New Delhi: डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि, ये दुर्भाग्य की बात है कि सैनिकों की शहादत पर राजनीतिक रोटियाँ पकाने की बीजेपी की आदत है। मोदी सरकार का सुरक्षा और सुरक्षा कर्मियों के विषय में अगर सही नारा समझा जाए तो वो है, कुर्बानी सैनिकों की हो और महिमामंडन और प्रशंसा बीजेपी की हो।
इस विषय में हम दुख से ये प्रसंग उठा रहे हैं और प्रश्न-उत्तर के जरिए सीधा सवाल कर रहे हैं, आपके जरिए, सरकार से जवाबदेही मांग रहे हैं। मूल प्रश्न है, क्या मोदी सरकार डेढ़ लाख जवानों की सर्विस काट रही है?
ये भी मैंने प्रश्न पूछा है। इसके बारे में समाचार, विवरण, डिस्कशन कई दिनों से चल रहा है। हमारा मानना है कि इस सरकार की चुप्पी अपनी एक कहानी सुनाती है। इसलिए हम सीधा आपके जरिए ये पूछ रहे हैं कि डेढ़ लाख, इसका हमें उत्तर चाहिए, तुरंत चाहिए, देश को चाहिए, हमारी सेना को चाहिए, हमारे जवानों को चाहिए?
दूसरा प्रश्न, क्या ये इसलिए किया जा रहा है कि पाँच या सात हजार करोड़ इस तरह से बचाकर मॉर्डनाईजेशन के लिए या मेंटेनेंस के लिए, इक्विपमेंट की मेंटेनेंस के लिए इस्तेमाल करेंगे? लोगों की सर्विस काट कर इक्विपमेंट की मेंटेनेंस के लिए इस्तेमाल करेंगे?
तीसरा, क्या ये किसी रुप से सेना बल्कि हमारे तीनों विंग की सहमति, समझ, उनके पार्टिसिपेशन, उनसे वार्तालाप करके लिया जा रहा है या इस देश के एक डिक्टेटर का यह निर्णय है?
चौथा, क्या ये बहुत ही विकट और अजीब विंडबना नहीं है कि अपने राजनीतिक जुमले और झूठे वायदे एक तरफ। दो करोड़ रोजगार गढ्ढे में, डिमोनेटाईजेशन से लाखों रोजगार नष्ट दूसरे गढ्ढे में और उसके ऊपर आप हमारे सुरक्षा कर्मियों की डेढ़ लाख की सीमा तक की कटौती कर रहे हैं? क्या ये सबसे बड़ी हमारे देश की विडंबना, दुखद प्रसंग नहीं है?
पाँचवा, क्या ये सही नहीं है कि लगभग 5,000 करोड़ पिछले साढ़े चार साल में, अभी पाँच साल पूरे नहीं हुए हैं, मैं दोहरा रहा हूं, माननीय प्रधानमंत्री जी आपने 5,000 करोड़ पब्लिसिटी में खर्च किया है? यहाँ 5,000 करोड़ बचा रहे हैं, इन लोगों की सर्विस काट कर के। क्या ये सही नहीं है कि फिटनेस वीडियो पर 35 लाख खर्चा हुआ है? ये मैं महीने के आंकड़े दे रहा हूं, क्या ये सही नहीं है कि माननीय प्रधानमंत्री जी के पिक्चर और फोटोग्राफ अपडेट करने के लिए 60 करोड़ हर महीने खर्च हुए हैं? 1,100 करोड़ बीजेपी हेडक्वार्टर में और 2,000 करोड़ विदेश यात्रा में खर्च हुए हैं।
2,000 करोड़ विदेश यात्रा, 5,000 करोड़ पब्लिसिटी, 1,100 करोड़ बीजेपी हेडक्वार्टर पर खर्च कर दिए। दूसरी तरफ आपको क्या एक ही तरीका मिला ये पैसे बचाने का? आप यहाँ पर 11 लाख करोड़, मैं दोहरा रहा हूं, ये करोड़ नहीं हैं, ये 11 लाख करोड़ हैं, पूरी तरह से अनडिजर्व फायदा ले रहे हैं, पेट्रोल और डीजल पर टैक्स की मार से। ये आपका नहीं है, बाहर से आ रहा है। रुपया और गिर रहा है, पेट्रोल-डीजल की कीमत और बढ़ रही है, उस बढ़ती कीमत पर आपका टैक्स वैसे ही बढ़ रहा है, 11 लाख करोड़ हो गया है। आप उसमें 5 हजार, 7 हजार करोड़ रुपए हमारी आर्मी के लिए नहीं दे सकते, उनकी आपको सर्विस लेनी है और आपने अलग-अलग एस्टिमेट के अनुसार 41,000, 50,000 या 35,000 करोड़ रुपए जो ओवर प्राइसिंग की है राफेल में, जिसकी आज तक आप कीमत नहीं बता रहे हैं। कभी आप कहते हैं x % कम है, कभी कहते Y % कम है, लेकिन कभी कीमत नहीं बताते। लगभग 40, 50 या 30-35 हजार करोड़ आपने ज्यादा खर्चा वहाँ किया है। लेकिन इन सबको एक तरफ दरकिनार करके आप हमारी सेना, सुरक्षा कर्मियों के पेट पर लात मार रहे हैं। इसका आपके पास कोई जवाब नहीं है। ये बात हम आज एक हफ्ता लगभग रुककर कर रहे हैं, क्योंकि हम आशा और विश्वास कर रहे थे कि कोई आवाज उठाएगा।
मैं आपका ध्यान संसदीय स्टेंडिग कमेटी की रिपोर्ट की तरफ आकर्षित करना चाहता हूं। जो अभी हाल में 2018 में बहुत स्ट्रोंग रिपोर्ट लिखी है, जिसमें वाईस चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ, लेफ्टिनेंट जनरल सारथ ने बड़ा स्पष्ट रुप से लिखित में दिया था, उसके बाद वो सेवा निवृत हो गए, मई, 2018 में कि आज केवल 8 प्रतिशत हमारा इक्विपमेंट स्टेट ऑफ दि आर्ट है, 68 प्रतिशत पुराना है, इस्तेमाल होने में पूरी तरह से टिप-टॉप नहीं है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण स्टैटिक्स है, जीडीपी का, अगर प्रतिशत लें तो सबसे न्यूनतम इस सरकार का रहा है, 1962 से लेकर आज तक। ये सब उस रिपोर्ट में लिखा है, उनके सबमिशन में लिखा है।
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