नये दिल्ली: BCCI में अब दादागिरी तय हो गई है. देश के महान खिलाड़ी और प्रसिद्ध कप्तान दादा अब BCCI के नये ऑफिसियल बॉस होंगे. इस के साथ ही यह बात अब तय होगई है कि BCCI में अगले कुछ महीनों में कुछ ख़ास होगा. सब को साथ लेकर चलने वाले दादा हमेशा से जौहर के क़दरदान रहे हैं और उन्होंने हमेशा दिल खोल कर न सिर्फ अपनी बात राखी है, बल्कि उन्होंने हमेशा किसी के दबाव के बिना अपनी बात कही है और हर उस खिलाड़ी की तारीफ़ की है जो उस का हक़दार था.
सौरव गांगुली को बुधवार (23 अक्टूबर) को यहां आधिकारिक रूप से भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) का अध्यक्ष चुना गया। बीसीसीआई ने ट्वीट करके गांगुली के अध्यक्ष बनने की जानकारी दी। सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति का 33 महीने से चला आ रहा शासन अब खत्म हो गया है। बीसीसीआई अध्यक्ष पद के लिए गांगुली का नामांकन सर्वसम्मति से हुआ है।
It's official - @SGanguly99 formally elected as the President of BCCI pic.twitter.com/Ln1VkCTyIW
— BCCI (@BCCI) October 23, 2019
सौरव गांगुली के अलावा, केंद्रीय मंत्री अमित शाह के बेटे जय शाह को सचिव नियुक्त किया गया। केरल के जयेश जॉर्ज नए संयुक्त सचिव और उत्तराखंड के महीम वमार् नए उपाध्यक्ष चुने गए। पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष अनुराग ठाकुर के छोटे भाई अरुण धूमल कोषाध्यक्ष बने हैं।
बीसीसीआई की नई टीम की नियुक्ति के साथ ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा चुनी गई प्रशासकों की समिति (सीओए) के 33 महीने के कार्यकाल का भी समापन हो गया। बीसीसीआई ने ट्वीट किया, “सौरव गांगुली को आधिकारिक रूप से बीसीसीआई का अध्यक्ष चुन लिया गया है।” बता दें कि सौरव गांगुली बंगाल क्रिकेट संघ के सचिव और बाद में अध्यक्ष पद के अपने अनुभव का पूरा इस्तेमाल करेंगे। उन्होंने कुछ लक्ष्य तय कर रखे हैं, जिनमें प्रशासन को ढर्रे पर लाना और प्रथम श्रेणी क्रिकेटरों के वेतन में बढ़ोतरी शामिल है।
हितों के टकराव' के नियमों के बीच गांगुली के सामने चुनौती क्रिकेट सलाहकार समिति और राष्ट्रीय चयन समिति में अच्छे क्रिकेटरों को लाने की भी होगी। क्रिकेट नीतियों के अलावा महेंद्र सिंह धौनी के भविष्य, दिन रात के टेस्ट क्रिकेट और स्थाई टेस्ट केंद्रों पर भी उनका रूख देखना होगा। बीसीसीआई के अध्यक्ष के तौर पर सौरव गांगुली का कार्यकाल सिर्फ 10 महीने के करीब का होगा। क्योंकि बीसीसीआई के नए संविधान के मुताबिक उन्हें अगले साल सितंबर में 3 साल के कूलिंग ऑफ पीरियड में जाना होगा। इसके तहत गांगुली अगने तीन वर्षों तक बीसीसीआई के किसी भी पद पर नियुक्त नहीं हो सकेंगे। बीसीसीआई के नए नियमों के अनुसार, एक प्रशासक लगातार केवल छह साल तक ही अपनी सेवाएं दे सकता है।
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