आम आदमी पार्टी के अब तक के सारे चंदे को अवैध बताते हुए उसको टैक्स के दायरे में लाना बदले की राजनीति का परिणाम है। केंद्र में बैठी भारतीय जनता पार्टी राजनीतिक कारणों से आम आदमी पार्टी के ख़िलाफ़ यह कार्रवाई करा रही है।
आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एंव दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि ‘भारत के इतिहास में आम आदमी पार्टी ही एक ऐसी पार्टी है जो अपने चंदे के एक-एक रुपए का पूरा हिसाब ना केवल व्यवस्थित करती है बल्कि उसे चुनाव आयोग समेत जांच एजेंसियों को सौंपती है। पार्टी को अगर कोई 10 रुपए का भी चंदा देता है तो उसका भी पूरा बही-खाता पार्टी के पास मौजूद रहता है।'
“पिछले दिनों जैसे ही दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने यह अपील की, कि गुजरात के लोग बीजेपी को वोट ना दें और बीजेपी को हराना ही हम सबका मकसद है, उसके बाद इनकम टैक्स का नोटिस पार्टी को भेज दिया गया। बीजेपी इस देश के आम आदमी की मेहनत की कमाई को अवैध ठहराते हुए उसकी आवाज़ को दबाना चाहती है “
‘भारतीय जनता पार्टी ने खुद स्वीकार किया है कि उसका 87 प्रतिशत चंदा अज्ञात स्रोतों से आता है और बीजेप-कांग्रेस दोनों ही पार्टियों को विदेशों से अवैध चंदे के मामले में हाईकोर्ट ने दोषी पाया था और चुनाव आयोग को इन पार्टियों पर कार्रवाई करने की सिफ़ारिश की थी लेकिन देश की वर्तमान मोदी सरकार ने रैट्रोस्पैक्टिव इफ़ैक्ट के साथ कानून को बदल दिया और अपनी धांधली को छुपा लिया।
'आम आदमी पार्टी अपने एक-एक दानदाता के एक-एक रुपए के दान को सार्वजनिक करती है और दूसरी पार्टियों को हम चुनौती देते हैं कि अगर उनमें हिम्मत है तो अपने खातों की जानकारी जनता के सामने रखें।
इस देश का आम आदमी अपनी मेहनत की कमाई में से पैसे बचा कर 10 रुपए, 100 रुपए और 500 रुपए तक का योगदान अपनी आम आदमी पार्टी को देता है। जबकि बीजेपी-कांग्रेस जैसी पार्टियां करोड़ों रुपए अडानी-अंबानी जैसे उद्योगपतियों से और अज्ञात स्रोतों से लेती है और उनके ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की जाती है। देश की जनता यह सबकुछ देख रही है।