
नयी दिल्ली: देश के जाने-माने हकीम और पीस ऑलवेज के चेयरमैन हकीम अयाज़ हाशमी ने यूनानी डे की देशवासियों को बधाई देते हुए कहा है कि आज यूनानी डे के मौके पर हम सभी को यह दृढ़ निश्चय करना होगा कि हम सब मिलकर के यूनानी के कामकाज को बढ़ावा देंगे. उन्होंने इस मौके पर एक स्लोगन जारी करते हुए कहा कि "आओ मिलकर काम करें यूनानी को आम करें". उन्होंने कहा कि यूनानी एक ऐसा इलाज है जिसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है और घातक से घातक बीमारियों का इलाज यूनानी में मौजूद है.
हकीम अयाज़ हाशमी ने कहा कि मैं किसी इलाज सिस्टम पर कोई कटाक्ष नहीं करना चाहता हूं लेकिन यूनानी से बेहतर संसार में कोई इलाज नहीं है और इसे दुसरे डॉ भी मानते और जानते हैं. उन्होंने चिंता प्रकट करते हुए कहा कि दुख के साथ कहना पड़ता है कि यूनानी इलाज सिस्टम को खुद उसके वालों ने कमजोर किया है, जिसे यूं कहा जा सकता है "उस घर को आग लग गई घर के चिराग से" उन्होंने कहा कि जिनके पास इलाज के नुस्ख़े थे वह अपने साथ या तो उसे लेकर के दुनिया से रुखसत हो गए या जो लोग हैं भी वह अपने पास नुस्खे छुपा कर रखे हुए हैं. उन्होंने कहा कि हमारी जिम्मेदारी है कि हम इस इलाज सिस्टम को बढ़ावा दें.
हकीम अयाज़ हाशमी ने कहा कि जब इलाज सिस्टम खत्म हो जाएगा तो फिर हम उन नुस्खों को छुपा कर के क्या करेंगे. उन्होंने कहा कि यूनानी इलाज हम सिर्फ सरकार के भरोसे नहीं छोड़ सकते हैं, बल्कि हमें भी उसमें प्रैक्टिस करना होगा. उन्होंने कहा कि दुख की बात यह है कि जो डॉ यूनानी में BUMS या दूसरे कोर्स करके आते हैं वह भी एलोपैथिक में प्रैक्टिस शुरू कर देते हैं और शॉर्टकट रास्ता ढूंढते हैं, जो कि ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि जब तक हम लोग दृढ़ निश्चय के साथ इस सिस्टम को बढ़ावा नहीं देंगे तब तक कुछ नहीं होने वाला है उन्होंने लोगों से यूनानी इलाज के सिस्टम को अपनाने और उसे बढ़ावा देने की अपील की.
स्पष्ट हो कि यह संस्था विभिन्न धर्मों के मानने वालों में मुहब्बत और
इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर इस वक्त पूरी तरह से 2 धड़ों में बट चुका है
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