॉगिन करें :
http://urdu.watansamachar.com/
हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें :
https://www.youtube.com/c/WatanSamachar
ज़माने के साथ चलिए, अब पाइए लेटेस्ट ख़बरें और वीडियो अपने फ़ोन पर :
आप हमसे सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं- ट्विटर :
https://twitter.com/WatanSamachar?s=20
फ़ेसबुक :
यदि आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो आप इसे आगे शेयर करें। हमारी पत्रकारिता को आपके सहयोग की जरूरत है, ताकि हम बिना रुके बिना थके, बिना झुके संवैधानिक मूल्यों को आप तक पहुंचाते रहें।
Support Watan Samachar
100 300 500 2100 Donate now
Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.