2019 के लोकसभा चुनाव से पहले मोदी जी ने जानता के सामने झूठ बोल कर एक बार फिर भाजपा का असली चेहरा देश की जनता ला दिया है। आम आदमी पार्टी का मानना है कि आने वाले लोकसभा चुनाव के नतीजे तय करेंगे की भारत में लोकतंत्र जिन्दा रहेगा या नहीं। भाजपा के पांच साल के अलोकतांत्रिक, तानाशाह और जन-विरोधी शासन काल के बाद अब जानता को तय करना है कि क्या यही शासन उन्हें दौबारा चाहिए? भाजपा सरकार ने पिछले पांच सालों में ऐसा कोई काम नहीं किया, जिसके अधर पर वो जानता से वोट मांग सके। इसीलिए प्रधानमंत्री जानता के बीच झूठ बोलकर उन्हें लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। मोदी सरकार ने अपने विरोधियों को समाप्त करने के लिए शाम,दाम, दण्ड, भेद सब कुछ इस्तेमाल किया। अपनी नाकामियों को छुपाने के लिए संविधान को तांक पर रखकर सारे असंवेधानिक काम किए। देश के सभी बड़े बड़े सरकारी संस्थानों जैसे सीबीआई,सीवीसी आदि का दुरूपयोग किया।
ये बड़ा ही हास्यास्पद है कि आज जब भाजपा के पास देश की जानता के सामने बताने के लिए कोई काम नहीं है जो उन्होंने जन-हित में किया तो मोदी जी दशकों पहले की बातें निकालकर जानता से साहनुभूति बटोरने की कोशिश कर रहे हैं। देश में आज भाजपा की सरकार है और मोदी जी कांग्रेस को निशाना बनाकर अपनी राजनीतिक नैया को एक बार फिर पार लगाने की फ़िराक में हैं। नरेन्द्र मोदी जी ने देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद जो भी कार्य किए उन्हें कुछ महत्वपूर्ण बिन्दुओ के माध्यम से समझा जा सकता है, जो निम्न प्रकार हैं..... -दिल्ली के निर्वाचित एवं लोकप्रिय मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर और दफ्तर पर सीबीआई और दिल्ली पुलिस की रेड करवाई।
दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री एवं दो अन्य मंत्रियों पर भी भिन्न भिन्न केन्द्रीय एजेंसियों द्वारा रेड करवाई, पूछताछ के बहाने कई कई घंटो प्रताड़ित किया। -आम आदमी पार्टी के लगभग 20 विधायकों को दिल्ली पुलिस द्वारा झूठे केसों में फसाया, जिसके लिए अदालत में दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार को फटकार झेलनी पड़ी। -दिल्ली सरकार द्वारा किए जा रहे जनहित के कार्यों की 400 से अधिक फाइलें, गैरकानूनी तरीके से जब्त कर दिल्ली सरकार के मंत्रियों को झूठे केसों में फ़साने की कोशिश की, और कई सालों तक दिल्ली की जनता के हित के कार्यों को रोक कर रखा।
-दिल्ली की जनता द्वारा प्रचंड बहुमत से चुनी हुई सरकार के खिलाफ़ अधिकारियों को भड़काकर, तथा डरा धमका कर उनसे चार महीनों तक हड़ताल करवाई और दिल्ली सरकार को अपाहिज बनाने की कोशिश की।
-अधिकारियों को सारे नियम क़ानून तांक पर रखकर चुनी हुई सरकार के खिलाफ़ जानता के बीच झूठ फ़ैलाने को कहा गया। जिन अधिकारीयों ने भाजपा सरकार के इशारे पर काम किया उन्हें पदोन्नति से नवाज़ा गया, और जिन अधिकारियों ने मोदी जी की बात नहीं मानी, उन्हें भिन्न भिन्न प्रकार से प्रताड़ित किया गया।
-दिल्ली सरकार ने दिल्ली की जानता के हित में जो महत्वपूर्ण पॉलिसी बनाई थीं, उपराज्यपाल की शक्तियों का दुरूपयोग करके भाजपा ने उन सभी पॉलिसियों को रोकने का काम किया।
