नई दिल्ली, वतन समाचार न्यूज़:
वक्फ संपत्तियों को बचाने के लिए यूनाइटेड मुस्लिम्स फ्रंट की लड़ाई को राष्ट्रीए सत्र पर ले जाने और इसे राष्ट्र हित से जोड़ने वाले वाले UMF के राष्ट्रीय अध्यक्ष
एडवोकेट शाहिद अली की ओर से मीडिया को जारी बयान में कहा गया है कि माननीय न्यायालय के आदेश का उल्लंघन करते हुए सरकारी एजेंसियों ने सिर्फ मुस्लिम धर्म स्थलों को ही निशाना बनाया.
शाहिद अली ने कहा कि जब माननीय न्यायालय ने बवाना मेट्रो विहार के सभी गैरक़ानूनी धार्मिक स्थलों को गिराने का आदेश दिया था उस के बावजूद इलाके मस्जिद को सिर्फ निशाना बनाया जाना शर्मनाक है. उन्हों ने कहा कि अदालत ने मस्जिदों, मंदिरों समेत तमाम धार्मिक स्थलों को गिराने का आदेश दिया है तो फिर सिर्फ मस्जिद को निशाना बनाने का क्या मतलब है.
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एडवोकेट शाहिद अली ने अपने बयान में कहा कि हमारी टीम ने इसी का विरोध किया जिसके बाद हमारे 64 साथियों को गिरफ्तार करके पुलिस थाने ले गई. मेट्रो विहार होलंबी कलां बवाना स्थित मस्जिद बिलाल को पुलिस का कवच ले कर गिरा दिया गया.
उन्हों ने कहा कि हमारी देश के सभी समुदाय के लोगों से अपील है कि वह क़बून की बालादस्ती के लिए आगे आयें. शहिद अली ने बताया कि गिरफ्तार किए गए हमारे साथियों को बवाना पुलिस स्टेशन में रखा गया था जिसे हम माननीय न्यायालय के सामने रखेंगे. उन्हें ने बताया कि हमारे साथी तो आज़ाद हो गये, लेकिन मस्जिद नहीं बचाई जा सकी.
शाहिद अली ने अपने बयान में आगे कहा कि वह माननीय न्यायालय के सामने पूरे मामले को रखेंगे. उन्होंने कहा कि उनकी कोशिश है कि ऐसी स्थिति पैदा न हो जिस से लॉ एंड आर्डर खराब हो. उन्होंने कहा कि हमारे सभी साथी शांति पूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन उसके बावजूद पुलिस की कार्यवाही निंदनीय है.
उन्होंने कहा कि इस मामले को हम अदालत के सामने रखेंगे और न्यायालय से इंसाफ की गुहार लगाएंगे, हमें अदालत से न्याय की पूरी उम्मीद है.