नई दिल्ली: नई हज नीति का मसौदा तैयार करने वाली समिति के प्रमुख अफजल अमानुल्ला ने मेहरम के मामले पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि 45 साल से कम उम्र की महिलाएं भी 'मेहरम' के बिना हज पर जा सकती हैं, हालांकि इस बारे कोई भी फैसला सरकार को करना है. अमानुल्ला ने यह भी कहा कि सऊदी अरब सरकार की तरफ से अतीत में 'मेहरम' वाली कोई कोई रोक नहीं थी और यह शर्त भारतीय पक्ष की तरफ से थी. सरकार ने इस बार से 45 साल और इससे अधिक उम्र की महिलाओं को 'मेहरम' के बिना हज पर जाने की इजाजत दी है. सऊदी अरब के जेद्दा में भारत के महावाणिज्य दूत रहे अफजल अमानुल्ला ने समाचार एजेंसी पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘अगर सरकार चाहे तो 45 वर्ष से कम उम्र की महिलाओं को भी मेहरम के बिना हज पर जाने की इजाजत दे सकती है। अगर कोई भी बालिग लड़का हज पर जा सकता है तो फिर बालिग लड़की क्यों नहीं जा सकती? वैसे, इस बारे में कोई भी कदम सरकार को ही उठाना है।’’ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में ‘मेहरम’ वाले मामले का उल्लेख किया था और यह पाबंदी हटाने को लेकर केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की तारीफ की थी. इसके बाद एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी सहित कुछ नेताओं और संगठनों ने प्रधानमंत्री मोदी के बयान का प्रतिवाद करते हुए दावा किया था कि यह रोक सऊदी सरकार ने लगाई थी और उसी ने हटाया तथा मोदी सरकार बेवजह अपनी पीठ थपथपा रही है. इस पूरे मामले की वास्तविक स्थिति के बारे में पूछे जाने पर अमानुल्ला ने कहा, ‘‘इसमें कोई भी सच्चाई नहीं है कि मेहरम वाली पाबंदी सऊदी अरब सरकार ने लगाई थी। यह रोक भारत की तरफ से थी और अब इसे हटाया गया है। इसे मैं बहुत बड़ा कदम मानता हूं.’’ गौरतलब है कि पूर्व आईएएस अधिकारी अमानुल्ला उस समिति के संयोजक थे जिसने नयी हज नीति-2018 की सिफारिश की और इस समिति की रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार ने 45 वर्ष और इससे अधिक उम्र की महिलाओं को ‘मेहरम’ के बिना हज पर जाने की इजाजत देने सहित कई दूसरे कदम उठाए.
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