गुजरात और हिमाचल प्रदेश के मतदाताओं का आभार और प्रजातान्त्रिक मूल्यों को सुदृढ़ बनाने के लिए उनको साधुवाद।
कांग्रेस ने मोर्चा हारा है,जंग नहीं !
राहुल जी ने 6.5 गुजरातीयों के मन और विश्वास को जीता है । 1/
कांग्रेस और राहुल जी ने मोदी दी और भाजपा को आख़िरकार 99 के चक्कर में उलझा ही दिया!
गुजरात में हालाँकि भाजपा जीती है और हमें जनता का जनादेश शिरोधार्य है, पर 1995 के बाद 2017 के बाद में भाजपा की विधायकों की संख्या अब सबसे कम हुई है । 2/
धन-बल, बाहुबल और सत्ताबल के बावजूद गुजरात ने कांग्रेस को भारी जनमत दिया और उन अहंकारी लोगों को सबक सिखाया जो मतदान से पहले ही 150 सीटों का दम्भ भर रहे थे।3/
भाजपा एक बात जान लें-
आँकड़े प्रति मिनट बदल रहें है, पर 10 सीटें ऐसी है जिसमें अंतर 1000 वोट से कम है। व कुल 26 सीटें ऐसी है जहाँ अंतर 3000 वोट से कम है। 4/
2014 में भाजपा का वोट प्रतिशत 60% था, अब कम हो कर 49% रह गया है।
2014 में कांग्रेस का वोट प्रतिशत 33.5% था, जो बढ़कर 41.4% हो गया है। 5/
जनभलाई से जुड़े 6 भाजपाई मंत्रियों हार का सामना करना पड़ा जिसमें बिजली मंत्री, कृषि मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री, आदिवासी, समाज कल्याण मंत्री और पेयजल मंत्री शामिल है। 6/
ऊँझा विधानसभा, जिसमें अंतर्गत प्रधानमंत्री का गृह नगर वडनगर आता है, वहाँ के लोगों ने 1972 के बाद कांग्रेस को 19000 से अधिक वोट से जिताया है।
यह मोदी जी के लिये साफ़ संकेत है। 7/
चुनाव आयोग की भुमिका संदेह के घेरें में आ गयी है।
यह देश के इतिहास में पहला अवसर है, जब मतगणना की तारीख़ें पहले घोषित की गयी और मतदान की तारीखें बाद में। ताकि हज़ारों करोड़ों की जुमला रूपी योजनाओं की बरसात का पूरा अवसर मिले,पूरा चुनाव कार्यक्रम भाजपा की सुविधा के अनुरूप हुआ। 8/
सारांश में -भाजपा की जीत में भी हार है !
हम यह कहेंगे -
छाती बड़ी तो क्या, अब दिल भी बड़ा कीजिये,
लड़खड़ाते विकास को अब खड़ा कीजिये। 9/
'कांग्रेस मुक्त भारत' का सपना देखने वाली भाजपा को हम यह कहेंगे -
मत देखिये "कांग्रेस मुक्त भारत" का सपना,
धर धर में हो ख़ुशी व विकास युक्त भारत हो अपना। 10/