ये सभी बिंदु तो केवल उदहारण मात्र हैं कि किस तरह से भाजपा ने लोकतंत्र की हत्या की है। किस तरह एक चुनी हुई सरकार नरेन्द्र मोदी जी की गलत नीतियों का विरोध करने का खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।
यह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और अन्य मंत्रियों की कर्तव्य निष्ठां, और दिल्ली के जनता के प्रति समर्पण का कमाल है कि इतनी रूकावटो के बावजूद आज दिल्ली में जो आमूलचूल परिवर्तन के काम हुए हैं, वो देश के किसी और राज्य की सरकार ने नहीं किए।
नरेन्द्र मोदी जी ने रामलीला मैदान के मंच से कहा की भाजपा ने देश को एक साफ़ छवि वाली सरकार दी है। एक बार फिर मोदी जी का झूठ जानता के सामने तब आ गया जब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद अपनी शक्तियों का गलत प्रयोग करके, सीबीआई डाइरेक्टर को छल पूर्वक मोदी जी ने उनके पड़ से हटा दिया।
मोदी सरकार ने लाख कोशिशे की, कि किसी प्रकार से अरविंद केजरीवाल या उसके मंत्रियों एवं विधायको को फसाया जा सके। दर्जनों बार सीबीआई और दिल्ली पुलिस की रेड करवाई, विधायकों पर झूठे केस करवाए, हर वो कोशिश की जिससे दिल्ली सरकार की छवि जानता की नजरो में खराब की जा सके। इतने सबके बावजूद भी न तो अरविंद केजरीवाल और न ही उनके मंत्री, विधायक भाजपा की in गन्दी चालों से डरे। क्यूकी पूरा देश जानता है की अगर देश में सबसे ईमानदार पार्टी कोई है तो वो है आम आदमी पार्टी। सारी कोशिशों के बावजूद भी मोदी जी एक पैसे का भी भ्रष्टाचार अरविंद केजरीवाल और उनके सहयोगियों पर साबित नहीं कर पाए।
जैसा कि सभी को ज्ञात है की मोदी सरकार ने 600 करोड़ का एक राफेल जहाज 1600 करोड़ में खरीदना तय किया है। सरकार ने अभी 36 राफेल जहाज खरीदने का प्रस्ताव पास किया है। भाजपा सरकार एक जहाज को लगभग 1000 करोड़ रूपए अधिक कीमत पर खरीद रही है। 36 जहाज अर्थात सरकारी कोष को 36 हज़ार करोड़ का चूना। सीबीआई डायरेक्टर रहते हुए अलोक वर्मा ने इसकी जांच के आदेश दिए थे। और शायद यही कारण रहा की मोदी जी को आनन् फानन में अपनी शक्तियों का गलत इस्तेमाल करके उनको सीबीआई डायरेक्टर के पद से हटाना पड़ा। अगर जांच होती तो शायद राफेल में हुए घोटाले का सच पूरी दुनिया के सामने आ जाता। अगर मोदी जी ने राफेल की खरीद में कोई घोटाला नहीं किया तो जांच से क्यों घबरा रहे है।
चुनाव आयोग की बात करें तो आम आदमी पार्टी ने पहले ही अपना रुख स्पष्ट कर दिया है कि कैसे पिछले पांच वर्षों के दौरान भारत के चुनाव आयोग ने अपनी निष्पक्षता खो दी।उच्च न्यायालय का आदेश इस बात पर मोहर लगता है कि चुनाव आयोग ने जो दिल्ली के 20 विधायकों को अयोग्य घोषित करने की सिफारिश की थी, वो किस प्रकार से राजनीतिक रूप से भरी हुई और गैर-सलाह वाली राय थी।
आने वाले लोकसभा चुनाव से पहले आम आदमी पार्टी दिल्ली और देश की जानता के समक्ष भाजपा के सारे कच्चे चिट्ठे खोल कर रख देगी, और जानता को भाजपा की गन्दी राजनीति से रु-बरु करने का काम करेगी, ताकि 2019 के लोकसभा चुनाव में जानता इस देश का अच्छा भविष्य तय कर सके।
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