नई दिल्ली, 03 दिसम्बर, प्रेस विज्ञप्ति:
दिल्ली में सार्वजानिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत कार्यरत उचित दर दुकानों पर, 1 दिसंबर 2017 से इ-पोस मशीन के माध्यम से राशन का आवंटन शुरू हो चुका है। ट्रायल के तौर पर खाद्य एवं संभरण विभाग, ने दिल्ली की 140 उचित दर दुकानों पर इ-पोस मशीनें लगाकर बॉयोमैट्रिक वितरण प्रणाली की शुरूआत 1,56,850 कार्डधारको के लिए की गई! गौरतलब हो कि दिल्ली में लगभग 19.5 लाख लाभार्थियों को सस्ता अनाज गेहू 2/- रुपए तथा चावल 3/- रूपये प्रति किलो मिलता है। दिल्ली के जरूरतमंद राशन उपभोक्ताओं को सस्ते अनाज का वितरण पूरी मात्रा में सुचारू रूप से हो, इसी प्रयास में इस प्रणाली को लाया गया। लेकिन सहूलियत देने की बजाय उन्हें घंटो लाइन में खड़े होकर मशीन में सर्वर आने का इंतजार करना पड़ रहा है। जिन सर्किल में ई-पोस मशीनें लगाई गईं हैं उनमें से अधिकतर मशीनों में नेटवर्क की दिक्कतें आ रही हैं। जिससे E-POS/बायोमेट्रिक उचित दर दुकानों के सामने लंबी-लंबी लाईनें लगी हुई हैं। वहीं कई सर्किलों की उचित दर दुकानों में बॉयोमेट्रिक द्वरा अंगूठे का मिलान सर्वर नही ले रहा है या फिर मात्रा को सही नहीं दर्शा पा रहा है। यही नहीं लगातार एरर मशीनों में लिखा आ रहा है। इस तरह की अनेकों समस्याओं का सामना दिल्ली के लाखों राशन उपभोक्ताओं को करना पड़ रहा है। यही नहीं मशीनीकरण के चलते कोटाधारक व कार्डधारियों के बीच झगड़ा भी बढ़ता जा रहा है। प्राप्त आंकड़ों के अनुसार पिछले दो तीन में 140 उचित दर दुकानों के माधयम से सिर्फ 7.7 प्रतिशत (विभागीय वेबसाइट http://epos.hry.gov.in/dl/index.jsp के अनुसार) राशन कार्डधारियों को ही राशन का वितरण संभव हो सका है। ऐसे में सस्ता राशन देने की सरकार की कवायद खटाई में पड़ती नजर आ रही है। खाद्य एवम संभरण विभाग ने आरंभिक परेशानियों का सामना करने के लिए सर्किल के डाटा एंट्री आपरेटर(डीईओ) की ड्यूटी इन 140 उचित दर दुकानों पर लगाईं है, परन्तु वह भी मशीन की खामियों को समझाने में असफल साबित हो रहे हैं। दूसरी तरफ ई-पीओएस लगाने वाली कंपनी बेल के तकनीकी कर्मचारियों की तरफ से भी किसी प्रकार की कोई राहत व मदद नहीं मिल पा रही है। वहीं अधिकारी अपनी जवाबदेही से बच रहे हैं। जिससे परेशानी दिल्ली के जरूरतमंद उपभोक्ताओं व राशन कोटाधारकों की बढ़ रही है क्योंकि इनमें निरंतर विरोध जारी है।
दिल्ली सरकारी राशन डीलर्स संघ-दिल्ली प्रदेश का कहना है कि जब तक दिल्ली में इ-पास मशीन के सर्वर सम्बंधित सभी खामिया दूर नहीं हो जाती है, तथा दिल्ली में उचित दर दुकानदार की आर्थिक स्थिति को दुरुस्त नही किया जाता, अर्थात कमीशन/मार्जिन मनी को बढ़ाया नही जाएत, तब-तक भ्रष्टाचार मुक्त सार्वजानिक वितरण प्रणाली को सुचारू रूप से चलाना असंभव लग रहा है