Hindi Urdu TV Channel

NEWS FLASH

...उनके हाथों में गुजरात का भविष्य मत दीजिए

||

तारिक अनवर गुजरात विधानसभा चुनावके लिए प्रचार का दौर पूरी तरह से थम गया है. 9 दिसंबर को हुई वोटिंग के बाद कल यानी 14 दिसंबर को दूसरे चरण के लिए वोटिंग होगी. गुजरात विधानसभा चुनाव के दौरान भारत की राजनीति में जो अख्लाकी ज़वाल आया है वह उस से पहले कभी भी नहीं देखने को मिला था. इस बात को देश और खास कर गाँधी के गुजरात को किसी भी कीमत पर नहीं भूलना चाहिए और इस का बदला उन लोगों से लेना चाहिए जिन्हों ने सियासत की क़द्रों को धूमिल किया है. प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी जी ने जिस तरह से अख्लाकी क़दरों को पामाल करते हुए पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह के साथ-साथ जिस तरह से पूर्व उपराष्ट्रपति, पूर्व सेनाध्यक्षों, पूर्व आर्मी चीफ, पूर्व विदेश सचिव, फॉरेन अफेयर्स से संबंधित मामले देखने वाले पूर्व अधिकारियों के साथ साथ पूर्व नोकर शाहों को जिस तरह से कटघरे में खड़ा करके गुजरात की सियासी जंग में पेट्रोल छिड़कने का काम किया है वह किसी से छुपा नहीं है. प्रधानमंत्री के तौर पर इस बात की नरेंद्र मोदी जी से अपेक्षा नहीं की जा सकती थी कि वह चुनाव जितने के लिए उस व्यक्ति उंगली उठाएंगे जिसकी ईमानदारी सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया तस्लीम करती है. बीते रोज़ अपने दौरे के दौरान अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा ने जिस तरह से पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह की प्रशंसा की थी उस से देश का नाम हुआ था. प्रधानमंत्री के तौर पर डॉ मनमोहन सिंह ने जिस तरह से भारत को आर्थिक संकट से निकाल कर एक नए युग में लाने की कोशिश की और उसके बाद प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी जिस तरह से भारत को संकट की ओर ले जा रहे हैं वह भी किसी से छुपा हुआ नहीं है. प्रधानमंत्री के तौर पर डॉक्टर मनमोहन सिंह ने करोड़ों रोजगार पैदा किए. उन्होंने उद्योग सेक्टर को नई दिशा देने की कोशिश की. बैंकों को संकट से निकालने की ओर क़दम बढाया. हर वह फैसले लिए जिस से आम जन को फायदा होता हो. मनरेगा से लेकर ऐसी कई स्कीम प्रधानमंत्री के तौर पर डॉक्टर मनमोहन सिंह ने शुरू की जिस से गरीबों के घरों में रौशनी फैली. प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह का रिकॉर्ड इतना सुंदर है कि उन्होंने कभी किसी पर कटाक्ष नहीं किया. मोहतरमा सुषमा स्वराज के कटाक्ष का जवाब देते हुए डॉक्टर मनमोहन सिंह ने कहा था कि: माना कि तेरी दीद के काबिल नहीं हूं मैं तू मेरा शौक देख मेरा इंतजार देख इस से उनकी सभ्यता का अंदाजा लगाया जा सकता है. कोई भी ऐसा दिन नहीं आया जब दुनिया ने प्रधानमंत्री के तौर पर मनमोहन सिंह के फैसलों की निंदा की हो. उन्हों ने हर एक को छूने और उसे बेहतर से बेहतर बनाने की कोशिश की, मगर जिस तरह से मोदी जी ने किया वह भी किसी से छुपा हुआ नहीं. आज जब कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें धड़ाम हो चुकी हैं ऐसे दौर में 80₹ और 70₹ पेट्रोल और डीजल का बिकना इस बात का संकेत है कि नरेंद्र भाई मोदी की अगुवाई वाली हमारी मौजूदा सरकार पूरी तरह से विफल हो चुकी है. प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी के नोटबंदी वाले फैसले ने जिस तरह से भारत के बाजारों में अफरा-तफरी पैदा की और रोजगार में बड़े पैमाने पर कमी आयी, वह ज़ख्म अभी भरा नहीं था कि जीएसटी को जिस तरह से आधा-अधूरा नाफ़िज़ किया गया उसने पूरी तरह से तबाह कर दिया. प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी के गलत फैसलों की कीमत जिस तरह से गरीब आदमी को चुकानी पड़ रही है उसका नमूना अभी कल एक बार फिर देश के सामने आ चुका है. प्रोडक्शन ग्रोथ न सिर्फ कम हुआ, बल्कि रिटेल में महंगाई में बढ़ोतरी ने बुरे दिनों का संकेत दे दिया है और अच्छे दिनों का तो कोई पता ही नहीं है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से डॉक्टर मनमोहन सिंह की विश्वसनीयता को ठेस पहुंचाया है उसकी जितनी निंदा की जाए कम है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी समेत देश के कई नेताओं ने इस की निंदा करते हुए कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को शर्म आनी चाहिए. मोदी जी ने जिस भाषा का उपयोग किया है उसकी उन से अपेक्षा नहीं थी. यह पहला मौका नहीं है जब मनमोहन सिंह जी पर मोदी जी ने हमला किया है. इससे पहले प्रधानमंत्री के तौर पर पार्लिमेंट के ऊपरी सदन को संबोधित करते हुए नरेंद्र मोदी जी ने जिस तरह से डॉक्टर मनमोहन सिंह को निशाना बनाया था उसकी भी सदन और सदन के बाहर निंदा की गई थी. मोदी जी ने कहा था "बाथरूम में रेनकोट पहनकर नहाने का हुनर कोई डॉक्टर साहब से सीखे". चुनाव जीतने के लिए जिस तरह के शब्द और भाषा का प्रयोग भारतीय जनता पार्टी के नेताओं और प्रधानमंत्री द्वारा किए जा रहे हैं, उसकी मिसाल भारत की तारीख में इससे पहले कभी भी देखने को नही मिली थी. दुनिया जानती है कि भारत सभ्य देश है और भारत की "अख्लाक" के मामले में दुनिया मिसाल भी देती है, लेकिन 2014 के बाद से इनको जिस तरह से धूमिल करने की कोशिश हुई है उसको भी नकारा नहीं जा सकता है.
गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे क्या होंगे यह तो 18 दिसंबर को ही पता लगेगा, लेकिन जनता के तौर पर गुजरात वालों की जिम्मेदारी पूरी तरह से ऐसे लोगों को सत्ता से दूर रखने की है जो हर संभव देश के लोगों में विभाजन चाहते हैं. एक दूसरे को धर्म के आधार पर न सिर्फ बांटना चाहते हैं बल्कि लड़ाना भी चाहते हैं. गुजरात की जनता को भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जरूर पूछना चाहिए कि 2-3 करोड़ सालाना रोजगार पैदा करने के वादे का क्या हुआ? जिस तरह से मंदिर-मस्जिद में डेवलपमेंट के मुद्दों को भुला दिया गया, जनता को उसे नहीं भूलना चाहिए, क्योंकि मंदिर हो या मस्जिद यह आदमी का अपना व्यक्तिगत मामला होता है. उसको फैसला करना है कि वह मंदिर जाए या मस्जिद.
प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी जी की जो जिम्मेदारी है उसको वह निभाने में अब तक पूरी तरह से विफल हुए हैं. 2014 से पहले हर किसी को इस बात की उम्मीद थी कि 2014 के बाद नए भारत की शुरूआत होगी और प्रधानमंत्री के तौर पर नरेंद्र मोदी कुछ नया करने की कोशिश करेंगे, लेकिन उन्होंने जिस तरह से भारत की जड़ों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की है और एक मर्तबा नहीं बल्कि कई मर्तबा अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने भारत के लोगों की तौहीन की है उसे हमें नहीं भूलना चाहिए, इसलिए जब आप वोट कर रहे हों तो आपके सामने रोजगार से लेकर आपके बच्चों की सुरक्षा, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसे तमाम मुद्दे होने चाहिए जो मंदिर-मस्जिद के दरमियान धूमिल कर दिए गए हैं. email:- tariqanwarindia@gmail.com (तारिक़ अनवर वरिष्ठ पत्रकार, सांसद और भारत सरकार के पूर्व मंत्री हैं, यह लेखक का व्यक्तिगत विचार है, लेखक के विचारों से ‘वतन समाचार’ की सहमती जरूरी नहीं है।)

