मुंबई: अंग्रेज़ो भारत छोडो आंदोलन के 77 साल पूरे होने पर आज कांग्रेस पार्टी (मुंबई) ने देश के लिए शहीद हुए भारत के सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित की. इस अवसर पर मुंबई कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता बड़ी तादाद में मौजूद थे। श्रद्धांजलि अर्पित करने वालों में राज्य के नेता मिलिंद देवड़ा और एकनाथ गायकवाड़ के साथ सुफियान नियाज़ वाणु भी मौजूद थे.
श्रद्धांजलि सभा का आयोजन मुंबई के अगस्त क्रांति मैदान में हुआ. #QuitIndiaMovement के लोगों को कांग्रेस नेताओं ने याद किया. ज्ञात रहे कि #QuitIndiaMovement का नारा उस वक़्त के कांग्रेस नेता यूसुफ़ महार अली ने दिया था जिसे गांधी समेत दुसरे नेताओं ने काफी पसंद किया था.
वतन समाचार को मिली सूचना के अनुसार अगस्त क्रांति मैदान में #QuitIndiaMovement की 77 वीं वर्षगांठ पर देश के स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के लिये मुंबई कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता अपने अध्यक्ष और कार्यकारी अध्यक्ष के साथ जमा हुए. उन्हों ने कहा कि हम भारत के उनके दृष्टिकोण को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
नई दिल्ली : देश भारत छोड़ो (जिसे अगस्त क्रांति के नाम से भी जाना जाता है) आंदोलन की 77वीं वर्षगांठ मना रहा है. इस दौरान इस आंदोलन से जुड़े कई पक्षों के बारे में चर्चा की जा रही है. लेकिन यह बात अब भी कम लोगों को पता है कि वह शख्स कौन थे जिन्होंने 'Quit India' यानी 'भारत छोड़ो' का नारा दिया. पीएम नरेंद्र मोदी ने बीते साल 'मन की बात' में भारत छोड़ो आंदोलन का जिक्र करते हुए युसूफ मेहरली का नाम लिया था. दरअसल मेहरली ही वह शख्स थे जिन्होंने 'Quit India' यानी भारत छोड़ो का नारा दिया था जिसे गांधीजी ने 1942 में भारत की आजादी के लिए छेड़े गए सबसे बड़े आंदोलन के लिए अपनाया. उस वक़्त भारत 75वीं वर्षगांठ मना रहा था. युसूफ मेहरअली ने ही "Simon Go Back" का नारा भी दिया था.
आजादी के आंदोलन में कई बार जेल गए
23 सितंबर 1903 को जन्मे युसूफ मेहरली भारतीय स्वतंत्रता संघर्ष के अग्रणी नेताओं में थे. आजादी के आंदोलन के दौरान वह 8 बार जेल भेजे गए. 1942 में जेल में बंद होने के बावजूद वह बंबई (अब मुंबई) के मेयर चुने गए थे.
किसानों और कामगारों के बीच काम किया
वह नेशनल मिलिशिया और बॉम्बे यूथ लीग के संस्थापक थे. उन्होंने किसानों और कामगारों के आंदोलनों में भी अहम भूमिका निभाई थी. भारत छोड़ा आंदोलन के दौरान वह भूमिगत भी रहे और आंदोलन के बड़े नेताओं में रहे.
युवाओं के बीच बहुत पापुलर थे मेहरअली
युसुफ मेहरअली युवाओं, कामगारों और व्यवयासियों के बीच काफी लोकप्रिय नेता था. उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब 1940 में उन्हें अरेस्ट किया था तो उनकी गिरफ्तारी के विरोध में बॉम्बे के कई बाजारों में कोई कारोबार नहीं हुआ. युसुफ मेहरअली ने कई किताबे भी लिखीं जिनमें - द प्राइस ऑफ लिबर्टी, ए ट्रिप टू पाकिस्तान समेत कई किताबें शामिल हैं.
#QuitIndiaMovementDay
#SufiyanVanu
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