मोहम्मद अहमद:
नई दिल्ली,12 दिसम्बर वतन समाचार न्यूज़:
जमीयत उलेमा-ए-हिंदी के मुखिया मौलाना सैय्यद अरशद मदनी ने अपनी बांग्लादेश यात्रा के बाद 'वतन' वापसी पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए देश में हो रही लिंचिंग की घटनाओं पर अफसोस प्रकट करते हुए कहा है कि BJP की सरकारों में ही लिंचिंग क्यों हो रहा है, यह अपने आप में एक सवाल है. उन्होंने कहा कि एक तबक़ा मुल्क में शांति नहीं चाहता है. वह चाहता है कि हिंदू और मुसलमान आपस में एक दूसरे से लड़ते रहें, उन को तरक्क़ी से कोई मतलब नहीं है. उन्होंने कहा कि गुंडागर्दी करने वालों की हर जगह बहुतात है. हम ने हमेशा रोकने की कोशिश की है. हर तरफ नफरत का बाजार गर्म है.
उन्होंने कहा कि दुनिया ने भी कई बार इस तरफ भारत का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश की है, कि इस (लिंचिंग) के खिलाफ सियासी गठजोड़ बनना चाहिए, मगर अफसोस तो यह है कि सत्ता में बैठे लोग इस की निंदा तक करने को तैयार नहीं हैं. मौलाना मदनी ने कहा कि बीजेपी यही चाहती है कि मुल्क में अशांति हो और आग लग जाए. उन्होंने कहा कि दरिंदगी ही आग लगाना है लेकिन आग लग नहीं रही है.
मौलाना मदनी ने कहा कि हम हमेशा से देश में शांति के लिए कोशिश करते चले आये हैं. वह (नफरत के प्रचारक) यह समझ नहीं पा रहे हैं कि उनके इतना चाहने के बावजूद आखिर आग लग क्यों नहीं रही है. मौलाना मदनी ने कहा कि अगर देश में हर तबका खड़ा हो गया तो फिर आग नहीं लगेगी तो क्या होगा. उन्होंने कहा कि जिस तरह से बीते दिनों लोग बड़े पैमाने पर सामने आए हैं और हैवानियत की निंदा की है, वह अंधेरे में रोशनी की एक किरण है.
मौलाना अरशद मदनी ने कहा कि हमारा देश प्यार और मोहब्बत का देश है और यह एक धार्मिक मुल्क है. लोगों के हाथों में क़ानून देना गलत है. उन्होंने कहा कि देश की बड़ी आबादी देश में अमन और शांति चाहती है. उन्हों ने कहा कि सड़कों पर उतरना गलत है. उन्होंने कहा कि अगर देश में शांति और भाईचारा नहीं होगा तो लोग किस तरह रहेंगे, सत्ता में बैठे लोगों को इस पर गंभीर चिंता करनी चाहिए .