ताज़ातरीन ख़बरें पढ़ने के लिए आप वतन समाचार की वेबसाइट पर जा सक हैं :

https://www.watansamachar.com/

उर्दू ख़बरों के लिए वतन समाचार उर्दू पर लॉगिन करें :

http://urdu.watansamachar.com/

हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करना न भूलें :

https://www.youtube.com/c/WatanSamachar

ज़माने के साथ चलिए, अब पाइए लेटेस्ट ख़बरें और वीडियो अपने फ़ोन पर :

https://t.me/watansamachar

आप हमसे सोशल मीडिया पर भी जुड़ सकते हैं- ट्विटर :

https://twitter.com/WatanSamachar?s=20

फ़ेसबुक :

https://www.facebook.com/watansamachar

यदि आपको यह रिपोर्ट पसंद आई हो तो आप इसे आगे शेयर करें। हमारी पत्रकारिता को आपके सहयोग की जरूरत है, ताकि हम बिना रुके बिना थके, बिना झुके संवैधानिक मूल्यों को आप तक पहुंचाते रहें।

Support Watan Samachar

100 300 500 2100 Donate now

You May Also Like

Notify me when new comments are added.

Poll

Would you like the school to institute a new award, the ADA (Academic Distinction Award), for those who score 90% and above in their annual aggregate ??)

SUBSCRIBE LATEST NEWS VIA EMAIL

Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.

Never miss a post

Enter your email address to subscribe and receive notifications of latest News by email.