नयी दिल्ली: इम्पार (IMPAR) के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ एमजे खान (Dr। MJ Khan) ने इम्पार से जुड़े लोगों को एक पत्र लिखते हुए कहा है कि पिछले 6 महीनों में जिस तरह आप लोगों का प्यार और सहयोग मिला उसके लिए मैं आप सबका आभारी हूं. एक तरफ बिना रुके और बिना थके जहां इस बात का हम भरसक प्रयास कर रहे हैं कि इम्पार (IMPAR) परिवार को तेजी से बढ़ाया जाए वहीं दूसरी ओर इम्पार (IMPAR) के विरुद्ध नकारात्मक एजेंडा भी पूरे सम्मान के साथ चलाया जा रहा है. इन नकारात्मक शक्तियों को हमें समझने की आवश्यकता है। यह सत्त्य है कि झूठ का कोई अस्तित्व नहीं होता और ना ही रेत की दीवार पर बने ताजमहल का कोई वजूद होता है, इसलिए मुझे इस बात का पूरा विश्वास है कि नकारात्मक एजेंडे और भय का डिजाइन ईमानदारी से किए गए प्रयासों और प्रगतिशील एजेंडों को कभी भी हरा नहीं सकते।
वह 1400 साल पहले भी हारे थे और 140 साल पहले भी (140 साल का अर्थ यह है कि जब सर सैयद दीन की शिक्षा के साथ आधुनिक विज्ञान की ओर मुसलमानों को लाना चाह रहे थे, उस वक्त सर सैयद का विरोध हुआ था, लेकिन जो लोग सर सैयद के विरोधी थे आज उनकी पीढ़ियां सर सैयद के चमन से शिक्षा के गौहर ले रही हैं)। सर सैयद की 203 वीं जयंती पर इस पत्र को लिखने का उद्देश्य यह स्पष्ट संदेश भेजना है कि इम्पार (IMPAR) सकारात्मक एजेंडे के साथ खड़ा हुआ है और सकारात्मक दृष्टिकोण का समर्थक है। इसलिए इम्पार (IMPAR) उन लोगों को इम्पार परिवार में आमंत्रित करता है जो प्रगतिशील विचारों के साथ काम करते हैं और समुदाय की तरक़्क़ी के लिए प्रतिबद्ध हैं।
जो लोग इम्पार (IMPAR) के दृष्टि में विश्वास रखते हैं वह केवल इम्पार में शामिल होते हैं। जैसा कि इम्पार की मेंबरशिप ड्राइव में इस बात को अस्पष्ट किया गया है। जो लोग सदस्यता से संबंधित जानकारी चाहते हैं वह इम्पार की वेबसाइट पर आकर उससे के बारे में विस्तार से जानकारी ले सकते हैं।
6 महीने की छोटी अवधि के दौरान विशेष रूप से इम्पार (IMPAR) की शानदार यात्रा और अविश्वसनीय प्रदर्शन को आपके साथ साझा करना उचित होगा। जब पूरा देश लॉकडाउन के शुरुआती दिनों में कठिन समय से गुजर रहा था, उस समय मीडिया के हाई वोल्टेज ड्रामा के बीच जिस तरह से मरकज निजामुद्दीन को लेकर के नफरत और घृणा फैलाई जा रही थी और जिस तरह की भाषाएं और शब्दावली का सोशल मीडिया पर उपयोग हो रहा था, उस से आप सब अवगत होंगे। इम्पार (IMPAR) ने सभी मोर्चे पर काम किया और सबसे पहले मीडिया में होने वाली डिबेट के दृष्टिकोण को बदलने में महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक सफलता हासिल की, हालांकि स्थिति स्पष्ट रूप से सामान्य हो गई, लेकिन यह वास्तव में पूरी तरह सामन्य नहीं है।
कोरोना के मामले में आ रही वृद्धि की खबरें हमें चिंतित करती हैं। इसलिए समुदाय के सामने चुनौतियां अभी भी मुंह बाये खड़ी हैं. इसलिए यह सही समय है कि हम अपनी बेहतरीन सोच सक्रिय योजनाओं और समन्वय कार्यक्रमों के माध्यम से नैरेटिव को बदलने के लिए अपना योगदान दें। आइए सर सैयद के जन्मदिन पर एक ऐसे माहौल को बनाने के लिए काम करें जहां हमारे युवा और आने वाली पीढ़ियां इस महान राष्ट्र की सामाजिक विविधता और जीवंत लोकतंत्र का आनंद ले सकें।
एक ही समय में हमारे सामने दो चैलेंज हैं। जहां एक ओर हमें फासीवादी शक्तियों के डिजाइन को हराने का संकल्प लेना होगा, और समाज और राष्ट्र के साथ जुड़ने के नए तरीकों को अपनाने के लिए स्वयं के कट्टरपंथी तत्वों और नकारात्मक शक्तियों को भी अंधकार में धकेलना होगा। हमें सकारात्मक सामाजिक कार्यों द्वारा समाज में मोहब्बत फैलाने और अपने सार्वजनिक आचरण और योगदान को सुधारने के लिए काम करना होगा।
अंत में मैं आप सब समाज में सकारात्मक सोच को बढ़ावा देने और पॉजिटिव बदलाव लाने और युवाओं को प्रगति के रास्ते पर नेविगेट करने के लिए आपसे सहयोग की अपेक्षा करता हूं।
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